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दारोगा का बेटा बनेगा IPS, यूपीएससी में आई 503वीं रैंक - यूपीएससी की न्यूज

झांंसी में दारोगा के बेटे की यूपीएससी की परीक्षा में 503वीं रैंक आई है. दूसरे प्रयास में ही उसे सफलता मिल गई. बेटे की इस सफलता से माता-पिता गदगद हैं.

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Published : May 24, 2023, 11:03 AM IST

झांसीः जिले के दारोगा श्याम सुन्दर यादव का बेटा गौरव यादव यूपीएससी में 503वीं रैंक लाया है. कभी प्राइवेट सेक्टर में जाने की इच्छा रखने वाले गौरव को जब माता-पिता ने हौंसला दिया तो उसने मन लगाकर पढ़ाई की और दूसरे ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली. उसकी इस सफलता से परिजन गदगद हैं.

गौरव ने आर्मी स्कूल से 2014 में दसवीं 93% अंक और 2016 में 12वीं 95% अंक से पास की थी. इसके बाद स्नातक करने वह दिल्ली चले गए. हिंदू कॉलेज में एडमिशन लेकर एनसीसी ज्वाइन की. ग्रामीण क्षेत्रों में काम किया. इकोनॉमिक्स से स्नातक करने के बाद ही वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गए.

26 साल के गौरव यादव झांसी महानगर के सीपरी बाजार थाना के पास रहते हैं. उनके पिता श्याम सुंदर यादव यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं. वह झांसी के कई थानों में रह चुके हैं और वह सिपाही से दारोगा बने थे. वर्तमान में वह आगरा में तैनात हैं. वहीं, उनकी मां गृहिणी हैं. बड़े भाई सौरव भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं.

गौरव यादव ने बताया कि जब 2021-22 में उन्होंने एग्जाम दिया तो सफल नहीं हो पाए. उन्होंने प्राइवेट नौकरी करने का मन बनाया. माता-पिता ने हौंसला दिया. इसके बाद उन्होंने कमियों को दूर करने का काम शुरू किया.

उन्होंने कहा कि आंसर राइटिंग एक महत्वपूर्ण रोल प्ले करता है. आंसर राइटिंग पर काम किया और सफलता मिल गई. गौरव यादव बताते हैं उनकी इस सफलता में सोशल मीडिया का काफी सहारा मिला. सिलेबस बहुत ज्यादा था, तब टॉपर के वीडियो देखे और इससे कॉमन नोट्स बनाए. उन नोट्स को पढ़ा. जहां लगा, उसमें माइनर चेंज किए. अपने लक्ष्य को तय किया. ये तय किया है कि कौन-कौन से कोर्स पढ़ने हैं. इसके बाद कई बार रिवीजन किया. रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई करता था. इसी मेहनत की बदौलत 503वीं रैंक आ गई.

यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को सलाह देते हुए गौरव यादव ने कहा कि सबसे पहले कोर्स को डिसाइड कर लें. हर तरह के कोर्स को नहीं पढ़ें, कम पढें, लेकिन मन लगाकर पढें. जरूरी नहीं है कि 18-20 घंटे की पढ़ाई करें. हर दिन पढ़िए. अपनी तैयारी को जज जरूर करते रहिए. सफलता जरूर मिलेगी. वहीं, पूर्व के नतीजों के आधार पर उनको आईपीएस कैडर मिलने की पूरी संभावना है. अगर ऐसा हुआ तो पिता एसआई हैं और बेटा आईपीएस अधिकारी बन जाएगा.

ये भी पढ़ें: काशी विश्वनाथ मंदिर में पैसे लेकर स्पर्श दर्शन करवाने वाले 2 कर्मचारी गिरफ्तार

झांसीः जिले के दारोगा श्याम सुन्दर यादव का बेटा गौरव यादव यूपीएससी में 503वीं रैंक लाया है. कभी प्राइवेट सेक्टर में जाने की इच्छा रखने वाले गौरव को जब माता-पिता ने हौंसला दिया तो उसने मन लगाकर पढ़ाई की और दूसरे ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली. उसकी इस सफलता से परिजन गदगद हैं.

गौरव ने आर्मी स्कूल से 2014 में दसवीं 93% अंक और 2016 में 12वीं 95% अंक से पास की थी. इसके बाद स्नातक करने वह दिल्ली चले गए. हिंदू कॉलेज में एडमिशन लेकर एनसीसी ज्वाइन की. ग्रामीण क्षेत्रों में काम किया. इकोनॉमिक्स से स्नातक करने के बाद ही वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गए.

26 साल के गौरव यादव झांसी महानगर के सीपरी बाजार थाना के पास रहते हैं. उनके पिता श्याम सुंदर यादव यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं. वह झांसी के कई थानों में रह चुके हैं और वह सिपाही से दारोगा बने थे. वर्तमान में वह आगरा में तैनात हैं. वहीं, उनकी मां गृहिणी हैं. बड़े भाई सौरव भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं.

गौरव यादव ने बताया कि जब 2021-22 में उन्होंने एग्जाम दिया तो सफल नहीं हो पाए. उन्होंने प्राइवेट नौकरी करने का मन बनाया. माता-पिता ने हौंसला दिया. इसके बाद उन्होंने कमियों को दूर करने का काम शुरू किया.

उन्होंने कहा कि आंसर राइटिंग एक महत्वपूर्ण रोल प्ले करता है. आंसर राइटिंग पर काम किया और सफलता मिल गई. गौरव यादव बताते हैं उनकी इस सफलता में सोशल मीडिया का काफी सहारा मिला. सिलेबस बहुत ज्यादा था, तब टॉपर के वीडियो देखे और इससे कॉमन नोट्स बनाए. उन नोट्स को पढ़ा. जहां लगा, उसमें माइनर चेंज किए. अपने लक्ष्य को तय किया. ये तय किया है कि कौन-कौन से कोर्स पढ़ने हैं. इसके बाद कई बार रिवीजन किया. रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई करता था. इसी मेहनत की बदौलत 503वीं रैंक आ गई.

यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को सलाह देते हुए गौरव यादव ने कहा कि सबसे पहले कोर्स को डिसाइड कर लें. हर तरह के कोर्स को नहीं पढ़ें, कम पढें, लेकिन मन लगाकर पढें. जरूरी नहीं है कि 18-20 घंटे की पढ़ाई करें. हर दिन पढ़िए. अपनी तैयारी को जज जरूर करते रहिए. सफलता जरूर मिलेगी. वहीं, पूर्व के नतीजों के आधार पर उनको आईपीएस कैडर मिलने की पूरी संभावना है. अगर ऐसा हुआ तो पिता एसआई हैं और बेटा आईपीएस अधिकारी बन जाएगा.

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