झांसी: एक तरफ प्रदेश सरकार लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की फर्श पर लिटाकर करने का मामला सामने आया है. इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं.
दरअसल ककरबई थानाक्षेत्र के ग्राम धनौरा में एक ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से उसमें सवार एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि 35 अन्य लोग घायल हो गए. घायलों को जब इलाज के लिए गुरसराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, तो मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि बेड उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने घायलों को फर्श पर लिटा दिया और इसके बाद इलाज शुरू किया गया. यहां इलाज के दौरान घायल महिलाएं और बच्चे भी फर्श पर लेटे नजर आए. इनमें से 17 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया.
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इस दुर्घटना में जालौन जनपद के एट के रहने वाले राजकुमार की नौ साल की बेटी काजल की मौत हो गई. घटना उस समय हुई, जब शादी से जुड़ी एक परंपरा को पूरा करने के बाद सभी लोग ट्रैक्टर पर सवार होकर वापस एट जा रहे थे. रास्ते में ट्रैक्टर चकनट टूटने के कारण अनियंत्रित हो गया और ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क किनारे खाई में पलट गई. इस हादसे में ट्रॉली पर सवार बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए. इस मामले में झांसी मण्डल की अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ अल्पना बरतारिया ने ईटीवी भारत से कहा कि फर्श पर मजीजों का इलाज किया जाना गलत है. इस बारे में वो गुरसराय सीएचसी अधीक्षक से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगी.