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सरकारी अस्पताल में घायलों का फर्श पर लिटाकर किया इलाज

उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर सवालिया निशान लगे हैं. झांसी में ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने के कारण हुई दुर्घटना के बाद मरीजों को गुरसराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. लेकिन यहां इनका इलाज फर्श पर लिटाकर किया गया.

treatment on floor
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Published : Jul 10, 2021, 10:33 AM IST

Updated : Jul 10, 2021, 10:55 AM IST

झांसी: एक तरफ प्रदेश सरकार लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की फर्श पर लिटाकर करने का मामला सामने आया है. इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं.

दरअसल ककरबई थानाक्षेत्र के ग्राम धनौरा में एक ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से उसमें सवार एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि 35 अन्य लोग घायल हो गए. घायलों को जब इलाज के लिए गुरसराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, तो मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि बेड उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने घायलों को फर्श पर लिटा दिया और इसके बाद इलाज शुरू किया गया. यहां इलाज के दौरान घायल महिलाएं और बच्चे भी फर्श पर लेटे नजर आए. इनमें से 17 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया.

ये भी पढ़ें- आज होगा ब्लॉक प्रमुख पद का चुनाव, 476 पदों पर होगी जोर आजमाइश

इस दुर्घटना में जालौन जनपद के एट के रहने वाले राजकुमार की नौ साल की बेटी काजल की मौत हो गई. घटना उस समय हुई, जब शादी से जुड़ी एक परंपरा को पूरा करने के बाद सभी लोग ट्रैक्टर पर सवार होकर वापस एट जा रहे थे. रास्ते में ट्रैक्टर चकनट टूटने के कारण अनियंत्रित हो गया और ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क किनारे खाई में पलट गई. इस हादसे में ट्रॉली पर सवार बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए. इस मामले में झांसी मण्डल की अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ अल्पना बरतारिया ने ईटीवी भारत से कहा कि फर्श पर मजीजों का इलाज किया जाना गलत है. इस बारे में वो गुरसराय सीएचसी अधीक्षक से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगी.

झांसी: एक तरफ प्रदेश सरकार लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की फर्श पर लिटाकर करने का मामला सामने आया है. इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं.

दरअसल ककरबई थानाक्षेत्र के ग्राम धनौरा में एक ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से उसमें सवार एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि 35 अन्य लोग घायल हो गए. घायलों को जब इलाज के लिए गुरसराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, तो मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि बेड उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने घायलों को फर्श पर लिटा दिया और इसके बाद इलाज शुरू किया गया. यहां इलाज के दौरान घायल महिलाएं और बच्चे भी फर्श पर लेटे नजर आए. इनमें से 17 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया.

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इस दुर्घटना में जालौन जनपद के एट के रहने वाले राजकुमार की नौ साल की बेटी काजल की मौत हो गई. घटना उस समय हुई, जब शादी से जुड़ी एक परंपरा को पूरा करने के बाद सभी लोग ट्रैक्टर पर सवार होकर वापस एट जा रहे थे. रास्ते में ट्रैक्टर चकनट टूटने के कारण अनियंत्रित हो गया और ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क किनारे खाई में पलट गई. इस हादसे में ट्रॉली पर सवार बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए. इस मामले में झांसी मण्डल की अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ अल्पना बरतारिया ने ईटीवी भारत से कहा कि फर्श पर मजीजों का इलाज किया जाना गलत है. इस बारे में वो गुरसराय सीएचसी अधीक्षक से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगी.

Last Updated : Jul 10, 2021, 10:55 AM IST
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