झांसी: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रविवार को झांसी में पौधारोपण अभियान में हिस्सा लेने पहुंची. यहां उन्होंने स्थानीय जन प्रतिनिधियों और वन विभाग के अफसरों के साथ सिमरधा के निकट तैयार औषधीय वाटिका में पौधारोपण किया. पौधारोपण के बाद उन्होंने आईटीआई के निकट वृद्धावस्था आश्रम पहुंचकर वहां रहने वाले बुजुर्गों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. यहां से वे जिला कारागार पहुंची और महिला बंदियों से मुलाकात की.
वृक्षारोपण कार्यक्रम में बोलतीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान मंच पर अफसरों और दर्शक दीर्घा में जन प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था राज्यपाल को रास नहीं आई. यहां मंच पर राज्यपाल के साथ राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व कुछ अन्य अफसरों के बैठने की व्यवस्था थी. चार विधायकों, एक एमएलसी, मेयर व जिला पंचायत अध्यक्ष को दर्शक दीर्घा में पहली पंक्ति में बैठाया गया था. राज्यपाल ने तत्काल हस्तक्षेप कर सभी विधायकों, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मंच पर बैठने का इंतजाम करने को कहा और सभी को मंच पर बुलवाया.सिमरधा में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को चेक और प्रमाण पत्र प्रदान किया. इसके साथ ही विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों के स्टालों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया. कार्यक्रम के दौरान वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, विधायक रवि शर्मा, राजीव सिंह पारीछा, जवाहर लाल राजपूत, बिहारी लाल आर्य, मेयर रामतीर्थ सिंघल और जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम मौजूद रहे.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि जब तक कोरोना नहीं था, तब तक पौधों के महत्व का हमें पता ही नहीं था. जब हॉस्पिटल में जाते थे और ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी तो ऑक्सीजन-ऑक्सीजन चिल्लाते थे. अब सबको पता चल गया कि ऑक्सीजन कहां से आती है. हमारा जीवन बचाने के लिए पौधा और पेड़ यह काम करता है. सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला पेड़ पीपल का है जो चौबीस घंटे ऑक्सीजन देता है.