झांसी: रानी लक्ष्मी बाई के किले की पहाड़ी की अवैध खुदाई कर स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के तहत पाथ-वे बनवाया जा रहा है. इसके चलते पहाड़ी को काटा जा रहा है. इससे पहाड़ी कमजोर और उसमें से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे है. इसके खिलाफ बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने आवाज उठाई है. कहा कि वह किसी भी कीमत पर रानी लक्ष्मी बाई के किले की पहाड़ी की नींव को हिलने नहीं देंगे. यही नहीं, महारानी की आन और उनकी धरोहर को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी भी लगा देंगे.
इस संबंध में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय का कहना है स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के तहत पाथ वे बनवाने के लिए रानी लक्ष्मी बाई के किले की पहाड़ी पिछले दो महीने से लगातार काटी जा रही है. इसे रोकने के लिए उनके द्वारा कई बार संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाई गई. कहा गया कि यह सिर्फ पहाड़ी नहीं बल्कि किले की नींव है. इस अवैध निर्माण से किला गिर सकता है जबकि एक्ट खुद इस निर्माण की अनुमति नहीं देता. इसे लेकर उन्होंने आरटीआई भी डाली थी.
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सूचना के अधिकार में झांसी के पुरातत्व विभाग ने बताया कि झांसी दुर्ग और दुर्ग के चतुर्दिक भूमि भी केंद्रीय संरक्षित स्मारक रानी झांसी के किले का हिस्सा है जोकि भारत सरकार द्वारा केंद्रीय स्मारक की सूची में अधिसूचित है. भारतीय पुरातत्व सर्वे के एक्ट में प्रावधान है कि प्राचीन स्मारक, पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम 2010 के अनुसार हमारी विरासत को सुरिक्षत और संरक्षित रखना है. यह राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के प्रतिषिद्ध क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण, चाहे वह लोक परियोजना ही क्यों न हो, न होने देने के सरकार के दृढ़ निश्चय को प्रदर्शित करता है.
वहीं, बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने आगे कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों, महापौर से कार्य रुकवाने का आग्रह किया साथ ही संबंधित विभाग से सूचना के अधिकार में पहाड़ी पर कार्य करने का अनुमति पत्र मांगा. उनकी तरफ से कुछ जवाब नहीं आया. इसके बाद मंगलवार को उन्होंने महापौर, नगर आयुक्त, स्मार्ट सिटी और पुरातत्व विभाग के दो-दो अधिकारियों सहित संबधित अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दर्ज कर अवैध रूप से किए जा रहे कार्य को रुकवाने की मांग की है.
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