झांसीः फतेहपुर जनपद के कोतवाली (Fatepar Kotwali) क्षेत्र में दर्ज हत्या के मुकदमे का मृतक झांसी में जिंदा मिल गया है. जबकि उसकी मां ने पत्नी, बेटा, साली समेत 4 पर हत्या का मामला दर्ज करा दिया था. उसके बेटे को पता चला तो वह झांसी पहुंचकर पिता को पुलिस से गिरफ्तार करवा दिया. गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने कहा कि पत्नी से झगड़े में कोर्ट में इतने मुकदमें थे कि मेरी लड़ने की हैसियत नहीं थी इसलिए झांसी में किराए पर रह कर जोमेटो कंपनी में जॉब करने लगा.
बता दें कि फतेहपुर निवासी जियाउर्र रहमान (45) की शादी 2001 में उन्नाव की सूफिया खातून से हुई थी. उनका 19 साल का बेटा अजीम है. रहमान का कहना है कि “पत्नी चाहती थी कि मैं उन्नाव में रहूं. शादी के बाद उन्नाव में रहने लगा. मैं फतेहपुर रहना चाहता था लेकिन पत्नी ने मेरे ऊपर 5 साल पहले दहेज का मुकदमा दर्ज करा दिया था.
रहमान का कहना है कि उसकी पत्नी की बड़ी बहन अविवाहित है और सरकारी टीचर है. इसलिए पत्नी को उसका सपोर्ट मिलता था. इसलिए वह केस लड़ता रहा लेकिन पत्नी ने अपनी बहन की शह पर कोर्ट में उसके ऊपर कई मामले दर्ज करा दिए गए. मेरी केस लड़ने की हैसियत नहीं हुई तो जून 2021 में छुपकर झांसी आ गया. यहां काम के बदले 8 हजार रुपए वेतन पर नौकरी करने लगा.
वहीं जियाउर्र रहमान के अचानक लापता होने के बाद उसकी मां सावरा बेगम ने कोर्ट में इस्तेगासा दायर कर 9 जून 2022 को फतेहपुर कोतवाली में पत्नी सूफिया खातून, बहन राबिया, बेटे अजीम और सास मुश्तरी बेगम पर हत्या का केस दर्ज करा दिया. सवा साल से लापता जियाउर्र रहमान को सभी मरा हुआ मान चुके थे.
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इस बीच जियाउर्र रहमान उन्नाव में कई साल रहा और वहां ऑटो चलाता था इसलिए कई लोगों से उसकी जान पहचान हो गई थी. उनसे कभी कभी बातचीत भी करता रहता था. उन्हीं के जरिए बेटे अजीम को पता चला कि उसका पिता झांसी में है. वह कार से झांसी पहुंचा और पिता को पुलिस के हवाले कर दिया. सीओ सिटी राजेश राय का कहना है कि सब लोग जियाउर्र रहमान को मरा समझ चुके थे अब वो जिंदा मिला है. साजिश में कौन-कौन शामिल है. इसकी जांचकर आगे की कार्रवाई फतेहपुर कोतवाली करेगी.
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