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गेहूं क्रय केंद्रों की संख्या कम होने पर किसान संगठन ने उठाये सवाल

यूपी के झांसी मण्डल में गेहूं क्रय केंद्रों की संख्या कम होने पर किसान संगठनों ने सवाल उठाये हैं. किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने इसे मंडियों को खत्म करने की साजिश करार दिया है.

गेंहू क्रय केंद्रों की संख्या कम
गेंहू क्रय केंद्रों की संख्या कम
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Published : Apr 13, 2021, 11:22 AM IST

Updated : Apr 16, 2021, 3:19 PM IST

झांसी: मण्डल के तीन जिलों झांसी, ललितपुर और जालौन में 265 गेंहू क्रय केंद्र शुरू करने के लिए खाद्य आयुक्त ने जिलों से प्रस्ताव मांगे थे, लेकिन तीनों जिलों से 163 खरीद केंद्रों के ही प्रस्ताव भेजे गए. झांसी मण्डल के तीनों जिलों में लक्ष्य से 102 कम सिर्फ 163 क्रय केंद्र शुरू हो सके हैं. किसान संगठन इसे लेकर शासन और प्रशासन की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं.इतना ही नहीं किसान रक्षा पार्टी के अध्यक्ष ने इस कदम को मंडियों को खत्म करने की साजिश का हिस्सा बताया है.

किसान संगठन ने उठाये सवाल.

उठाए सवाल
किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि सरकार के आदेश का यदि अधिकारी क्रियान्वयन नहीं करते हैं तो उन्हें दण्डित करना चाहिए. जो तीन कृषि बिल लागू हुए हैं, यह उनका एक हिस्सा है. यह लोग मंडियों को खत्म करना और किसानों के गेहूं को सीधे पूंजीपतियों तक पहुंचाना चाहते हैं. सरकार झांसी मण्डल में 265 क्रय केंद्र खोलने के आदेश तो दे रही है, लेकिन जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत आदेश ऐसे होंगे कि अधिक क्रय केंद्र न खोले जाएं.

इसे भी पढ़ें- पुलिस और राजस्व विभाग का किसानों ने किया विरोध, जानें क्या था मामला


मंडियों में लग रही लंबी-लंबी लाइन
विदुआ ने कहा कि तीन जिलों में 102 क्रय केंद्र क्यों नहीं खोले गए. मंडियों में लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं और घूस चल रही है. खरीद केंद्रों की संख्या कम होने से किसानों का ग़ल्ला औने-पौने दामों पर बिकेगा. जब मंडी में लाइन लग जायेगी, देरी होगी तो किसान मजबूरी में दूसरी जगह प्राइवेट में बेचेंगे और किसानों का ग़ल्ला पूंजीपतियों के गोदाम में पहुंचेगा.

झांसी: मण्डल के तीन जिलों झांसी, ललितपुर और जालौन में 265 गेंहू क्रय केंद्र शुरू करने के लिए खाद्य आयुक्त ने जिलों से प्रस्ताव मांगे थे, लेकिन तीनों जिलों से 163 खरीद केंद्रों के ही प्रस्ताव भेजे गए. झांसी मण्डल के तीनों जिलों में लक्ष्य से 102 कम सिर्फ 163 क्रय केंद्र शुरू हो सके हैं. किसान संगठन इसे लेकर शासन और प्रशासन की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं.इतना ही नहीं किसान रक्षा पार्टी के अध्यक्ष ने इस कदम को मंडियों को खत्म करने की साजिश का हिस्सा बताया है.

किसान संगठन ने उठाये सवाल.

उठाए सवाल
किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि सरकार के आदेश का यदि अधिकारी क्रियान्वयन नहीं करते हैं तो उन्हें दण्डित करना चाहिए. जो तीन कृषि बिल लागू हुए हैं, यह उनका एक हिस्सा है. यह लोग मंडियों को खत्म करना और किसानों के गेहूं को सीधे पूंजीपतियों तक पहुंचाना चाहते हैं. सरकार झांसी मण्डल में 265 क्रय केंद्र खोलने के आदेश तो दे रही है, लेकिन जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत आदेश ऐसे होंगे कि अधिक क्रय केंद्र न खोले जाएं.

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मंडियों में लग रही लंबी-लंबी लाइन
विदुआ ने कहा कि तीन जिलों में 102 क्रय केंद्र क्यों नहीं खोले गए. मंडियों में लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं और घूस चल रही है. खरीद केंद्रों की संख्या कम होने से किसानों का ग़ल्ला औने-पौने दामों पर बिकेगा. जब मंडी में लाइन लग जायेगी, देरी होगी तो किसान मजबूरी में दूसरी जगह प्राइवेट में बेचेंगे और किसानों का ग़ल्ला पूंजीपतियों के गोदाम में पहुंचेगा.

Last Updated : Apr 16, 2021, 3:19 PM IST
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