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किसानों ने मंडी गेट पर जड़ा ताला, पढ़ें क्यों थे नाराज

झांसी जिले के मोठ कस्बे में शुक्रवार को धान की खरीद नहीं होने से नाराज किसानों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान किसान मंडी गेट पर ताला जड़कर धरने पर बैठ गए.

किसानों का प्रदर्शन
किसानों का प्रदर्शन
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Published : Nov 27, 2020, 3:42 PM IST

झांसीः जनपद के मोठ कस्बे में स्थित मंडी में धान खरीद न होने से नाराज किसानों ने भाजपा नेताओं के साथ मंडी के गेट पर शुक्रवार को ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए. किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार के आदेशों का मंडी में पालन नहीं हो रहा है. किसानों को बेहद कम दामों पर अपना धान बेचना पड़ रहा है.

धान खरीद में भेदभाव का आरोप
किसानों इसलिए नाराज थे. क्योंकि सरकरी खरीद केंद्र पर उनके धान को घटिया बताकर खरीदने से मना कर दिया जाता है. मजबूरी में किसानों को अपना धान कम रेट पर स्थानीय व्यापारियों को बेचना पड़ता है. मंडी अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली से नाराज किसानों ने मंडी गेट के मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए.

तालाबंदी कर किया प्रदर्शन
भाजपा युवा मोर्चा के जिला मंत्री सुरजीत सिंह राजपूत ने बताया कि इस क्षेत्र में सबसे अधिक पैदावार 1121 बासमती धान की होती है. धान में कोई कमी है तो 100 रुपये या 400 सौ रुपये का अंतर करना चाहिए, लेकिन यहां पर 1000 से 1200 रुपये तक का अंतर आ जाता है.

दो परसेंट कटौती से भी थे नाराज

धान खरीद में दो परसेंट कटौती करने के बाद भी नकद भुगतान नहीं किया जाता. यहां सरकारी खरीद नहीं हो रही और आढ़तिये ग्रुप बनाकर मनमाने रेट पर खरीद कर रहे हैं. इसलिए हम गेट पर ताला लगाकर धरने पर बैठे हैं.

झांसीः जनपद के मोठ कस्बे में स्थित मंडी में धान खरीद न होने से नाराज किसानों ने भाजपा नेताओं के साथ मंडी के गेट पर शुक्रवार को ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए. किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार के आदेशों का मंडी में पालन नहीं हो रहा है. किसानों को बेहद कम दामों पर अपना धान बेचना पड़ रहा है.

धान खरीद में भेदभाव का आरोप
किसानों इसलिए नाराज थे. क्योंकि सरकरी खरीद केंद्र पर उनके धान को घटिया बताकर खरीदने से मना कर दिया जाता है. मजबूरी में किसानों को अपना धान कम रेट पर स्थानीय व्यापारियों को बेचना पड़ता है. मंडी अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली से नाराज किसानों ने मंडी गेट के मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए.

तालाबंदी कर किया प्रदर्शन
भाजपा युवा मोर्चा के जिला मंत्री सुरजीत सिंह राजपूत ने बताया कि इस क्षेत्र में सबसे अधिक पैदावार 1121 बासमती धान की होती है. धान में कोई कमी है तो 100 रुपये या 400 सौ रुपये का अंतर करना चाहिए, लेकिन यहां पर 1000 से 1200 रुपये तक का अंतर आ जाता है.

दो परसेंट कटौती से भी थे नाराज

धान खरीद में दो परसेंट कटौती करने के बाद भी नकद भुगतान नहीं किया जाता. यहां सरकारी खरीद नहीं हो रही और आढ़तिये ग्रुप बनाकर मनमाने रेट पर खरीद कर रहे हैं. इसलिए हम गेट पर ताला लगाकर धरने पर बैठे हैं.

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