झांसी: पिछले साल खरीफ की फसल में बारिश के कारण हुए नुकसान के बावजूद जनपद के हजारों किसानों का बीमा क्लेम अधर में लटक गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम भरने के बावजूद कई किसानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया. शासन तक मामला पहुंचा, तो निदेशक कृषि सांख्यिकी और फसल बीमा को मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई. बुधवार को कृषि विभाग के अफसरों, बैंकों, जन प्रतिनिधियों और बीमा कंपनी के अफसरों के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी लेंगे.
58 हजार किसानों का डाटा फीड होना बाकी है
खरीफ 2019 में अतिवृष्टि के कारण फसलें नष्ट हुई थी. क्षतिपूर्ति की बारी आई तो बहुत सारे किसान ऐसे पाए गए, जिनका डाटा बीमा कंपनी के पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया था. बैंकों के स्तर पर कुछ गलतियां हुई, जिसके कारण 58 हजार किसानों का डाटा फीड होना बाकी है. इन 58 हजार किसानों में से हजारों किसान ऐसे हैं, जिनकी फसल का नुकसान हुआ है और वे क्षतिपूर्ति के दावेदार हैं.
जानकारी देते कमल कटियार उप कृषि निदेशक
इस मामले में शासन की ओर से विशेष निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए जनपद में निदेशक कृषि सांख्यिकी और फसल बीमा आ रहे हैं. हम उनके साथ बैठक करेंगे. बैंकों के प्रतिनिधियों से बात करेंगे और वहां जाकर समस्या का पता लगाने की कोशिश करेंगे. संबंधित कृषकों से बात करेंगे और जन प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे. इसके साथ ही समस्या को जल्द निस्तारित किया जाएगा.
झांसी: किसानों की फसल बीमा का क्लेम फंसा, निदेशक कृषि सांख्यिकी करेंगे जांच - उप कृषि निदेशक कमल कटियार
यूपी के झांसी जिले में हजारों किसानों का फसल बीमा का क्लेम फंसा हुआ है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम भरने के बावजूद कई किसानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया. निदेशक कृषि सांख्यिकी इस मामले की जांच करेंगे.
झांसी: पिछले साल खरीफ की फसल में बारिश के कारण हुए नुकसान के बावजूद जनपद के हजारों किसानों का बीमा क्लेम अधर में लटक गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम भरने के बावजूद कई किसानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया. शासन तक मामला पहुंचा, तो निदेशक कृषि सांख्यिकी और फसल बीमा को मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई. बुधवार को कृषि विभाग के अफसरों, बैंकों, जन प्रतिनिधियों और बीमा कंपनी के अफसरों के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी लेंगे.
58 हजार किसानों का डाटा फीड होना बाकी है
खरीफ 2019 में अतिवृष्टि के कारण फसलें नष्ट हुई थी. क्षतिपूर्ति की बारी आई तो बहुत सारे किसान ऐसे पाए गए, जिनका डाटा बीमा कंपनी के पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया था. बैंकों के स्तर पर कुछ गलतियां हुई, जिसके कारण 58 हजार किसानों का डाटा फीड होना बाकी है. इन 58 हजार किसानों में से हजारों किसान ऐसे हैं, जिनकी फसल का नुकसान हुआ है और वे क्षतिपूर्ति के दावेदार हैं.
जानकारी देते कमल कटियार उप कृषि निदेशक
इस मामले में शासन की ओर से विशेष निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए जनपद में निदेशक कृषि सांख्यिकी और फसल बीमा आ रहे हैं. हम उनके साथ बैठक करेंगे. बैंकों के प्रतिनिधियों से बात करेंगे और वहां जाकर समस्या का पता लगाने की कोशिश करेंगे. संबंधित कृषकों से बात करेंगे और जन प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे. इसके साथ ही समस्या को जल्द निस्तारित किया जाएगा.