झांसीः सर्किट हाउस में गुरुवार को मंडलीय समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त डॉ. अजय शंकर पाण्डेय ने कहा कि आधुनिकता की आंधी में नई पीढ़ी अपनी अनुपम विरासत को खो न दे इसके लिए इसका संरक्षण जरूरी है. मंडालायुक्त ने कहा कि बुन्देलखण्ड के क्षेत्रीय व्यंजन बहुत ही पौष्टिक और यहां की जलवायु के अनुरूप हैं. इनकी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी उपयोगिता बहुत अधिक है. लेकिन धीर-धीरे बुन्देलखण्ड के परंपरागत व्यंजन लुप्त होते जा रहे हैं. इसलिए मंडल के सभी सराकरी रेस्ट हाउस और ढाबों पर बुंदेली व्यंजन परोसे जाएं.
मंडलायुक्त सर्किट हाउस में सभी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाई थी. बैठक के अंत में आए हुए सभी अधिकारियों को बुन्देली व्यंजन परोसे गए. जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कहा कि बुन्देली व्यंजन बहुत ही स्वादिष्ट हैं. वे अपने स्तर से भी इन व्यंजनों के प्रचार-प्रसार के लिए पहल करेंगे. इस दौरान जिलाधिकारी ललितपुर ने बुंदेली व्यंजनों के प्रचार-प्रसार के लिए बुंदेली व्यंजन उत्सव आयोजित करने की बात कही. उन्होंने कहा कि भविष्य में झांसी मंडल के सभी सरकारी रेस्ट हाउस में बुंदेली व्यंजन उपलब्ध होंगे, ताकि बाहर से आने वाले महानुभावों को बुन्देली व्यंजन परोसे जा सकें.
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बुंदेली व्यंजन समिति के अध्यक्ष मुकुन्द मल्होत्रा ने बताया कि बुंदेलखण्ड में अनेक व्यंजन ऐसे हैं, जो देश के किसी और क्षेत्र में नहीं मिलते. मंडलायुक्त के निर्देश पर व्यंजन समिति यह प्रयास कर रही है कि यहां के सभी होटल व ढाबों के मैन्यू कार्ड में बुंदेली व्यंजनों का भी समावेश हो. इस कड़ी में ललितपुर जनपद के तालबेहट में महेन्द्र पाल सिंह द्वारा एक बुंदेली ढाबा कलेवा नाम से खोला गया है, जिसमें सिर्फ परंपरागत बुंदेली व्यंजन उपलब्ध है.
महेंद्र पाल सिंह ने झांसी सर्किट हाउस में बुंदेली व्यंजन उपलब्ध कराये गए. बैठक में मंडलीय परियोजना प्रबंधक सिफ्सा आनंद चौबे ने बताया कि बुंदेली व्यंजनों के संरक्षण की दीर्घकालिक योजना पर भी कार्य हो रहा है. जिसके तहत एक रैसेपी बुक का प्रकाशन, यू-ट्यूब चैनल व नयी पीढ़ी के युवाओं को बुंदेली व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है.
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