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आजादी की लड़ाई के दौरान तीन बार झांसी आये थे बापू, जयंती पर दी गई श्रद्धांजलि

यूपी के झांसी के राजकीय संग्रहालय में महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई. इस दौरान महात्मा गांधी से जुड़े दुर्लभ चित्रों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई. वहीं वक्ताओं ने गांधी जी के जीवन दर्शन पर संगोष्ठी के दौरान प्रकाश डाला.

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जयंती
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Published : Oct 2, 2020, 4:44 PM IST

झांसीः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर झांसी के राजकीय संग्रहालय में दुर्लभ चित्रों की एक प्रदर्शनी लगाई गई. इस दौरान महात्मा गांधी के जीवन और दर्शन पर आधारित संगोष्ठी भी आयोजित हुई. संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी के झांसी और बुन्देलखण्ड दौरे और इस क्षेत्र में उनके प्रभाव को रेखांकित किया.

इतिहासकार डॉ. चित्रगुप्त ने कार्यक्रम में बताया कि महात्मा गांधी का झांसी में तीन बार आगमन हुआ. वे साल 1920 और 1921 में झांसी में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आये, जबकि 1929 में उरई जाते समय झांसी में पड़ाव लिया था. महात्मा गांधी से प्रभावित होकर पूरे बुन्देलखण्ड में क्रांतिकारियों ने असहयोग आंदोलन सहित महात्मा गांधी के सभी आह्वानों पर विदेशी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.

कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई. महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े कई रोचक चित्र इस कार्यक्रम में प्रदर्शित किए गए. कार्यक्रम के दौरान राजकीय संग्रहालय की उप निदेशक डॉ. आशा पाण्डेय, क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई के प्रभारी अधिकारी डॉ. सुरेश दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नीति शास्त्री, प्रदीप तिवारी और अन्य लोग मौजूद रहे.

झांसीः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर झांसी के राजकीय संग्रहालय में दुर्लभ चित्रों की एक प्रदर्शनी लगाई गई. इस दौरान महात्मा गांधी के जीवन और दर्शन पर आधारित संगोष्ठी भी आयोजित हुई. संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी के झांसी और बुन्देलखण्ड दौरे और इस क्षेत्र में उनके प्रभाव को रेखांकित किया.

इतिहासकार डॉ. चित्रगुप्त ने कार्यक्रम में बताया कि महात्मा गांधी का झांसी में तीन बार आगमन हुआ. वे साल 1920 और 1921 में झांसी में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आये, जबकि 1929 में उरई जाते समय झांसी में पड़ाव लिया था. महात्मा गांधी से प्रभावित होकर पूरे बुन्देलखण्ड में क्रांतिकारियों ने असहयोग आंदोलन सहित महात्मा गांधी के सभी आह्वानों पर विदेशी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.

कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई. महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े कई रोचक चित्र इस कार्यक्रम में प्रदर्शित किए गए. कार्यक्रम के दौरान राजकीय संग्रहालय की उप निदेशक डॉ. आशा पाण्डेय, क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई के प्रभारी अधिकारी डॉ. सुरेश दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नीति शास्त्री, प्रदीप तिवारी और अन्य लोग मौजूद रहे.

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