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झांसी: ठंड से 4 गोवंशों की मौत, प्रशासन ने एक के मौत की पुष्टि की - उत्तर प्रदेश खबर

झांसी में ठंड की वजह से चार गायों की मौत का मामला सामने आया है. हालांकि इस दौरान प्रशासन सिर्फ एक गाय की मौत की पुष्टि कर रहा है.

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ठंड से 4 गोवंश की मौत
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Published : Dec 27, 2019, 5:03 PM IST

झांसी : जनपद के बरुआ सागर थाना क्षेत्र में ठंड की वजह से चार गायों की मौत का मामला सामने आया है. हालांकि प्रशासन ने सिर्फ एक गाय की मौत की पुष्टि की है. बीते दिनों भी बुंदेलखंड में एनिमिक की वजह से गायों की मौत की पुष्टि होती रही है. दरअसल पानी और भूसे की कमी के चलते जानवर कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है.

ठंड से 4 गोवंश की मौत

गायों की मौत से हड़कंप

  • ठंड से 4 गोवंश की मौत से इलाके में सनसनी फैल गई है.
  • प्रशासन ने मामले में कार्रवाई कर जांच के निर्देश दिए हैं.
  • चारे और पानी की कमी से एनिमिक रोग होता है.
  • प्रशासन ने जानवरों की सुरक्षा के निर्देश दिए.

इसे भी पढ़ें- सड़क पर उतरा जिला प्रशासन, शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील

बता दें कि गायों की मौत का यह कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी जनपद में कुपोषण की शिकार गोवंशों की भूख और प्यास की वजह से मौत होती आई है. बीते सालों में हुए सर्वे में पाया गया था कि एनिमिक गायों में तब होता है, जब उन्हें पर्याप्त मात्रा में भूसा और पानी न मिलता है. अभी सरकार की ओर से जनपद की किसी भी डेरी में कोई सुविधा नहीं की गई है. वैसे तो बीते सालों में सूखा पड़ने की वजह से बुंदेलखंड में गौशालाओं की बाढ़ आ गई है.


एक गाय की मौत की पुष्टि हुई है. मौत के बाद जब गाय का पोस्टमार्टम कराया गया, तो उसके पेट से काफी मात्रा में पॉलिथीन निकली. गायों को ठंड से बचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है...
- शिव सहाय अवस्थी, डीएम

झांसी : जनपद के बरुआ सागर थाना क्षेत्र में ठंड की वजह से चार गायों की मौत का मामला सामने आया है. हालांकि प्रशासन ने सिर्फ एक गाय की मौत की पुष्टि की है. बीते दिनों भी बुंदेलखंड में एनिमिक की वजह से गायों की मौत की पुष्टि होती रही है. दरअसल पानी और भूसे की कमी के चलते जानवर कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है.

ठंड से 4 गोवंश की मौत

गायों की मौत से हड़कंप

  • ठंड से 4 गोवंश की मौत से इलाके में सनसनी फैल गई है.
  • प्रशासन ने मामले में कार्रवाई कर जांच के निर्देश दिए हैं.
  • चारे और पानी की कमी से एनिमिक रोग होता है.
  • प्रशासन ने जानवरों की सुरक्षा के निर्देश दिए.

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बता दें कि गायों की मौत का यह कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी जनपद में कुपोषण की शिकार गोवंशों की भूख और प्यास की वजह से मौत होती आई है. बीते सालों में हुए सर्वे में पाया गया था कि एनिमिक गायों में तब होता है, जब उन्हें पर्याप्त मात्रा में भूसा और पानी न मिलता है. अभी सरकार की ओर से जनपद की किसी भी डेरी में कोई सुविधा नहीं की गई है. वैसे तो बीते सालों में सूखा पड़ने की वजह से बुंदेलखंड में गौशालाओं की बाढ़ आ गई है.


एक गाय की मौत की पुष्टि हुई है. मौत के बाद जब गाय का पोस्टमार्टम कराया गया, तो उसके पेट से काफी मात्रा में पॉलिथीन निकली. गायों को ठंड से बचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है...
- शिव सहाय अवस्थी, डीएम

Intro:झांसी : जनपद के बरुआ सागर थाना क्षेत्र में ठंड की वजह से चार गायों कि मौत का मामला सामने आया है. फिलहाल प्रकाशन सिर्फ एक गाय की मौत की पुष्टि कर रहा है. बीते दिनों भी बुंदेलखंड में एनिमिक की वजह से गायों की मौत की पुष्टि होती रही है. गौवंश के संरक्षण के लिए यहां जल्द से जल्द कोई कार्य योजना लागू होनी चाहिए नहीं तो 5.2 लाख से ज्यांदा  गायें  भूसे और पानी की कमी के चलते कुपोषण का शिकर हो जाएंगी.




Body:मिली जानकारी के मुताबिक, बरुआसागर थाना क्षेत्र में शासकीय गौशाला और नगर पालिका द्वारा संचालित गौशाला में मिलाकर चार गोवंशों की मौत ठंड की वजह से हो गई है. जब गायों की मौत के संबंध में जनपद के डीएम शिव सहाय अवस्थी से जानकारी दी गई तो उन्होंने एक गाय की मौत की पुष्टि की. उनका कहना है कि मौत के बाद जब गाय का पोस्टमार्टम कराया गया तो उसके पेट से काफी मात्रा में पॉलिथीन निकली. उन्होंने गौशालाओं में गायों के ठंड से बचाव के लिए पूरे इंतजाम की बात कही. गायों को ठंड से बचाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की बात कही और साथ में कहा कि हर गौशाला में अलाव जलाने और गायों को ढकने के लिए कपड़ों का इंतजाम किया गया है.





Conclusion:आपको बताते चलें कि गायों की मौत का यह कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी जनपद में कुपोषण की शिकार गोवंशों की भूख और प्यास की वजह से मौत होती आई है. बीते सालों में हुए सर्वे में पाया गया था कि एनिमिक गायों में तब होता है जब उन्हें पर्याप्त भूसा और पानी न मिले. अभी सरकार की ओर से जनपद की किसी भी डेरी में कोई सुविधा नहीं की गई है. वैसे तो बीते सालों में सूखा पड़ने की वजह से बुंदेलखंड में गौशालाओं की बाढ़ आ गई है. सातों जनपदों में 150 से ज्यादा पशु राहत केंद्र खोले गए लेकिन गायों के हालात नहीं सुधरे.

बुंदेलखंड में अन्ना पशुओं की संख्या

 
झांसी 15000

ललितपुर 100000

जालौन 60000

बांदा 81495

चित्रकूट 110000

हमीरपुर 70450

महोबा 85000
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