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झांसी: जिला कारागार से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए 33 बन्दी

झांसी जिला कारागार से सोमवार रात को 33 बन्दियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है. कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सात साल से कम की सजा वाले बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए थे.

jhansi district jail
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Published : Mar 31, 2020, 10:15 AM IST

झांसी: जिला कारागार से सोमवार रात को 33 बन्दी अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सात वर्ष से कम की सजा वाले मामलों के विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया है. कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सात साल से कम की सजा वाले बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए थे.

सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला कारागार में 167 बन्दी हैं, जिन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना है. सोमवार रात पहले चरण में 33 बंदियों की रिहाई की गई. बाकी बचे बंदियों की रिहाई मंगलवार को की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने कहा है कि आईपीसी के तहत सात साल से कम की सजा वाले अपराधों के विचाराधीन बंदियों को दो माह की जमानत दे दी जाए.

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झांसी जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने बताया कि अंडर ट्रायल के लिए ही जमानत का प्रावधान है. सजायाफ्ता को पेरोल देने के लिए शासन को लिस्ट भेजी गई है. अभी पूरे विश्व में कोरोना महामारी का संकट है और उसी के मद्देनजर अधिक से अधिक लोगों के बचाव के मकसद से यह निर्णय लिया गया है.

झांसी: जिला कारागार से सोमवार रात को 33 बन्दी अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सात वर्ष से कम की सजा वाले मामलों के विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया है. कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सात साल से कम की सजा वाले बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए थे.

सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला कारागार में 167 बन्दी हैं, जिन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना है. सोमवार रात पहले चरण में 33 बंदियों की रिहाई की गई. बाकी बचे बंदियों की रिहाई मंगलवार को की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने कहा है कि आईपीसी के तहत सात साल से कम की सजा वाले अपराधों के विचाराधीन बंदियों को दो माह की जमानत दे दी जाए.

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झांसी जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने बताया कि अंडर ट्रायल के लिए ही जमानत का प्रावधान है. सजायाफ्ता को पेरोल देने के लिए शासन को लिस्ट भेजी गई है. अभी पूरे विश्व में कोरोना महामारी का संकट है और उसी के मद्देनजर अधिक से अधिक लोगों के बचाव के मकसद से यह निर्णय लिया गया है.

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