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जौनपुर: गोमती और सई नदी का जलस्तर बढ़ा, ग्रामीणों में दहशत

उत्तर प्रदेश के जौनपुर से होकर बहने वाली गोमती और सई नदी इन दिनों उफान पर हैं. लगातार मूसलाधार बारिश से दोनों ही नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. लिहाजा तराई क्षेत्रों के किसान अपनी फसलों को लेकर खासा चिंतित और डरे हुए हैं.

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जौनपुर में बाढ़ के आसार.
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Published : Jul 14, 2020, 12:40 PM IST

जौनपुर: जनपद में दो प्रमुख नदियां गोमती और सई बहती हैं. ये दोनों नदियां जनपद के बड़े हिस्से को सिंचित करने में सहायक हैं. इनमें गोमती नदी प्रमुख है क्योंकि इस नदी की वजह से जनपद की पहचान है. वहीं अब मानसून आने के बाद जिले में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके चलते गोमती नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. साथ ही सई नदी का भी जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. इन दोनों नदियों का संगम जनपद स्थित राजेपुर के पास होता है. लिहाजा मिलन स्थल के पास जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

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जौनपुर में बाढ़ के आसार.

उत्तर भारत में हो रही अच्छी बारिश

इस बार मानसून की गति अच्छी होने के चलते लगातार बारिश हो रही है. वहीं जहां बारिश से किसानों को सिंचाई और लोगों को गर्मी से राहत मिली थी, वहीं अब यह बारिश ग्रामीणों को परेशान कर रही है. लगातर तेज बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं. ज्यादातर तराई क्षेत्रों में फसलों के डूबने का खतरा बना हुआ है.

भारी बारिश के कारण गोमती और सई नदी के जलस्तर में इन दिनों काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. बीते 24 घंटों के भीतर गोमती नदी के जलस्तर में करीब की एक फुट की बढ़ोतरी हुई है. वहीं सई नदी ने भी अपने तेवर बदल दिए हैं, उसका जलस्तर निर्धारित सीमा से पार होता देखा जा रहा है. दोनों ही नदियां अब अपने पाटों को पूरी तरह से भरकर बह रही हैं, जिसके उफान से अब ग्रामीण भी दहशत में हैं. बढ़ते हुए जलस्तर को देखकर ग्रामीणों के मन में शंका है कि कहीं इस बार बाढ़ न देखने को मिले, क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से पहले ही काम धंधे चौपट हैं, अगर बाढ़ आ गई तो उनकी फसलों नुकसान होना तय है. अगर इन नदियों ने विकराल रूप धारण किया तो जनपद के करीब 1,500 से ज्यादा गांव प्रभावित हो सकते हैं.

जौनपुर: जनपद में दो प्रमुख नदियां गोमती और सई बहती हैं. ये दोनों नदियां जनपद के बड़े हिस्से को सिंचित करने में सहायक हैं. इनमें गोमती नदी प्रमुख है क्योंकि इस नदी की वजह से जनपद की पहचान है. वहीं अब मानसून आने के बाद जिले में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके चलते गोमती नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. साथ ही सई नदी का भी जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. इन दोनों नदियों का संगम जनपद स्थित राजेपुर के पास होता है. लिहाजा मिलन स्थल के पास जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

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जौनपुर में बाढ़ के आसार.

उत्तर भारत में हो रही अच्छी बारिश

इस बार मानसून की गति अच्छी होने के चलते लगातार बारिश हो रही है. वहीं जहां बारिश से किसानों को सिंचाई और लोगों को गर्मी से राहत मिली थी, वहीं अब यह बारिश ग्रामीणों को परेशान कर रही है. लगातर तेज बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं. ज्यादातर तराई क्षेत्रों में फसलों के डूबने का खतरा बना हुआ है.

भारी बारिश के कारण गोमती और सई नदी के जलस्तर में इन दिनों काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. बीते 24 घंटों के भीतर गोमती नदी के जलस्तर में करीब की एक फुट की बढ़ोतरी हुई है. वहीं सई नदी ने भी अपने तेवर बदल दिए हैं, उसका जलस्तर निर्धारित सीमा से पार होता देखा जा रहा है. दोनों ही नदियां अब अपने पाटों को पूरी तरह से भरकर बह रही हैं, जिसके उफान से अब ग्रामीण भी दहशत में हैं. बढ़ते हुए जलस्तर को देखकर ग्रामीणों के मन में शंका है कि कहीं इस बार बाढ़ न देखने को मिले, क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से पहले ही काम धंधे चौपट हैं, अगर बाढ़ आ गई तो उनकी फसलों नुकसान होना तय है. अगर इन नदियों ने विकराल रूप धारण किया तो जनपद के करीब 1,500 से ज्यादा गांव प्रभावित हो सकते हैं.

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