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पुरानी परंपरा के अनुसार आज भी हो रही अनोखी पूजा, हवन कुंड में डाला जाता है सिर - यदुवंशी परंपरा

यूपी के जौनपुर जिले में श्रद्धा का अटूट विश्वास देखने को मिला. यहां यदुवंशी परंपरा के अनुसार खौलती खीर में हाथ और जलते हवन कुंड में सिर डाल कर मां भगवती की पूजा-अर्चना की गई. ये परंपरा भगवान श्रीकृष्ण के समय से चली आ रही है.

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जौनपुर में अनोखी पूजा में हवन कुंड में डाला जाता है सिर.
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Published : Jan 20, 2020, 4:54 AM IST

जौनपुर: सिरकोनी ब्लाक के बदलपुर गांव में यदुवंशी परंपरा के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना करने के लिए अनोखी परंपरा का निर्वहन किया जाता है. पूजा में मां भगवती देवी को खुश करने के लिए पुजारी खौलते दूध को हाथों से निकाल कर श्रद्धालुओं के ऊपर फेंकते हैं.

देखें वीडियो.

पूजा-अर्चना के दौरान दो बच्चों को खौलती खीर में हाथ डालकर खीर निकलवाने का भी कम किया जाता है. पूजा के दौरान खौलती खीर भी बच्चों को बर्फ की तरह लग रही थी. इस अनोखी पूजा को देखने के लिए काफी संख्या में लोग इकट्ठा हुए. पूजा-अर्चना की सबसे बड़ी बात यह है कि जलते कुंड में सिर और खौलती खीर में हाथ डालने पर भी किसी प्रकार की हानि नहीं हुई.

पुजारी पप्पू भगत ने बताया कि यह यदुवंशी कुल की प्राचीन परंपरा है. खीर में हाथ और हवन कुंड में सिर डाल कर मां भगवती की पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पूजा की गई. तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई.

पुजारी ने बताया कि यह पूजा समाज, वातारण, पशु-पक्षी के सुख-समृद्धि और वायु प्रदूषण को संतुलित करने के लिए की जाती है. वहीं खौलते दूध में हाथ डालना, स्नान करना और हवन कुंड में पूरा सिर डालने के बाद भी पूरी तरह सुरक्षित रहने के सवाल पर उन्होंने बताया कि यह मातारानी की कृपा है. इसीलिए किसी को कुछ नहीं होता है.

ये भी पढ़ें: 'परीक्षा में चर्चा' प्रोग्राम में जौनपुर के आदर्श का हुआ चयन, पीएम के लिए ले जाएंगे ये प्रसिद्ध चीज

जौनपुर: सिरकोनी ब्लाक के बदलपुर गांव में यदुवंशी परंपरा के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना करने के लिए अनोखी परंपरा का निर्वहन किया जाता है. पूजा में मां भगवती देवी को खुश करने के लिए पुजारी खौलते दूध को हाथों से निकाल कर श्रद्धालुओं के ऊपर फेंकते हैं.

देखें वीडियो.

पूजा-अर्चना के दौरान दो बच्चों को खौलती खीर में हाथ डालकर खीर निकलवाने का भी कम किया जाता है. पूजा के दौरान खौलती खीर भी बच्चों को बर्फ की तरह लग रही थी. इस अनोखी पूजा को देखने के लिए काफी संख्या में लोग इकट्ठा हुए. पूजा-अर्चना की सबसे बड़ी बात यह है कि जलते कुंड में सिर और खौलती खीर में हाथ डालने पर भी किसी प्रकार की हानि नहीं हुई.

पुजारी पप्पू भगत ने बताया कि यह यदुवंशी कुल की प्राचीन परंपरा है. खीर में हाथ और हवन कुंड में सिर डाल कर मां भगवती की पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पूजा की गई. तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई.

पुजारी ने बताया कि यह पूजा समाज, वातारण, पशु-पक्षी के सुख-समृद्धि और वायु प्रदूषण को संतुलित करने के लिए की जाती है. वहीं खौलते दूध में हाथ डालना, स्नान करना और हवन कुंड में पूरा सिर डालने के बाद भी पूरी तरह सुरक्षित रहने के सवाल पर उन्होंने बताया कि यह मातारानी की कृपा है. इसीलिए किसी को कुछ नहीं होता है.

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Intro:जौनपुर | जिले के सिरकोनी ब्लाक के बदलपुर गांव में श्रद्धा का अटूट विश्वास देखने को मिला. जिसमें यदुवंश परंपरा के अनुसार पुजारी द्वारा खोलते खीर में हाथ डालना एवं जलते हवन कुंड में सर डाल कर पूजन अर्चन किया गया. पूजा अर्चना की सबसे बड़ी बात की जलते कुंड में सर एवं खोलते खीर डालने पर किसी प्रकार की हानि नहीं हुई. ये परंपरा भगवान श्रीकृष्ण के समय से चला आ रहा है. पूजा को देखने के लिए काफी संख्या में लोग जुटे रहे.


Body:वीओ - सिरकोनी ब्लॉक के बदलपुर गांव में यदुवंशी परंपरा के अनुसार माँ भगवती की पूजा अर्चना करने के लिए अनोखी परम्परा का निर्वहन किया जाता है. पूजा में मां भगवती देवी को खुश करने के लिए पुजारी खोलते दूध को हाथों स्व निकाल कर श्रद्धालुओं के ऊपर पर फेंका जाता है. . पूजा अर्चना के दौरान दो बच्चों को खोलते खीर में हाथ डाल कर खीर निकलवाने का भी कम किया गया. पूजा के दौरान खोलता खीर भी बच्चों को बर्फ की तरह लग रहा था.अनोखा पूजा देखने के लिए काफी संख्या में लोग इकट्ठा हुए.

Conclusion:पुजारी पप्पू भगत सुरहूँपुर ने बताया की यदुवंशी कुल की प्राचीन परम्परा है खीर में हाथ एवं हवन कुंड में सर डाल कर मां भगवती की पूजा अर्चना किया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पूजा किया गया. ये परंपरा तभी से शुरू हुआ है. पूजारी ने आगे बताया कि यह पूजा समाज,वातारण,पशु पक्षी के सुख समृध्दि और वायु प्रदूषण को संतुलित करने के लिए किया जाता है. खौलते दूध में हाथ डालना,स्नान करना और हवन कुण्ड में पूरा सिर डालने के बाद भी वह पूरी सुरक्षित रहने के सवाल पर बताया कि यह मातारानी की कृपा है. इसी लिए किसी को कुछ नहीं होता है.



बाईट - पप्पू भागवत ( पुजारी)

बाईट - अनुराग ( खीर निकालने वाला बच्चा)

Notes - खबर रैप से भेजी गई है.

Thanks & Regards
Surendra Kumar Gupta
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