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रेलवे में नौकरी के नाम पर भतीजे से 20 लाख की ठगी, मुकदमा दर्ज

जौनपुर में बेरोजगार युवक को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. ठगी का आरोप युवक के चाचा पर ही है. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पीड़ित के चाचा, उसके बेटे और अन्य सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.

jaunpur
नौकरी के नाम पर चाचा ने की ठगी
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Published : Dec 24, 2020, 3:19 PM IST

जौनपुरः बेरोजगार युवक को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. ठगी का आरोप युवक के चाचा पर ही है. पूरे मामले पर सीजेएम के आदेश पर जौनपुर कोतवाली पुलिस ने चाचा और उसके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. साथ ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

क्या है पूरा मामला
जौनपुर शहर के ख्वाजादोस्त मोहल्ला के निवासी सुमित श्रीवास्तव ने दीवानी न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है. सुमित श्रीवास्तव के अनुसार वह सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. इसी बीच सरकारी नौकरी में सेवा करने वाले उसके सगे चाचा प्रदीप श्रीवास्तव ने साल 2017 में रेलवे में जान पहचान की बात कहकर नौकरी लगवाने की बात कही. सुमित के अनुसार उसके चाचा ने कहा था कि पहले 50-50 हजार रुपए की राशि के दो टोकन लगेंगे. जिसके बाद नियुक्ति पत्र आने पर बाकी के बचे 19 लाख रूपए देने होंगे. चाचा प्रदीप श्रीवास्तव की बात का भरोसा कर उन्हें एक लाख रुपए दे दिए गए. चाचा प्रदीप श्रीवास्तव के पुत्र वैभव ने उन्हें दिसंबर 2017 में बताया कि इंटरव्यू के लिए डीआरएम कार्यालय नई दिल्ली जाना होगा.

फर्जी ज्वाइन लेटर थमाकर ऐंठे 20 लाख रुपए
दिल्ली से लौटने के बाद 5 जनवरी 2018 को चाचा प्रदीप श्रीवास्तव और उनके पुत्र वैभव ने सुमित को ज्वॉइनिंग लेटर थमा दिया. जिसके बाद सुमित से शेष 19 लाख रुपए की राशि की मांग की गई. जैसे तैसे पैसों का इंतजाम कर 10 जनवरी को संजीव और शुभम के सामने घर बुलाकर उन्हें बाकी 19 लाख रुपए भी दे दिए गए. 17 जनवरी को वैभव ट्रेन से सुमित को लेकर दिल्ली गया. जहां उसने रेलवे के पुरानी यार्ड में 15 दिन के ट्रेनिंग की बात कही. वहां से अमित को भगा दिया गया. उसके बाद वैभव ने उसे पानीपत कोहांड हॉल्ट में ट्रेनिंग की बात का हवाला दिया.

फर्जी ट्रेनिंग के दौरान खुलासा
कोहांड पहुंचने पर सुमित को यह सूचित किया गया कि उसकी ट्रेनिंग स्टेशन मास्टर द्वारा दी जाएगी. चार-पांच दिन बीत जाने के बाद स्टेशन मास्टर ने बताया कि विभाग से प्रशिक्षण संबंधी पत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है और उसे यह बताया कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया है. इसके बाद पीड़ित बार-बार रुपए लौटाने का दबाव आरोपियों के ऊपर बनाने लगा. आरोपियों द्वारा 5 लाख का चेक सौंपा गया, जो बाउंस हो गया. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पीड़ित के चाचा प्रदीप श्रीवास्तव उनके पुत्र वैभव और सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

जौनपुरः बेरोजगार युवक को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. ठगी का आरोप युवक के चाचा पर ही है. पूरे मामले पर सीजेएम के आदेश पर जौनपुर कोतवाली पुलिस ने चाचा और उसके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. साथ ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

क्या है पूरा मामला
जौनपुर शहर के ख्वाजादोस्त मोहल्ला के निवासी सुमित श्रीवास्तव ने दीवानी न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है. सुमित श्रीवास्तव के अनुसार वह सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. इसी बीच सरकारी नौकरी में सेवा करने वाले उसके सगे चाचा प्रदीप श्रीवास्तव ने साल 2017 में रेलवे में जान पहचान की बात कहकर नौकरी लगवाने की बात कही. सुमित के अनुसार उसके चाचा ने कहा था कि पहले 50-50 हजार रुपए की राशि के दो टोकन लगेंगे. जिसके बाद नियुक्ति पत्र आने पर बाकी के बचे 19 लाख रूपए देने होंगे. चाचा प्रदीप श्रीवास्तव की बात का भरोसा कर उन्हें एक लाख रुपए दे दिए गए. चाचा प्रदीप श्रीवास्तव के पुत्र वैभव ने उन्हें दिसंबर 2017 में बताया कि इंटरव्यू के लिए डीआरएम कार्यालय नई दिल्ली जाना होगा.

फर्जी ज्वाइन लेटर थमाकर ऐंठे 20 लाख रुपए
दिल्ली से लौटने के बाद 5 जनवरी 2018 को चाचा प्रदीप श्रीवास्तव और उनके पुत्र वैभव ने सुमित को ज्वॉइनिंग लेटर थमा दिया. जिसके बाद सुमित से शेष 19 लाख रुपए की राशि की मांग की गई. जैसे तैसे पैसों का इंतजाम कर 10 जनवरी को संजीव और शुभम के सामने घर बुलाकर उन्हें बाकी 19 लाख रुपए भी दे दिए गए. 17 जनवरी को वैभव ट्रेन से सुमित को लेकर दिल्ली गया. जहां उसने रेलवे के पुरानी यार्ड में 15 दिन के ट्रेनिंग की बात कही. वहां से अमित को भगा दिया गया. उसके बाद वैभव ने उसे पानीपत कोहांड हॉल्ट में ट्रेनिंग की बात का हवाला दिया.

फर्जी ट्रेनिंग के दौरान खुलासा
कोहांड पहुंचने पर सुमित को यह सूचित किया गया कि उसकी ट्रेनिंग स्टेशन मास्टर द्वारा दी जाएगी. चार-पांच दिन बीत जाने के बाद स्टेशन मास्टर ने बताया कि विभाग से प्रशिक्षण संबंधी पत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है और उसे यह बताया कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया है. इसके बाद पीड़ित बार-बार रुपए लौटाने का दबाव आरोपियों के ऊपर बनाने लगा. आरोपियों द्वारा 5 लाख का चेक सौंपा गया, जो बाउंस हो गया. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पीड़ित के चाचा प्रदीप श्रीवास्तव उनके पुत्र वैभव और सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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