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जौनपुर का एक ऐसा गांव, जहां पेड़ों पर लटके रहते हैं हजारों चमगादड़

उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक गांव में हजारों की संख्या में चमगादड़ पेड़ पर लटकते हुए आपको दिखाई देंगे. लोगों का कहना है कि ये कई सालों से इस गांव में मौजूद हैं.

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Published : May 26, 2020, 7:37 PM IST

Updated : May 26, 2020, 8:03 PM IST

पेड़ों पर मौजूद हैं हजारों की संख्या में चमगादड़
पेड़ों पर मौजूद हैं हजारों की संख्या में चमगादड़

जौनपुर: कोरोना वायरस का कहर शुरू होते ही पहली खबर जो सबके सामने आई थी, उसमें कोरोना वायरस के फैलने का मुख्य कारण चमगादड़ों को ही बताया गया था, लेकिन इसके बारे कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.

स्पेशल रिपोर्ट.

वहीं जौनपुर के शाहगंज तहसील के पट्टी नरेंद्रपुर गांव में यूकेलिप्टस के पेड़ों पर एक-दो नहीं, बल्कि हजारों की संख्या में चमगादड़ पेड़ों पर उल्टे लटके हुए आपको दिखाई देंगे.

कोरोना वायरस के चमगादड़ से फैलने की चर्चा शुरू हुई तो गांव वाले भी भयभीत होने लगे. जब इनसे किसी तरह का कोई संक्रमण नहीं फैला तो सभी अब बिल्कुल निडर हैं. गांव में यह चमगादड़ कई वर्षों से मौजूद हैं. आज तक इनसे कोई बीमारी भी नहीं फैली है.

हालांकि चमगादड़ से कोरोना वायरस के फैलने का कोई भी स्पष्ट सबूत अभी तक नहीं मिल सका है. लोगों का दावा है कि रात होने के बाद चमगादड़ पेड़ों से चले जाते हैं, फिर सुबह होते ही वापस पेड़ों पर आ जाते हैं.

चमगादड़ आकाश में उड़ने वाला एक स्तनधारी प्राणी है, जो अपनी 1 हजार से भी अधिक प्रजातियों के साथ स्तनधारियों के दूसरे सबसे बडे़ कुल का निर्माण करता है. ये निशाचर होते हैं और पेड़ों की डाली अथवा अंधेरी गुफाओं के अन्दर उल्टा लटके रहते हैं. सारा दिन ये गुफाओं, पेड़ों की डाली पर लटके रहते हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें चमगादड़ों से डर नहीं लगता है. चमगादड़ उनके गांव में कई वर्षों से रहते हुए चले आ रहे हैं. गांव में आज तक किसी तरह की बीमारी किसी को नहीं हुई है.

इसे भी पढे़ं:-वाराणसी: डिजाइनर फेस मास्क रखेंगे सुरक्षित और भीड़ में जुदा

गांव में चमगादड़ों की संख्या तो बहुत है, लेकिन इस गांव और क्षेत्र में अभी तक कोई भी कोरोना संक्रमण नहीं पाया गया है. जिले में जो भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं ,सब बाहर से आए हैं. चमगादड़ों से कोरोना संक्रमण फैलने का कोई भी खतरा नहीं है.
डॉ. रवींद्र कुमार चौरसिया, प्रभारी चिकित्साधिकारी

जौनपुर: कोरोना वायरस का कहर शुरू होते ही पहली खबर जो सबके सामने आई थी, उसमें कोरोना वायरस के फैलने का मुख्य कारण चमगादड़ों को ही बताया गया था, लेकिन इसके बारे कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.

स्पेशल रिपोर्ट.

वहीं जौनपुर के शाहगंज तहसील के पट्टी नरेंद्रपुर गांव में यूकेलिप्टस के पेड़ों पर एक-दो नहीं, बल्कि हजारों की संख्या में चमगादड़ पेड़ों पर उल्टे लटके हुए आपको दिखाई देंगे.

कोरोना वायरस के चमगादड़ से फैलने की चर्चा शुरू हुई तो गांव वाले भी भयभीत होने लगे. जब इनसे किसी तरह का कोई संक्रमण नहीं फैला तो सभी अब बिल्कुल निडर हैं. गांव में यह चमगादड़ कई वर्षों से मौजूद हैं. आज तक इनसे कोई बीमारी भी नहीं फैली है.

हालांकि चमगादड़ से कोरोना वायरस के फैलने का कोई भी स्पष्ट सबूत अभी तक नहीं मिल सका है. लोगों का दावा है कि रात होने के बाद चमगादड़ पेड़ों से चले जाते हैं, फिर सुबह होते ही वापस पेड़ों पर आ जाते हैं.

चमगादड़ आकाश में उड़ने वाला एक स्तनधारी प्राणी है, जो अपनी 1 हजार से भी अधिक प्रजातियों के साथ स्तनधारियों के दूसरे सबसे बडे़ कुल का निर्माण करता है. ये निशाचर होते हैं और पेड़ों की डाली अथवा अंधेरी गुफाओं के अन्दर उल्टा लटके रहते हैं. सारा दिन ये गुफाओं, पेड़ों की डाली पर लटके रहते हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें चमगादड़ों से डर नहीं लगता है. चमगादड़ उनके गांव में कई वर्षों से रहते हुए चले आ रहे हैं. गांव में आज तक किसी तरह की बीमारी किसी को नहीं हुई है.

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गांव में चमगादड़ों की संख्या तो बहुत है, लेकिन इस गांव और क्षेत्र में अभी तक कोई भी कोरोना संक्रमण नहीं पाया गया है. जिले में जो भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं ,सब बाहर से आए हैं. चमगादड़ों से कोरोना संक्रमण फैलने का कोई भी खतरा नहीं है.
डॉ. रवींद्र कुमार चौरसिया, प्रभारी चिकित्साधिकारी

Last Updated : May 26, 2020, 8:03 PM IST
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