जौनपुरः प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों की बदहाली को सुधारने में जुटी हुई है. फिर भी डॉक्टरों और अधिकारियों की लापरवाही कभी भी मरीजों की जान पर भारी पड़ जाती है. जिला अस्पताल की इमरजेंसी में हादसों में घायल मरीजों का इलाज डॉक्टर नहीं बल्कि स्वीपर और वार्ड ब्वॉय करते हैं. आखिर ये इलाज के नाम पर खिलवाड़ नहीं तो और क्या है.
जिला अस्पताल में हादसे में घायल एक मरीज इलाज के लिए पहुंचा. घायल मरीज के सिर और पैर पूरी तरह चोटिल थे, लेकिन जिला अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज डॉक्टर ने नहीं बल्कि दीपक नाम के स्वीपर ने मरीज को इंजेक्शन से लेकर टांके लगाने का काम भी बखूबी किया. यह लापरवाही 1 दिन की नहीं, आए दिन की होती है. वहीं ईटीवी भारत की खास पड़ताल पर अस्पताल अधीक्षक खुद स्वीपर के इलाज करने की बात से हैरान हैं. साथ ही इस मामले में जांच कराकर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
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जिला अस्पताल में इलाज कराने आए आनंद सिंह ने बताया कि वह डॉक्टर से इलाज कराना चाहेंगे, लेकिन यहां पर स्वीपर और वार्ड ब्वॉय के द्वारा इलाज किया जाता है. इसकी शिकायत भी की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है.
जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि वार्ड ब्वॉय का काम मरीज का इलाज करना नहीं बल्कि इलाज में तैनात डॉक्टर और फार्मासिस्ट की सहायता करना होता है, लेकिन अगर वार्ड ब्वॉय द्वारा इलाज किया जा रहा है तो गलत है. इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.