जौनपुर: जिले की सोनाली सिंह का चयन UP महिला सीनियर क्रिकेट टीम में हो गया है. गांव के कच्चे खेल मैदान से लेकर उत्तर प्रदेश की सीनियर महिला क्रिकेट टीम में चयन होने तक सोनाली का सफर काफी संघर्ष भरा रहा. सोनाली के पिता का सपना है कि वह भारत के लिए खेले.
केराकत विधानसभा क्षेत्र के डोभी क्षेत्र के लोकपट्टी गांव की सोनाली को क्रिकेट में ऐसी दिलचस्पी थी कि गांव में वह लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने चली जाया करती थी. सोनाली के पिता हरेंद्र सिंह बताते है कि गांव में कहीं भी क्रिकेट मैच हो, वह वहां खेलने चली जाया करती थी. अक्सर वह चाचा के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए जाया करती थी. गांव में टीम बनाकर मैच होता था और वहीं से सोनाली को क्रिकेट खेलने का चस्का लग गया था. गांव में खेत पर पिच बनाकर सोनाली क्रिकेट खेला करती थी.
पहले ट्रॉयल में नहीं हुआ था चयन
2018 में सोनाली ने अंडर-19 का ट्रॉयल दिया था. UP के 60 लोगों की कैंप टीम में उसका चयन हुआ, लेकिन अच्छा प्रदर्शन न होने की वजह से 16 की टीम में वह जगह नहीं बना पाई. सोनाली ने इस कैंप से सबक लिया. कुछ महीने बाद अंडर-16 टीम के लिए भी ट्रॉयल हुआ. सोनाली ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया और उसका चयन हो गया.
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सोनाली ने बताया कि जब वह छोटी थी तब लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने जाया करती थी. तब उसको कोई कुछ नहीं बोलता था, लेकिन जब वह बड़ी हुई तो गांव के लोगों ने उसे बड़े लड़कों के साथ खेलने से मना किया. परिवार के सपोर्ट की बदौलत उसने अपना सफर जारी रखा. सोनाली ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, उसकी लखनऊ की कोच सैम अली और प्रियंका शैली को दिया. उसने कहा कि इनके मार्गदर्शन से ही वह अपना सफर तय कर पाई है. सोनाली की मां बताती हैं कि उनकी बेटी बचपन में स्टंप लेकर बल्लेबाजी करती थी. आज बेटी ने उनका नाम रोशन किया है. इस पर उन्हें गर्व है.
लोकपट्टी गांव में खेल के लिए न ही उचित संसाधन उपलब्ध हैं और न ही कोई उचित व्यवस्था. बावजूद इसके सोनाली ने खेत में पिच बनाकर बल्लेबाजी का हुनर सीखा. खेत के मैदान से निकलकर सोनाली क्रिकेट के स्टेडियम तक पहुंच गई. सोनाली का सीनियर महिला क्रिकेट टीम में चयन होने से परिजन और गांव के लोगों में खुशी का माहौल है.
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