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यह परिषदीय स्कूल कॉन्वेंट स्कूलों को दे रहा है टक्कर, स्कूल में स्मार्ट है पढ़ाई का तरीका

परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं. सरकार के प्रयासों की बदौलत अब परिषदीय स्कूलों को इंग्लिश के मॉडल स्कूलों के रूप में विकसित किया जा रहा है. ऐसे ही जौनपुर के एक परिषदीय स्कूल के अध्यापकों द्वारा स्कूल को कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर तैयार किया गया है.

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Published : Dec 20, 2019, 2:41 PM IST

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परिषदीय स्कूल में बच्चों को दी जा रही स्मार्ट शिक्षा .

जौनपुर: जिले के कई परिषदीय स्कूल अपनी पढ़ाई की गुणवत्ता के बल पर कॉन्वेंट स्कूलों को मात दे रहे हैं. जौनपुर के शाहगंज स्थित नटोली प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई स्मार्ट तरीके से कराई जा रही है. इस स्कूल के हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और पढ़ाई भी प्रोजेक्टर के माध्यम से होती है.

परिषदीय स्कूल में बच्चों को दी जा रही स्मार्ट शिक्षा .

बच्चों को स्कूल में डांस जैसी एक्टिविटी भी कराई जाती है. वहीं स्कूल में आरओ की भी व्यवस्था की गई है. यह सारी सुविधाएं किसी परिषदीय स्कूल में बहुत कम देखने को मिलती हैं, लेकिन इस स्कूल में अध्यापकों ने अपने प्रयासों के बदौलत सारे आधुनिक संसाधन जुटाए हैं, जिसकी बदौलत यह स्कूल अब स्मार्ट स्कूल कहा जाने लगा है. इस स्कूल में आज 500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं.

प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका महिमा ने बताया कि उनका स्कूल अब परिषदीय विद्यालय को लेकर बनाए गए मिथक को तोड़ रहा है. उनके स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वहीं स्मार्ट तरीके से पढ़ाई के लिए प्रोजेक्टर की व्यवस्था है.

शिक्षिका औषधि ने बताया कि उनका यह स्कूल साधारण स्कूल नहीं है, बल्कि स्मार्ट स्कूल है. उनके यहां स्मार्ट स्कूल की सारी सुविधाएं मौजूद हैं. प्रधानाध्यापक ने इस स्कूल को स्मार्ट बनाया है.


जौनपुर: जिले के कई परिषदीय स्कूल अपनी पढ़ाई की गुणवत्ता के बल पर कॉन्वेंट स्कूलों को मात दे रहे हैं. जौनपुर के शाहगंज स्थित नटोली प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई स्मार्ट तरीके से कराई जा रही है. इस स्कूल के हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और पढ़ाई भी प्रोजेक्टर के माध्यम से होती है.

परिषदीय स्कूल में बच्चों को दी जा रही स्मार्ट शिक्षा .

बच्चों को स्कूल में डांस जैसी एक्टिविटी भी कराई जाती है. वहीं स्कूल में आरओ की भी व्यवस्था की गई है. यह सारी सुविधाएं किसी परिषदीय स्कूल में बहुत कम देखने को मिलती हैं, लेकिन इस स्कूल में अध्यापकों ने अपने प्रयासों के बदौलत सारे आधुनिक संसाधन जुटाए हैं, जिसकी बदौलत यह स्कूल अब स्मार्ट स्कूल कहा जाने लगा है. इस स्कूल में आज 500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं.

प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका महिमा ने बताया कि उनका स्कूल अब परिषदीय विद्यालय को लेकर बनाए गए मिथक को तोड़ रहा है. उनके स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वहीं स्मार्ट तरीके से पढ़ाई के लिए प्रोजेक्टर की व्यवस्था है.

शिक्षिका औषधि ने बताया कि उनका यह स्कूल साधारण स्कूल नहीं है, बल्कि स्मार्ट स्कूल है. उनके यहां स्मार्ट स्कूल की सारी सुविधाएं मौजूद हैं. प्रधानाध्यापक ने इस स्कूल को स्मार्ट बनाया है.


Intro:जौनपुर।। परिषदीय स्कूलों सीधे कान्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। जौनपुर में ऐसे तो कई परिषदीय स्कूल है जो अपनी पढ़ाई की गुणवत्ता के बल पर कॉन्वेंट स्कूलों को मात दे रहे हैं । जौनपुर के शाहगंज स्थित नटोली प्राथमिक स्कूल ऐसा ही है जहां पर पढ़ाई स्मार्ट तरीके से होती है । इस स्कूल में हर कमरे में जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं तो वही यहां पढ़ाई भी प्रोजेक्टर के माध्यम से होती है । बच्चों को स्कूल में डांस जैसी एक्टिविटीज भी कराई जाती है। वही पीने के लिए स्कूल में आरओ की भी व्यवस्था की गई है। यह सारी सुविधाएं किसी परिषदीय स्कूल में बहुत कम देखने को मिलती है लेकिन जौनपुर के इस स्कूल में अध्यापकों ने अपने प्रयासों के बदौलत सारे आधुनिक संसाधन जुटा रखे हैं जिसकी बदौलत यह स्कूल अब स्मार्ट स्कूल कहा जाने लगा है।


Body:वीओ।। सरकार परिषदीय स्कूलों मैं शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है । वही जौनपुर जनपद में कुछ ऐसे परिषदीय स्कूल है जो शिक्षा और सुविधाओं के मामले में कानवेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में जहां शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए जाते रहे लेकिन अब ऐसा नहीं है । सरकार के प्रयासों की बदौलत अब परिषदीय स्कूलों को इंग्लिश के मॉडल स्कूलों के रूप में विकसित किया जा रहा है ।जौनपुर के शाहगंज तहसील के प्राथमिक स्कूल नटोली में बच्चों की कोई कमी नहीं है बल्कि यहां पर अब बच्चों के एडमिशन के लिए जगह भी नहीं बची है । इस स्कूल में आज पढ़ने के लिए मारामारी मची है क्योंकि यह परिषदीय स्कूल अब साधारण स्कूल नहीं रहा बल्कि यह कान्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहा है। इस परिषदीय स्कूल में हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं तो वहीं पढ़ाई के लिए प्रोजेक्टर की व्यवस्था की गई है । यहां बच्चों को खेलने से लेकर डांस जैसे क्रियाकलाप भी कराए जाते हैं। जिसकी बदौलत इस स्कूल में आज 500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं । आसपास के प्राइवेट स्कूलों से बच्चे यहां पर प्रवेश लेकर पढ़ रहे हैं।


Conclusion:प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका महिमा ने बताया कि उनका स्कूल अब परिषदीय विद्यालय को लेकर बनाए गए मिथक को तोड़ रहा है । उनके स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं वही स्मार्ट तरीके से पढ़ाई के लिए प्रोजेक्टर की व्यवस्था है। वही डांस जैसे क्रियाकलाप भी कराए जाते हैं।

बाइट- महिमा सिंह -शिक्षिका

स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका औषधि ने बताया कि उनका यह स्कूल साधारण स्कूल नहीं है बल्कि स्मार्ट स्कूल है । उनके यहां स्मार्ट स्कूल की सारी सुविधाएं मौजूद है वही उनके प्रधानाध्यापक ने उनकी स्कूल को स्मार्ट बनाया है।

बाइट- औषधि -शिक्षिका

स्कूल में अपने पोते को छोड़ने आए अभय राजभर ने बताया कि उनका पोता पहले दूसरे प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था लेकिन उन्होंने उसका नाम कटवा कि जिस स्कूल में लिखवाया। अब उनके पोते को पढ़ाई में काफी कुछ आने लगा है जिससे वह खुश है।

बाइट- अभय राजभर -अभिभावक


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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