जौनपुर: अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम ने आज नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई. मुकदमे की सबसे खास बात यह रही कि पूरी कार्रवाई महज सात महीने में ही पूरी हो गई. चार्जशीट दायर करने के तीन महीने बाद ही कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई.
अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम रवि यादव की अदालत ने आज नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी दरिंदे को फांसी की सजा सुनाई. पूरा मामला मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र का है. 6 अगस्त 2020 को नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. ससुराल में रहने वाला चंदौली जिले का निवासी बालगोविंद पड़ोस की दो बहनों को टॉफी दिलाने के बहाने ले गया था. टॉफी दिलाने के बाद उसने छोटी बहन को वापस भेज दिया. इसके बाद आरोपी ने 11 वर्षीय लड़की को मक्के के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया. इसके बाद आरोपी ने उसकी हत्या कर दी और शव को खेत में ही छिपा दिया.
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आरोपी ने पहचान छिपाने के लिए बालिका पर फेंका था एसिड
घटना की वीभत्सता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आरोपी ने पहचान छिपाने के लिए बालिका के चेहरे पर एसिड भी फेंक दिया. घर वापस न लौटने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. 8 अगस्त को खेत में उसका शव मिलने पर परिजनों को घटना की जानकारी हुई. मामले में छानबीन के बाद से पुलिस ने आरोपी को चंदौली जिले से गिरफ्तार कर लिया था. पूरे मामले में विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. इस बाबत विशेष लोक अभियोजक राजेश उपाध्याय ने 11 गवाहों का बयान दर्ज करवाया. शासन की मॉनिटरिंग में यह सुनवाई चली. कोर्ट ने दुष्कर्म के अभियुक्त पर 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है.