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जौनपुर में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं ने अपनाया नया रास्ता, खुद को बना रहीं सशक्त

जौनपुर की महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर खुद को आत्मनिर्भर बनाने की ओर कदम बढा रही हैं. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं अचार, मुरब्बा, जेली, अगरबत्ती, पूजा सामग्री, नमकीन इत्यादि बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है.

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Published : Jan 26, 2020, 10:53 AM IST

स्वयं सहायता समूह की सदस्य
स्वयं सहायता समूह की सदस्य

जौनपुरः शहरी आजीविका केंद्र (सीएलसी) की तरफ से महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा रहा है. दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत शहर में असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी एवं सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत जनपद में करीब तीन हजार महिलाएं काम कर रही हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

नगरीय विकास अभिकरण (डुडा) अंतर्गत शहरी आजीविका केंद्र की स्थापना की गई. शहर मिशन प्रबंधन इकाई के नियंत्रण में लोगों को स्वयं सहायता के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई. इसमें कामगारों को ट्रेनिंग देकर समूह के माध्यम से कुशल बनाने के लिए अचार, मुरब्बा, जेली, अगरबत्ती, वाशिंग पाउडर, मोमबत्ती, चाय पत्ती, बैग, पूजा सामग्री, नमकीन इत्यादि की ट्रेनिंग दी जाती है.

स्टाल लगाकर बेचती हैं सामान
सहनवी शक्ति स्वयं महिला समूह की पिंकी मौर्या ने कहा कि हमारा समूह में 12 से 15 महिलाएं हैं, हम लोग मिलकर काम करते हैं और साल में एक लाख रुपये बचा लेते हैं. हम लोग दुकानों, घरों एवं बाजारों में स्टाल लगाकर अपना सामान बेचने का काम करते हैं.

जीवन को एक नई दिशा दी गई है
सीओ डुडा उषा राय का कहना है कि समूह के माध्यम से महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जा रहा है. इसके तहत 200 से ज्यादा समूह बने हैं. इन महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अपने जीवन को एक नई दिशा दी और खुद को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए कदम बढाया.

शहरी विकास मंत्री गिरीश चंद यादव ने कहा कि स्वयं सहायता समूह गठित करने के लिए सभी को निर्देश दिया गया है. इस पर काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है. पहले नगण्य की स्थिति में था, अब काफी सुधार हुआ है.

जौनपुरः शहरी आजीविका केंद्र (सीएलसी) की तरफ से महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा रहा है. दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत शहर में असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी एवं सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत जनपद में करीब तीन हजार महिलाएं काम कर रही हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

नगरीय विकास अभिकरण (डुडा) अंतर्गत शहरी आजीविका केंद्र की स्थापना की गई. शहर मिशन प्रबंधन इकाई के नियंत्रण में लोगों को स्वयं सहायता के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई. इसमें कामगारों को ट्रेनिंग देकर समूह के माध्यम से कुशल बनाने के लिए अचार, मुरब्बा, जेली, अगरबत्ती, वाशिंग पाउडर, मोमबत्ती, चाय पत्ती, बैग, पूजा सामग्री, नमकीन इत्यादि की ट्रेनिंग दी जाती है.

स्टाल लगाकर बेचती हैं सामान
सहनवी शक्ति स्वयं महिला समूह की पिंकी मौर्या ने कहा कि हमारा समूह में 12 से 15 महिलाएं हैं, हम लोग मिलकर काम करते हैं और साल में एक लाख रुपये बचा लेते हैं. हम लोग दुकानों, घरों एवं बाजारों में स्टाल लगाकर अपना सामान बेचने का काम करते हैं.

जीवन को एक नई दिशा दी गई है
सीओ डुडा उषा राय का कहना है कि समूह के माध्यम से महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जा रहा है. इसके तहत 200 से ज्यादा समूह बने हैं. इन महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अपने जीवन को एक नई दिशा दी और खुद को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए कदम बढाया.

शहरी विकास मंत्री गिरीश चंद यादव ने कहा कि स्वयं सहायता समूह गठित करने के लिए सभी को निर्देश दिया गया है. इस पर काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है. पहले नगण्य की स्थिति में था, अब काफी सुधार हुआ है.

Intro:
जौनपुर | शहरी आजीविका केंद्र (सीएलसी) की तरफ से दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत शहर में असंगठित क्षेत्र के कुशल एवं अर्ध कुशल कामगारों को प्रेरित करने के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग देकर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी एवं सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत जनपद में करीब तीन हजार की आसपास महिलाएं काम कर रही हैं.

Body:वीओ - नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) अंतर्गत शहरी आजीविका केंद्र की स्थापना की गई. जिसके तहत शहर मिशन प्रबंधन इकाई के नियंत्रण में लोगों को स्वयं सहायता के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई. जिसमें कामगारों को ट्रेनिंग देकर समूह के माध्यम से कुशल बनाने के लिए अचार, मुरब्बा, जेली, अगरबत्ती, वाशिंग पाउडर, मोमबत्ती, चाय पत्ती, बैग, पूजा सामग्री, नमकीन इत्यादि की ट्रेनिंग दी जाती है. जिससे महिलाएं स्वावलंबी एवं सशक्त हो सकें. सरकार का यह प्रयास महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ उन्हें मजबूत भी बना भी है. सहनवी शक्ति स्वयं महिला समूह की पिंकी मौर्या ने बताया कि हमारा समूह 12 से 15 महिलाएं हैं जो हम लोग काम करती हैं. हम लोग एक लाख रुपए कमा लेते हैं जबकि हमारा टर्नओवर तीन लाख के ऊपर है. हम लोग दुकानो, घरों एवं स्टाल लगाकर अपना सामान बेचने का काम करते हैं.

Conclusion:सीओ डुंडा उषा राय बताया कि समूह के माध्यम से महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जा रहा है जिसके तहत 200 से ज्यादा समूह बने हैं जिसमें हर समूह में 10 से 12 महिलाएं हैं जो करीब दो हजार के ऊपर काम कर रही हैं जिसमें महिलाएं नमकीन चाय बैग अचार मुरब्बा पापड़ जेम जेली पूजा सामग्री अगरबत्ती मोमबत्ती बनाकर बेच रहे हैं जिनको ट्रेडिंग भी जाती है जिसके बाद बाद में वह खुद बनाकर भेजती हैं.

पूरे मामले में शहरी विकास मंत्री गिरीश चंद यादव ने बताया कि स्वयं महिला सहायता समूह गठित करने के लिए सभी को निर्देश दिया गया है. इस पर काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है पहले नागण्य की स्थिति में था अब काफी सुधार हुआ है.

बाईट - पूनम मौर्या (सहनवी शक्ति स्वयं महिला समूह की सदस्य)

बाईट - उषा राय ( सीओ डुंडा)

बाईट - गिरीशचन्द्र यादव - शहरी विकास मंत्री

Thanks & Regards
Surendra Kumar Gupta
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