जौनपुरः शहरी आजीविका केंद्र (सीएलसी) की तरफ से महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा रहा है. दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत शहर में असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी एवं सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत जनपद में करीब तीन हजार महिलाएं काम कर रही हैं.
नगरीय विकास अभिकरण (डुडा) अंतर्गत शहरी आजीविका केंद्र की स्थापना की गई. शहर मिशन प्रबंधन इकाई के नियंत्रण में लोगों को स्वयं सहायता के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई. इसमें कामगारों को ट्रेनिंग देकर समूह के माध्यम से कुशल बनाने के लिए अचार, मुरब्बा, जेली, अगरबत्ती, वाशिंग पाउडर, मोमबत्ती, चाय पत्ती, बैग, पूजा सामग्री, नमकीन इत्यादि की ट्रेनिंग दी जाती है.
स्टाल लगाकर बेचती हैं सामान
सहनवी शक्ति स्वयं महिला समूह की पिंकी मौर्या ने कहा कि हमारा समूह में 12 से 15 महिलाएं हैं, हम लोग मिलकर काम करते हैं और साल में एक लाख रुपये बचा लेते हैं. हम लोग दुकानों, घरों एवं बाजारों में स्टाल लगाकर अपना सामान बेचने का काम करते हैं.
जीवन को एक नई दिशा दी गई है
सीओ डुडा उषा राय का कहना है कि समूह के माध्यम से महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जा रहा है. इसके तहत 200 से ज्यादा समूह बने हैं. इन महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अपने जीवन को एक नई दिशा दी और खुद को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए कदम बढाया.
शहरी विकास मंत्री गिरीश चंद यादव ने कहा कि स्वयं सहायता समूह गठित करने के लिए सभी को निर्देश दिया गया है. इस पर काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है. पहले नगण्य की स्थिति में था, अब काफी सुधार हुआ है.