ETV Bharat / state

जौनपुर: आम बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया, 'सुविधाएं नहीं उतर पाती हैं जमीन पर' - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शुक्रवार को वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया. इस आम बजट में विकास का खाका खींचने की कोशिश की गई है. इस बजट से हर वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है.

आम बजट पर प्रतिक्रिया देता हुआ किसान
author img

By

Published : Jul 5, 2019, 10:20 PM IST

जौनपुर: 49 सालों के बाद महिला वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को देश का आम बजट पेश किया. इस आम बजट से लोगों को कई उम्मीदें थीं. बजट में छोटे दुकानदारों को पेंशन और 59 मिनट में लोन देने जैसी सुविधाएं हैं. गांव के विकास के लिए योजनाओं का खाका भी है.

सरकार ने बजट के माध्यम से ऐलान किया है कि 2022 तक जिनके पास आवास नहीं है उनको आवास दिया जाएगा. 2 अक्टूबर 2019 तक सभी घरों तक शौचालय पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने की घोषणा भी की गई है. जौनपुर में इस आम बजट से लोगों में उत्साह भी देखने को मिला. इस बजट से कई लोगों में नाराजगी देखने को मिली.

आम बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया

आम बजट पर आम जनता की प्रतिक्रिया-

  • जौनपुर में देश के आम बजट पर छोटे दुकानदारों और किसान ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
  • दुकानदारों ने सरकार के बजट का स्वागत किया, लेकिन 59 मिनट में लोन देने के दावे पर सवाल खड़े किए.
  • लोन लेने के चक्कर में महीनों बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
  • किसान सम्मान निधि से मिलने वाली 6 हजार रुपये की राशि को लेकर किसान परेशान दिखे.
  • किसान सम्मान निधि से मिलने वाली किस्त सिर्फ एक बार मिल पाई है.
  • किसानों का कहना है कि बाकी किस्त के लिए लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.
  • गांव के ग्रामीणों ने भी शौचालय और आवास को लेकर कई सवाल खड़े किए.
  • सरकार की मंशा तो अच्छी है, लेकिन हकीकत में उस मनसा के तहत काम नहीं हो पाता है.

जौनपुर: 49 सालों के बाद महिला वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को देश का आम बजट पेश किया. इस आम बजट से लोगों को कई उम्मीदें थीं. बजट में छोटे दुकानदारों को पेंशन और 59 मिनट में लोन देने जैसी सुविधाएं हैं. गांव के विकास के लिए योजनाओं का खाका भी है.

सरकार ने बजट के माध्यम से ऐलान किया है कि 2022 तक जिनके पास आवास नहीं है उनको आवास दिया जाएगा. 2 अक्टूबर 2019 तक सभी घरों तक शौचालय पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने की घोषणा भी की गई है. जौनपुर में इस आम बजट से लोगों में उत्साह भी देखने को मिला. इस बजट से कई लोगों में नाराजगी देखने को मिली.

आम बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया

आम बजट पर आम जनता की प्रतिक्रिया-

  • जौनपुर में देश के आम बजट पर छोटे दुकानदारों और किसान ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
  • दुकानदारों ने सरकार के बजट का स्वागत किया, लेकिन 59 मिनट में लोन देने के दावे पर सवाल खड़े किए.
  • लोन लेने के चक्कर में महीनों बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
  • किसान सम्मान निधि से मिलने वाली 6 हजार रुपये की राशि को लेकर किसान परेशान दिखे.
  • किसान सम्मान निधि से मिलने वाली किस्त सिर्फ एक बार मिल पाई है.
  • किसानों का कहना है कि बाकी किस्त के लिए लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.
  • गांव के ग्रामीणों ने भी शौचालय और आवास को लेकर कई सवाल खड़े किए.
  • सरकार की मंशा तो अच्छी है, लेकिन हकीकत में उस मनसा के तहत काम नहीं हो पाता है.
Intro:जौनपुर।। 49 सालों के बाद में महिला वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश किया। इस आम बजट से लोगों को कई उम्मीदें थी। बजट में छोटे दुकानदारों को पेंशन और 59 मिनट में लोन देने जैसी सुविधाएं हैं तो गांव के विकास के लिए योजनाओं का खाका भी है। सरकार ने बजट के माध्यम से ऐलान किया कि 2022 तक जिनके पास आवास नहीं है उनको आवास देने की बात कही, तो वही 2 अक्टूबर 2019 तक सभी घरों तक शौचालय पहुंचाने कि लक्ष्य को पूरा करने की घोषणा भी की। जौनपुर में इस आम बजट से लोगों में उत्साह भी देखने को मिला तो वही कई लोगों में इसको लेकर नाराजगी भी देखने को मिली। लोगों ने बड़ी मुश्किल से पहुंच पाता है। बजट में किए गए घोषणाएं केवल कागजी बन के रह जाती हैं।


Body:वीओ।। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आज महिला वित्त मंत्री के रूप में 49 साल के बाद निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया। इस आम बजट में विकास का खाका भी खींचने की कोशिश की गई है । वहीं हर वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश भी की गई है। जौनपुर में देश के आम बजट पर छोटे दुकानदारों और किसान ने ईटीवी भारत को अपनी प्रतिक्रिया दी। दुकानदारों ने सरकार के बजट का स्वागत किया लेकिन 59 मिनट में लोन देने के दावे पर सवाल खड़े किए। क्योंकि लोन लेने के चक्कर में महीनों बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वहीं किसान किसान सम्मान निधि से मिलने वाली ₹6000 की राशि को लेकर परेशान दिखे और कहा कि अभी तक एक किस्त तो ही मिल पाई है जबकि बाकी किस्त के लिए वह लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं । गांव के ग्रामीणों ने भी शौचालय और आवास को लेकर कई सवाल खड़े किए। सरकार की मंशा तो अच्छी है लेकिन हकीकत में उस मनसा के तहत काम नहीं हो पाता है।


Conclusion:छोटे दुकानदार और किसानों से one to one


बाइट- सुरेश यादव-किसान(सफेद कुर्ते में)
बाइट-एम ए खान-किसान
बाइट- धीरेंद्र सिंह- छोटे दुकानदार हरे टी-शर्ट में
बाइट-राहुल बरनवाल -दुकानदार


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
9044681067
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.