जौनपुर: रमजान का पाक महीना 25 तारीख से देश में शुरू हो रहा है. ऐसे में इस बार का रमजान कई मायनों में खास होगा. इससे पहले रमजान के लिए बाजार और मस्जिदें भी नमाज के लिए खुली होती थीं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते बाजार में जहां बंदिशें से हैं तो मस्जिदें भी बंद हैं.
इस लॉकडाउन का पालन भी सबको करना है. देश में बीते एक महीने से लॉकडाउन के चलते लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है. इस तरह जहां रमजान के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती थीं, लेकिन इस बार लॉकडाउन और आर्थिक तंगी के चलते तैयारियां प्रभावित हुई हैं, क्योंकि रमजान में फल और खजूर का विशेष महत्व होता है. लेकिन दोनों ही चीजों के लिए जेब में पैसे होने चाहिए. इस बार आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग खजूर भी नहीं खरीद पा रहे हैं, जबकि रोजेदारों को रोजा खोलने के लिए खजूर की सबसे ज्यादा जरूरत होती है.
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एक महीने तक चलने वाला पाक महीना रमजान 25 अप्रैल से शुरू हो रहा है. देश में इस बार लॉकडाउन के संकट भरे दौर में रमजान की शुरुआत हो रही है, जिसके चलते लोगों को खासी दिक्कत भी हो रही है. लॉकडाउन के चलते जहां बाजारों में समय की बंदिशें हैं तो वहीं काम धंधे बंद होने के चलते आर्थिक तंगी भी काफी ज्यादा है. मुस्लिम समुदाय के गरीब लोग अब सरकारी मदद पर निर्भर हैं, लेकिन इस बार रमजान में जरूरत की सामान भी पैसे की कमी के चलते लोग नहीं खरीद पा रहे हैं.
वहीं जनधन खातों में आए हुए 500 रुपये निकालने के लिए पूरा दिन लाइनों में निकल जा रही है, क्योंकि रमजान के त्योहार के लिए पैसों की उन्हें सख्त जरूरत है. मोमिना भी 500 रुपये के लिए लाइनों में लग रही हैं, लेकिन उन्हें अभी तक पैसा नहीं मिला. फल विक्रेता मोनू बताते हैं कि रमजान के चलते फलों के दामों में तेजी से उछाल आया है. संतरा, सेव और अनार जैसे फलों के दामों में 20 से 25 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है.
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खजूर बेचने वाले दुकानदार अजीमुल्लाह बताते हैं कि खजूर का रमजान में सबसे ज्यादा महत्व है, क्योंकि बिना खजूर खाए रोजा नहीं खोल सकते हैं. इस बार खजूर की आपूर्ति लॉकडाउन के चलते प्रभावित हैं. वहीं खजूर के दाम भी बढ़े हैं. इस बार लोगों के पास पैसे नहीं है, जिसके चलते वह खजूर तक नहीं खरीद पा रहे हैं. लॉकडाउन के चलते इस बार रमजान में लोग परेशान हैं.