जौनपुर: कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को आवासीय सुविधा देकर पढ़ाया जाता है. जिले के 21 ब्लाॅक में 19 कस्तूरबा गांधी विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं. इन विद्यालयों में 500 से ज्यादा शिक्षक सहित अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं. नए शासनादेश ने शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी है. शासनादेश के अनुसार, गृह विज्ञान, कला, संगीत जैसे कई विषयों के पूर्णकालिक शिक्षकों को हटाकर उन्हें अंशकालिक शिक्षक के तौर पर पदस्थापन किया जा रहा है. वहीं इन विद्यालयों में तैनात पुरुष शिक्षकों को अब बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. सोमवार को ऐसे शिक्षकों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया.
प्रदेश सरकार की ओर से जारी शासनादेश में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के कला, संगीत और गृह विज्ञान जैसे विषयों को अब मुख्य विषय मानने से शासन ने मना कर दिया है. वहीं इन विषयों के पूर्णकालिक शिक्षकों को अब वहां से हटाकर अंशकालिक शिक्षक के तौर पर पदस्थापन किया जा रहा है. अब अंशकालिक के तौर पर काम करने वाले पूर्णकालिक शिक्षकों का वेतन आधे से भी कम हो जाएगा.
वहीं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों से अब पुरुष शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाने की भी तैयारी शुरू हो चुकी है. शिक्षकों ने सोमवार को इस संबंध में डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर सीएम योगी के नाम ज्ञापन सौंपा है. साथ ही अब संस्कृत जैसे विषय को कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में भाषा के तौर पर नहीं माना जा रहा है.
साथ ही 20 फीसदी अल्पसंख्यक विद्यार्थियों वाले विद्यालयों में उर्दू शिक्षक रखने की अनुमति दी गई है. शिक्षकों की मांग है कि सरकार इस शासनादेश को नए शिक्षकों पर लागू करें.