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जौनपुर में हेल्पलाइन 181 के कर्मचारी चला रहे वन स्टॉप सेंटर

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में वन स्टॉप सेंटर का हाल ऐसा है कि जिले में उसकी खुद की बिल्डिंग ही नहीं है. सेंटर को महिला जिला अस्पताल में संचालित किया जा रहा है.

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181 से संचालित हो रहा सेंटर
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Published : Mar 17, 2020, 11:30 PM IST

जौनपुर: जिले में महिला चिकित्सालय में अस्थाई तौर पर अप्रैल 2019 में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की गई, जिसका उद्घाटन वर्तमान जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने किया. इसमें महिला सशक्तिकरण, सखी आशा ज्योति किरण, 181 हेल्पलाइन एवं वन स्टॉप सेंटर के तहत कार्य करने की पहल की गई. वन स्टॉप सेंटर के तहत काउंसलर, चिकित्सक और वन स्टॉप सेंटर से मिलने वाली सुविधाएं देने की बात कही गई थी. वहीं साल भर होने के बाद भी यहां अब तक नियुक्ति प्रोसेसिंग चल रहा है. यह वन स्टॉप सेंटर 181 के सुगमकर्ताओं के सहारे चलाए जा रहा है.

181 से संचालित हो रहा सेंटर

जनपद में किसी प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं को सुविधा, चिकित्सा और काउंसलिंग करने के लिए सरकार ने वन स्टॉप सेंटर शुरू करने की योजना चलाई थी. इसके तहत जनपद के सदर महिला चिकित्सालय में अस्थाई तौर पर वन स्टॉप खोला गया था. उद्घाटन के समय व्यवस्थाएं अच्छी करने की बात कही गई थी, मगर साल भर बीतते ही वन स्टॉप सेंटर को हॉस्पिटल से ग्राउंड फ्लोर से चौथे फ्लोर पर भेज दिया गया. इससे आने-जाने वाली पीड़ित महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वन स्टॉप सेंटर के लिए तीन ही रूम अलॉट किए गए हैं, जिसमें एक स्टाफ रूम, दूसरा पुलिस चौकी और तीसरा पीड़ित महिलाओं के लिए रखा गया. पीड़ित महिलाओं के लिए एक रूम होने के कारण समस्याएं ज्यादा होती है. सेंटर में विक्षिप्त महिलाओं और नॉर्मल महिलाओं को एक ही रूम में रखा जाता है, जिससे अन्य महिलाओं को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

सखी आशा ज्योति किरण हेल्पलाइन 181 की सुगमकर्ता रत्ना गुप्ता ने बताया कि 23 जनवरी 2019 से जनपद के महिला जिला चिकित्सालय में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की गई. यहां किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को लाया जाता है. सेंटर में अधिकतर केस सेल्टर होम पुलिस की ओर से लाया जाता है. अज्ञात महिलाओं की काउंसलिंग कर उनके घर पहुंचाने का कार्य किया जाता है.

पीड़ित महिलाओं को सेंटर में आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. महिला जिला अस्पताल में सेंटर तीसरे माले पर है, जिसके कारण उन्हें ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों की प्रयोग करना पड़ता है क्योंकि यहां पर लिफ्ट बंद है.

पूरे मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने बताया कि अस्थाई तौर पर वन स्टॉप सेंटर महिला जिला चिकित्सालय में संचालित हो रहा है. इसमें करीब ढाई सौ से ज्यादा महिलाओं को रेस्क्यू किया गया है. साथ ही 34 पीड़ित महिलाओं को आश्रित दिया गया है. हमारा स्थाई वन स्टॉप सेंटर का निर्माण राजकीय मेडिकल कॉलेज के बगल में किया जा रहा है. इसमें 1000 स्क्वायर फीट में भवन बनाया जाएगा. इसकी जमीन चिन्हित कर ली गई है.
संतोष कुमार सोनी

इसे भी पढ़ें- यूपी में केंद्र की योजना फेल, सिर्फ कागजों में चल रहे वन स्टॉप सेंटर

जौनपुर: जिले में महिला चिकित्सालय में अस्थाई तौर पर अप्रैल 2019 में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की गई, जिसका उद्घाटन वर्तमान जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने किया. इसमें महिला सशक्तिकरण, सखी आशा ज्योति किरण, 181 हेल्पलाइन एवं वन स्टॉप सेंटर के तहत कार्य करने की पहल की गई. वन स्टॉप सेंटर के तहत काउंसलर, चिकित्सक और वन स्टॉप सेंटर से मिलने वाली सुविधाएं देने की बात कही गई थी. वहीं साल भर होने के बाद भी यहां अब तक नियुक्ति प्रोसेसिंग चल रहा है. यह वन स्टॉप सेंटर 181 के सुगमकर्ताओं के सहारे चलाए जा रहा है.

181 से संचालित हो रहा सेंटर

जनपद में किसी प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं को सुविधा, चिकित्सा और काउंसलिंग करने के लिए सरकार ने वन स्टॉप सेंटर शुरू करने की योजना चलाई थी. इसके तहत जनपद के सदर महिला चिकित्सालय में अस्थाई तौर पर वन स्टॉप खोला गया था. उद्घाटन के समय व्यवस्थाएं अच्छी करने की बात कही गई थी, मगर साल भर बीतते ही वन स्टॉप सेंटर को हॉस्पिटल से ग्राउंड फ्लोर से चौथे फ्लोर पर भेज दिया गया. इससे आने-जाने वाली पीड़ित महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वन स्टॉप सेंटर के लिए तीन ही रूम अलॉट किए गए हैं, जिसमें एक स्टाफ रूम, दूसरा पुलिस चौकी और तीसरा पीड़ित महिलाओं के लिए रखा गया. पीड़ित महिलाओं के लिए एक रूम होने के कारण समस्याएं ज्यादा होती है. सेंटर में विक्षिप्त महिलाओं और नॉर्मल महिलाओं को एक ही रूम में रखा जाता है, जिससे अन्य महिलाओं को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

सखी आशा ज्योति किरण हेल्पलाइन 181 की सुगमकर्ता रत्ना गुप्ता ने बताया कि 23 जनवरी 2019 से जनपद के महिला जिला चिकित्सालय में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की गई. यहां किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को लाया जाता है. सेंटर में अधिकतर केस सेल्टर होम पुलिस की ओर से लाया जाता है. अज्ञात महिलाओं की काउंसलिंग कर उनके घर पहुंचाने का कार्य किया जाता है.

पीड़ित महिलाओं को सेंटर में आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. महिला जिला अस्पताल में सेंटर तीसरे माले पर है, जिसके कारण उन्हें ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों की प्रयोग करना पड़ता है क्योंकि यहां पर लिफ्ट बंद है.

पूरे मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने बताया कि अस्थाई तौर पर वन स्टॉप सेंटर महिला जिला चिकित्सालय में संचालित हो रहा है. इसमें करीब ढाई सौ से ज्यादा महिलाओं को रेस्क्यू किया गया है. साथ ही 34 पीड़ित महिलाओं को आश्रित दिया गया है. हमारा स्थाई वन स्टॉप सेंटर का निर्माण राजकीय मेडिकल कॉलेज के बगल में किया जा रहा है. इसमें 1000 स्क्वायर फीट में भवन बनाया जाएगा. इसकी जमीन चिन्हित कर ली गई है.
संतोष कुमार सोनी

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