जौनपुर : जिस समाज को एक-दूसरे का सुख दु:ख का साथी माना जाता है, उस समाज का ऐसा चेहरा सामने आया है, जो आपको झकझोर कर रख देगा. कोरोना संक्रमित एक महिला की मौत हो जाती है और समाज परिवार को सांत्वना देना तो दूर, अंतिम संस्कार करने तक से रोक देता है. नतीजा पति साइकिल पर शव लेकर दर-दर की ठोकरें खाता है, लेकिन उसे दो गज जमीन नसीब नहीं होने दिया जाता. बाद में पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया और शव का अंतिम संस्कार संभव हुआ.
इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अमरपुर गांव की है. यहां के निवासी तिलकधारी सिंह की 50 वर्षीय पत्नी राजकुमारी ने जिला अस्पताल में दम तोड़ा तो गांव वाले कोरोना के डर से देखने के लिए नहीं आए. शव को घर पर रखना भी मुश्किल हो रहा था. ऐसे में तिलकधारी सिंह ने शव को साइकिल में बांध अंतिम संस्कार करने की ठान ली. इसके बाद शव जलाने की ठान कर पत्नी के मृत शरीर को साइकिल पर लादकर पर तिलकधारी निकल पड़े.
गांव में नदी के किनारे दाह संस्कार करने के लिए अभी वह चिता भी नहीं लगा पाए थे कि गांव के लोगों ने शव जलाने से मना कर दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर जाकर तिलकधारी सिंह की सहायता की. पुलिस प्रशासन का मानवीय चेहरा भी इस दौरान देखने को मिला.
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घटना के संबंध में पूछे जाने पर सीओ मड़ियाहूं ने बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस पहुंच गई थी. पुलिस ने तिलकधारी सिंह की सहायता की. शव के लिए गाड़ी का इंतजाम भी कराया. इसके अलावा अंतिम क्रिया के लिए शव को जौनपुर के रामघाट पर भिजवाया गया