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खड़े होने की उम्र में ही टेढ़े हो रहे हैं बच्चे, रहस्यमय बीमारी की चपेट में जौनपुर के 5 गांव

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Published : Oct 5, 2019, 11:35 PM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में करीब पांच गांव रहस्यमय बीमारी की चपेट में है. इस बीमारी की चपेट का शिकार सबसे ज्यादा बच्चे हो रहे हैं. पहले कमर में दर्द से शुरू होने वाली यह बीमारी धीरे-धीरे हाथ और पैर को अजीबोगरीब हालत में खड़ा कर देती है.

रहस्यमय बीमारी की चपेट में कई गांव.

जौनपुर: जनपद के मुंगरा बादशाहपुर के 5 गांव एक रहस्यमय बीमारी की चपेट में है. वैसे बीमारी का नाम अब तक पता नहीं चल सका है, लेकिन इन पांचों गांव में 50 से ज्यादा की संख्या में लोग दिव्यांगता का शिकार हो चुके हैं. वहीं फत्तूपुर गांव में तो हालात और बेकाबू है, जहां गांव के बच्चे खड़े होने की उम्र में ही टेढ़े हो रहे हैं, जिसके कारण उनकी पूरी जिंदगी ही बर्बाद होती दिख रही है.

रहस्यमय बीमारी की चपेट में कई गांव.

बीते 5 सालों से यह बीमारी क्षेत्र के लोगों के लिए किसी श्राप से कम नहीं है. वहीं इस बीमारी के कारणों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इन गांव के पानी की जांच कराई. लेकिन उनमें कोई भी खराबी नहीं पाई गई. फिर दिव्यांग हुए लोगों को इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने बीमारी को लाइलाज बताया. अब गांव के लोग भगवान भरोसे हैं.

इस बीमारी की शुरुआत सबसे ज्यादा बच्चों में हो रही है. पहले कमर में दर्द से शुरू होने वाली यह बीमारी धीरे-धीरे हाथ और पैर को अजीबोगरीब हालत में खड़ा कर देती है. जिसके बाद लोग चलने फिरने में असमर्थ हो जाते हैं. वहीं इस बीमारी के कारण फुतुपुर में कई लोगों की मौत तक हो चुकी है.

ये भी पढ़ें- जौनपुरः PHD प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप, अभ्यर्थियों ने DM को सौंपा ज्ञापन

फत्तूपुर के 8 साल के शिवपूजन अभी ठीक से पैरों पर खड़े भी नहीं हो पाए थे, तब तक इस बीमारी ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. आज वह पढ़ने की उम्र में डंडे के सहारे चलने को मजबूर है. वहीं उसकी बहन साधना भी विकलांगता का शिकार हो चुकी हैं. 10 साल की साधना से बीमारी का असहनीय दर्द सहा नहीं जाता है. भाई और बहन की जिंदगी आज घर के दायरे में ही सिमटकर रह गई है. इनकी आंखों में अब केवल आंसू ही दिखते हैं. वहीं पड़ोस की 18 साल की सोनिया जो पढ़ाई करके कुछ बनने का सपना सजाई हुई थी, लेकिन अचानक से इस बीमारी ने उसे अपनी चपेट में लिया. आज सोनिया दिन भर बिस्तर पर ही पड़ी रहती है.

सोनिया के पिता राधेश्याम बताते हैं कि इस रहस्यमई बीमारी में उनके बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है. वहीं जिला प्रशासन भी उन लोगों के लिए कोई अच्छा प्रयास नहीं कर रहा है. उनके मन में तो यही विचार आता है कि कभी जहर खिलाकर पूरे परिवार को ही खत्म कर लें.

इसके लिए जल्द ही शासन स्तर से बात करने का प्रयास करुंगी. अगर जरूरत पड़ी तो लोगों को गांव से शिफ्ट भी कराया जाएगा.
-मंजू दिलेर, सदस्य, राष्ट्रीय सफाई आयोग

मुंगरा बादशाहपुर के 5 गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजकर जांच कराई गई है. अभी तक बीमारी का कारण पता नहीं चल सका है. वहीं पानी की जांच कराई गई तो कुछ भी नहीं निकला. अब बीएचयू और इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखकर टीम भेजकर जांच करने का आग्रह किया गया है.
-डॉ. राम जी पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जौनपुर

जौनपुर: जनपद के मुंगरा बादशाहपुर के 5 गांव एक रहस्यमय बीमारी की चपेट में है. वैसे बीमारी का नाम अब तक पता नहीं चल सका है, लेकिन इन पांचों गांव में 50 से ज्यादा की संख्या में लोग दिव्यांगता का शिकार हो चुके हैं. वहीं फत्तूपुर गांव में तो हालात और बेकाबू है, जहां गांव के बच्चे खड़े होने की उम्र में ही टेढ़े हो रहे हैं, जिसके कारण उनकी पूरी जिंदगी ही बर्बाद होती दिख रही है.

रहस्यमय बीमारी की चपेट में कई गांव.

बीते 5 सालों से यह बीमारी क्षेत्र के लोगों के लिए किसी श्राप से कम नहीं है. वहीं इस बीमारी के कारणों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इन गांव के पानी की जांच कराई. लेकिन उनमें कोई भी खराबी नहीं पाई गई. फिर दिव्यांग हुए लोगों को इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने बीमारी को लाइलाज बताया. अब गांव के लोग भगवान भरोसे हैं.

इस बीमारी की शुरुआत सबसे ज्यादा बच्चों में हो रही है. पहले कमर में दर्द से शुरू होने वाली यह बीमारी धीरे-धीरे हाथ और पैर को अजीबोगरीब हालत में खड़ा कर देती है. जिसके बाद लोग चलने फिरने में असमर्थ हो जाते हैं. वहीं इस बीमारी के कारण फुतुपुर में कई लोगों की मौत तक हो चुकी है.

ये भी पढ़ें- जौनपुरः PHD प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप, अभ्यर्थियों ने DM को सौंपा ज्ञापन

फत्तूपुर के 8 साल के शिवपूजन अभी ठीक से पैरों पर खड़े भी नहीं हो पाए थे, तब तक इस बीमारी ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. आज वह पढ़ने की उम्र में डंडे के सहारे चलने को मजबूर है. वहीं उसकी बहन साधना भी विकलांगता का शिकार हो चुकी हैं. 10 साल की साधना से बीमारी का असहनीय दर्द सहा नहीं जाता है. भाई और बहन की जिंदगी आज घर के दायरे में ही सिमटकर रह गई है. इनकी आंखों में अब केवल आंसू ही दिखते हैं. वहीं पड़ोस की 18 साल की सोनिया जो पढ़ाई करके कुछ बनने का सपना सजाई हुई थी, लेकिन अचानक से इस बीमारी ने उसे अपनी चपेट में लिया. आज सोनिया दिन भर बिस्तर पर ही पड़ी रहती है.

सोनिया के पिता राधेश्याम बताते हैं कि इस रहस्यमई बीमारी में उनके बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है. वहीं जिला प्रशासन भी उन लोगों के लिए कोई अच्छा प्रयास नहीं कर रहा है. उनके मन में तो यही विचार आता है कि कभी जहर खिलाकर पूरे परिवार को ही खत्म कर लें.

इसके लिए जल्द ही शासन स्तर से बात करने का प्रयास करुंगी. अगर जरूरत पड़ी तो लोगों को गांव से शिफ्ट भी कराया जाएगा.
-मंजू दिलेर, सदस्य, राष्ट्रीय सफाई आयोग

मुंगरा बादशाहपुर के 5 गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजकर जांच कराई गई है. अभी तक बीमारी का कारण पता नहीं चल सका है. वहीं पानी की जांच कराई गई तो कुछ भी नहीं निकला. अब बीएचयू और इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखकर टीम भेजकर जांच करने का आग्रह किया गया है.
-डॉ. राम जी पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जौनपुर

Intro:जौनपुर।। जनपद के मुंगरा बादशाहपुर के 5 गांव एक रहस्यमय बीमारी की चपेट में है। वैसे बीमारी का नाम अब तक पता नहीं चल सका है लेकिन इन पांचों गांव में आज 50 से ज्यादा की संख्या में लोग विकलांगता का शिकार हो चुके हैं । फुतुपुर गांव में तो हालात और बेकाबू है। गांव के बच्चे खड़े होने की उम्र में ही टेढ़े हो रहे हैं जिसके कारण उनकी पूरी जिंदगी ही बर्बाद हो जा रही है । बीते 5 सालों से यह बीमारी क्षेत्र के लोगों के लिए किसी श्राप से कम नहीं है। वहीं इस बीमारी के कारणों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इन गांव के पानी की जांच कराई। लेकिन उनमें कोई भी खराबी नहीं पाई गई। फिर विकलांग हुए लोगों को इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए भेजा गया जहां डॉक्टरों ने बीमारी से पीड़ित लोगों को देखकर अपना माथा पकड़ लिया और बीमारी को लाइलाज बताया। अब गांव के लोग भगवान के भरोसे ही जिंदा है।


Body:वीओ।। जनपद की मुंगरा बादशाहपुर के 5 गांव के सीधे लोग भी आज टेढ़े हो रहे हैं । क्षेत्र के फुतु पुर, कैथापुर , मझगवां, चंदौकी गांव में आज 50 से ज्यादा लोग विकलांगता का शिकार हो चुके हैं। क्षेत्र में बीते 5 सालों से लोग तेजी से विकलांगता का शिकार हो रहे हैं । इस बीमारी की शुरुआत सबसे ज्यादा बच्चों में हो रही है। पहले कमर में दर्द से शुरू होने वाली यह बीमारी धीरे-धीरे हाथ और पैर को अजीबोगरीब हालत में खड़ा कर देती है जिसके बाद लोग चलने फिरने में असमर्थ हो जाते हैं । वही इस बीमारी के कारण फुतुपुर में कई लोगों की मौत तक हो चुकी है ।स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बीमारी का कारण पता लगाने के लिए पानी की जांच कराई गई लेकिन पानी सही पाया गया। अब बीएचयू और इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज की टीम को पत्र लिखकर बीमारी की जांच कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रयास शुरू हुए हैं।


वीओ 2- फत्तूपुर के 8 साल के शिवपूजन अभी ठीक से पैरों पर खड़े भी नहीं हो पाए थे, तब तक इस बीमारी ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया । आज वह पढ़ने की उम्र में डंडे के सहारे चलने को मजबूर है । वही उनकी बहन साधना भी विकलांगता का शिकार हो चुकी है। 10 साल की साधना से बीमारी का असहनीय दर्द सहा नहीं जाता है। भाई और बहन की जिंदगी आज घर के दायरे में ही सिमट कर रह गई हैं। जिनका पूरा भविष्य इस बीमारी ने बर्बाद कर दिया है। इनकी आंखों में अब केवल आशु दिखते हैं। वही पड़ोस की 18 साल की सोनिया जो पढ़ाई करके कुछ बनने का सपना सजाई हुई थी लेकिन अचानक से इस बीमारी ने उसे अपनी चपेट में लिया तो उसके बाद यह चलना फिरना भी भूल गई । आज सोनिया दिन भर बिस्तर पर ही पड़ी रहती है।


बाइट-प्रेमा-शिवपूजन की माँ
बाइट-सोनिया-पीड़िता





Conclusion:स्वास्थ्य विभाग इन लोगों की विकलांगता का इलाज तो नहीं कर पा रहा है लेकिन बीमारी से पीड़ित हुए लोगों को विकलांग प्रमाण पत्र देने में कोई देर नहीं लगा रहा है।


सोनिया के पिता राधेश्याम बताते हैं कि इस रहस्यमई बीमारी में उनके बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है । वहीं जिला प्रशासन भी उन लोगों के लिए कोई अच्छा प्रयास नहीं कर रहा है। उनके मन में तो यही विचार आता है कि कभी जहर खिलाकर पूरे परिवार को ही खत्म कर लू।

बाइट- राधेश्याम- सोनिया के पिता


राष्ट्रीय सफाई आयोग के सदस्य मंजू दिलेर ने बताया किस बीमारी के बारे में उन्होंने सुना है। वह इसके लिए जल्द ही शासन स्तर से प्रयास करेंगी। अगर जरूरत पड़ी तो लोगों को गांव से शिफ्ट भी कराया जाएगा।

बाइट-मंजू दिलेर- सदस्य राष्ट्रीय सफाई आयोग


जौनपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राम जी पांडे ने बताया कि मुंगरा बादशाहपुर के 5 गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजकर जांच कराई गई है। अभी तक बीमारी का कारण पता नहीं चल सका है। वहीं पानी की जांच कराई गई तो कुछ भी नहीं निकला ।अब बीएचयू और इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखकर टीम भेजकर जांच करने का आग्रह किया गया है।

बाइट- डॉ राम जी पांडे- मुख्य चिकित्सा अधिकारी जौनपुर


पीटीसी


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