जौनपुर: शिराजे हिंद नाम से मशहूर जौनपुर एक ऐतिहासिक जिला है. शर्की शासनकाल में जौनपुर उत्तर भारत की राजधानी रह चुका है. यहां कई ऐतिहासिक इमारतें आज भी मजबूती की मिसाल बनी हुई हैं. जिनमें शाही पुल का नाम सबसे ऊपर है.
अकबर के शासनकाल में हुआ था निर्माण
शाही पुल का निर्माण 1564 ई. में अकबर के शासनकाल में मुइन खानखाना ने कराया था.
यह देश का इकलौता पुल है जो मुख्य सड़क पृथ्वी तल पर निर्मित है. इस पुल पर शहर का आवागमन आज भी चालू है.
इस पुल को आज 455 साल पूरे हो चुके हैं फिर भी यह पुल मजबूती की मिसाल बना हुआ है.
इस पुल की मजबूती और लंबी आयु के पीछे शेखू शाह बाबा की मजार को माना जाता है.
40 फकीरों के साथ पूजा-पाठ के बाद हुआ था निर्माण
शाही पुल के निर्माण को एक कहावत प्रचलित है. बताया जाता है शाही पुल के निर्माण के समय यह पुल रोज गिर जाता था.
इस बात से परेशान होकर शेखू शाह बाबा ने पुल के निर्माण के लिए 40 फकीरों के साथ पूजा-पाठ की, तब जाकर यह पुल बन पाया.
उन्होंने कहा था क्योंकि मरने के बाद उनकी मजार पुल के शेर मस्जिद में स्थापित कराई जाए.
लोगों की ऐसी मान्यता है कि शेखू शाह बाबा की मजार की वजह से ही शाही पुल की मजबूती और उसका अस्तित्व बना हुआ है. वहीं मजार के होने की वजह से ही पुल पर कोई हादसा तक नहीं होता.