जौनपुर: कहते हैं कि हौसलों की उड़ान अगर ऊंची हो तो आदमी कुछ भी कर सकता है. इस बात का उदाहरण जौनपुर के रहने वाले रामअजोर माली हैं. रामअजोर माली ने जो कर दिखाया है, वह वाकई काबिले तारीफ है. जिस नवजात बच्ची को माली रामअजोर ने 20 साल पहले पोखरे के किनारे से उठाया था, बुधवार को उसकी धूमधाम से शादी कर दी.
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यहां से शुरू हुई कहानी
20 साल पहले पोखरे के किनारे एक नवजात की आवाज सुनकर रामअजोर माली रुक गए. बच्ची सफेद कपड़े में लिपटी रो रही थी. रामअजोर माली ने उस नवजात को उठाया और फिर उसके माता-पिता का पता लगाने की कोशिश की. तमाम कोशिश के बाद भी वो नाकाम रहे. ऐसे में उन्होंने इसे माता शीतला का आशीर्वाद समझकर अपने पास रख लिया.
परिवार ने किया विरोध
रामअजोर के इस फैसले का विरोध उनकी पत्नी ने किया. उनकी पत्नी का कहना था कि अगर वह इस बच्ची को अपनाते हैं तो वह घर छोड़ देगी. रामअजोर माली के लिए यह संकट की घड़ी थी. एक तरफ उनका परिवार खड़ा था तो दूसरी तरह नवजात बच्ची. फैसला लेना बेहद मुश्किल था. राम अजोर ने बच्ची को अपनाने का फैसला किया. इस फैसले से नाराज होकर उनकी पत्नी ने घर छोड़ दिया. उनकी पत्नी अपने दोनों बच्चों को लेकर मायके चली गई, लेकिन फिर भी रामअजोर माली के हौसले कम नहीं हुए.
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20 साल बाद धूमधाम से की शादी
रामअजोर ने उस बच्ची का पालन-पोषण अकेले दम पर किया. उन्होंने पूरी इमानदारी से उस बच्ची को पाल-पोस कर बड़ा किया. पिछले बुधवार को उन्होंने उसका विवाह भी किया. शादी में सभी गांव वालों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. धूमधाम से किए गए इस विवाह की चर्चा हर तरफ हो रही है.