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जौनपुर में शिक्षकों की बड़ी लापरवाही, कक्षा एक की छात्रा को स्कूल में बंद करके चले गए घर, सुनें बच्ची का दर्द

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Published : Feb 10, 2023, 8:49 PM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. पूरा स्टाफ चला गया और पहली कक्षा की एक छात्रा स्कूल के कमरे में ही रह गई. जानें कैसे परिवार वालों को बच्ची मिली.

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स्कूल में बंद हुई बच्ची की कहानी.
स्कूल में बंद हुई बच्ची की कहानी.

जौनपुर: स्कूल का नियम है कि बच्चों की छुट्टी होने के बाद सभी कमरों की जांच करके ही भवन बंद किया जाता है. लेकिन, उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्कूल के शिक्षकों और अन्य स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां शिक्षक कक्षा एक की छात्रा प्रियंका को कमरे में बंद करके घर चले गए. बच्ची जब समय से घर नहीं पहुंची तो परिवार वाले परेशान हो गए. उन्होंने बच्ची की तलाश शुरू की.

करीब दो घंटे की तलाश के दौरान जब परिवार वाले स्कूल के पास पहुंचे तो उनको अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. इस पर परिवार वालों और ग्रामीणों ने स्कूल का दरवाजा तोड़कर छात्रा को बाहर निकाला. वहीं इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने विद्यालय के अध्यापकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है और मामले की जांच कराने की मांग की है.

स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा गया है, जहां छात्र व छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं. लेकिन, इसी मंदिर के शिक्षक कक्षा 1 की छात्रा को स्कूल बंद होने के बाद कमरे में बंद करके घर चले गए. जब छात्रा स्कूल बंद होने के बाद भी घर नहीं पहुंची तब परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. स्कूल से छात्रा के रोने की आवाज आने पर परिजनों ने दरवाजा तोड़ कर छात्रा को कमरे से बाहर निकाला. लेकिन, इस दौरान मासूम छात्रा डरी हुई थी, जिसको परिजनों ने किसी तरह से समझाया बुझाया, तब जाकर छात्रा का रोना बंद हुआ. वहीं परिजनों ने स्कूल के अध्यापकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

जिले के बदलपुर के कम्पोजिट विद्यालय फत्तूपुर में स्कूल अपने समय से खुला था. दोपहर को 3 बजे स्कूल बंद किया जाता है. इस दौरान शिक्षक एक छात्रा जिसका नाम प्रियंका पुत्री जगदीश निषाद है को एक कमरे में बंद करके चले गए. करीब 2 घण्टे बाद जब परिजनों ने को सूचना पहुंची की उसकी छात्रा स्कूल से वापस नहीं आई तब परिजनों ने खोजबीन शुरू की.

जब परिजन स्कूल के समीप पहुंचे तब छात्रा के रोने की आवाज सुनने के बाद परिजनों ने दरवाजा तोड़कर छात्रा को बाहर निकाला. वहीं परिजनों ने विद्यालय के शिक्षकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं, इस घटना पर बीएसए ने खण्ड शिक्षा अधिकारी को इस मामले की जांच सौंपी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद जिसकी लापरवाही होंगी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले का संज्ञान लेते हुए बीएसए जौनपुर डा. गोरखनाथ पटेल ने इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी बदलापुर को सौंपी है और लापरवाह अध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ेंः Shravasti में किशोरी का अपहरण कर युवक दो दिन तक घर में बनाए रहा बंधक, 93 हजार रुपए भी ऐंठे

स्कूल में बंद हुई बच्ची की कहानी.

जौनपुर: स्कूल का नियम है कि बच्चों की छुट्टी होने के बाद सभी कमरों की जांच करके ही भवन बंद किया जाता है. लेकिन, उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्कूल के शिक्षकों और अन्य स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां शिक्षक कक्षा एक की छात्रा प्रियंका को कमरे में बंद करके घर चले गए. बच्ची जब समय से घर नहीं पहुंची तो परिवार वाले परेशान हो गए. उन्होंने बच्ची की तलाश शुरू की.

करीब दो घंटे की तलाश के दौरान जब परिवार वाले स्कूल के पास पहुंचे तो उनको अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. इस पर परिवार वालों और ग्रामीणों ने स्कूल का दरवाजा तोड़कर छात्रा को बाहर निकाला. वहीं इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने विद्यालय के अध्यापकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है और मामले की जांच कराने की मांग की है.

स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा गया है, जहां छात्र व छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं. लेकिन, इसी मंदिर के शिक्षक कक्षा 1 की छात्रा को स्कूल बंद होने के बाद कमरे में बंद करके घर चले गए. जब छात्रा स्कूल बंद होने के बाद भी घर नहीं पहुंची तब परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. स्कूल से छात्रा के रोने की आवाज आने पर परिजनों ने दरवाजा तोड़ कर छात्रा को कमरे से बाहर निकाला. लेकिन, इस दौरान मासूम छात्रा डरी हुई थी, जिसको परिजनों ने किसी तरह से समझाया बुझाया, तब जाकर छात्रा का रोना बंद हुआ. वहीं परिजनों ने स्कूल के अध्यापकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

जिले के बदलपुर के कम्पोजिट विद्यालय फत्तूपुर में स्कूल अपने समय से खुला था. दोपहर को 3 बजे स्कूल बंद किया जाता है. इस दौरान शिक्षक एक छात्रा जिसका नाम प्रियंका पुत्री जगदीश निषाद है को एक कमरे में बंद करके चले गए. करीब 2 घण्टे बाद जब परिजनों ने को सूचना पहुंची की उसकी छात्रा स्कूल से वापस नहीं आई तब परिजनों ने खोजबीन शुरू की.

जब परिजन स्कूल के समीप पहुंचे तब छात्रा के रोने की आवाज सुनने के बाद परिजनों ने दरवाजा तोड़कर छात्रा को बाहर निकाला. वहीं परिजनों ने विद्यालय के शिक्षकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं, इस घटना पर बीएसए ने खण्ड शिक्षा अधिकारी को इस मामले की जांच सौंपी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद जिसकी लापरवाही होंगी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले का संज्ञान लेते हुए बीएसए जौनपुर डा. गोरखनाथ पटेल ने इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी बदलापुर को सौंपी है और लापरवाह अध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

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