जौनपुर: वैसे तो स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार स्वास्थ्य महकमे के पेंच कसने का काम कर रहे हैं. लेकिन, जौनपुर जिला अस्पताल का हाल देख आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. जहां एक तरफ औसत से कम डॉक्टर होने के कारण सैकड़ों मरीजों को आए दिन अस्पताल से बिना स्वास्थ्य सेवाओं के बैरंग लौटना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ मूलभूत सुविधाओं से भी कोसों दूर नजर आया जौनपुर जिला अस्पताल. यहां एक तरफ फायर उपकरण की वैधता खत्म हुए करीब एक साल हो गया. वहीं, कई स्थानों पर लगे वाटर प्यूरी फायर तो सिर्फ शोपीस ही बन कर रह गए हैं. सालों से जिला अस्पताल की लिफ्ट भी कूड़े में तब्दील है, जिसके कारण आम जनता को तमाम समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है.
शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय का ईटीवी भारत ने शुक्रवार को रियल्टी चेक किया जहां तमाम खामियां कैमरे में कैद हुईं. एक तरफ सरकार कोशिश कर रही है कि जनता को किसी प्रकार की समस्या न हो. लेकिन, लापरवाह डॉक्टर व अस्पताल प्रशासन के लोग तमाम खामियों पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं. अस्पताल के ओपीडी वार्ड से लेकर ओटी, ओपीडी सहित तमाम वार्डों में लगाए गए फायर उपकरण करीब एक साल से एस्पायर पड़े हुए हैं और ओपीडी वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में लगे वाटर कूलर स्वयं अपने लिए ही पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं. वहीं, लिफ्ट भी कूड़े के ढेर के रूप में तब्दील हो गई है.
जिला अस्पताल की बची खुची इज्जत ओपीडी वार्ड ने ली. जहां ज्यादातर ओपीडी वार्ड में या तो जूनियर डॉक्टर मिले तो कुछ में ताले लटके नजर आए. एक मरीज से बात करने पर पता चला कि जिले से करीब 40 किलोमीटर दूरी से आया तीमारदार ज्ञान प्रकाश शर्मा जो अपने 8 साल के बेटे के इलाज के लिए कार्डियोलॉजी को दिखाने के लिए परेशान दिखा. कार्डियोलॉजिस्ट की ओपीडी में ताला लटक रहा था. तीमारदार का कहना था कि उसके बेटे के हार्ट में छेद है. लेकिन, काफी परेशान होने के बाद भी डॉक्टर को वो नहीं दिखा पाया और अब निराश होकर घर मछलीशहर जा रहा है.
इस बाबत उमानाथ सिंह शहीद जिला चिकित्सालय के प्रभारी सीएमएस डॉक्टर सैफ से तमाम खामियों लेकर जब जवाब जानना चाहा तो उन्होंने माना कि हां कुछ खामियां जिला अस्पताल में हैं. जैसे फायर रिक्यूटमेंट के एक्सपायर होने के साथ ही पेयजल के लिए बनाए गए आरो प्लांट जो बदहाल अवस्था में हैं जल्द सही कराया जाएगा. वहीं, दूसरी तरफ अस्पताल में डॉक्टरों की उपलब्धता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिला अस्पताल में कुछ डॉक्टरों की कमी है. उसके पीछे तमाम कारण हैं. जैसे कोई डॉक्टर रिटायर हो गया है तो कुछ गैर जनपद चले गए हैं. उनके स्थान पर अभी नई नियुक्ति नहीं हो पाई है. सरकार प्रयास कर रही है कि जल्द अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए.
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