जौनपुर: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फर्जी नियुक्ति के मामले में एसटीएफ की कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बीएसए ऑफिस के बाबू आनंद सिंह को इस फर्जीवाड़े के मामले में एसटीएफ ने पकड़ा और फिर मामले का खुलासा किया. कुल तीन लोग पकड़े गए थे. वहीं आनंद सिंह पर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी नियुक्ति का मामला पाया गया है.
इस प्रकरण में जिलाधिकारी ने भी सख्त तेवर दिखाए हैं. आनंद सिंह और उनकी पत्नी की संविदा सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है. बीएसए ऑफिस में तैनात बाबू आनंद सिंह की नियुक्ति संविदा के आधार पर 2005 में हुई थी.
प्रदेश में इन दिनों कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अनामिका शुक्ला के नाम से नियुक्तियों में हुए फर्जीवाड़े की खूब चर्चा है, जिसको लेकर लगातार खुलासे हो रहे हैं. सीएम योगी की सख्ती के बाद इस पूरे मामले में एसटीएफ लगातार कार्रवाई कर रही है.
वहीं जिले में भी अनामिका शुक्ला की तर्ज पर प्रीति यादव नाम से दो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में नियुक्ति का मामला सामने आया है. जनपद के मुफ्तीगंज और आजमगढ़ की पवई में यह नियुक्तियां हुई हैं. इन नियुक्तियों में प्रीति का पता जनपद के सिकरारा का है.
जब इस मामले में जांच शुरू हुई तो एसटीएफ ने बीएसए ऑफिस के बाबू आनंद सिंह को उनके घर के बाहर से उठा लिया और पूछताछ में उन्होंने इस पूरी नियुक्ति प्रकरण के फर्जीवाड़े में खुद का हाथ होना स्वीकार किया. बीएसए ऑफिस के बाबू आनंद सिंह की नियुक्ति 2005 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत संविदा के पद पर हुई थी. वहीं उनकी पत्नी भी बालिका शिक्षा की जिला समन्वयक हैं. इस मामले में दोनों की संलिप्तता पाए जाने पर जिलाधिकारी ने दोनों की संविदा सेवाओं को समाप्त कर दिया है.