जौनपुर: जनपद में प्राचीन ऐतिहासिक चूड़ी मेला का आयोजन किया गया. ऐसी मान्यता है कि माता सीता अपने परिवार के साथ मेले में श्रृंगार का सामान खरीदने आती हैं. मेले का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व होने के कारण यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. श्रृंगार मेले में रंग-बिरंगी कई प्रकार की चूड़ियां मिलती हैं. यह चूड़ी मेला लगभग 180 वर्षों से लगातार चलता आ रहा है. यह मेला एक सप्ताह तक चलता है.
ऐतिहासिक मेले का आयोजन
- जनपद में एक अनोखे मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें माता सीता श्रृंगार के सामान की खरीदारी करती हैं.
- मान्यता है कि लंका पर विजय के बाद माता सीता ने भगवान राम और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापसी के समय श्रृंगार हाट पहुंचकर खरीदारी की थी.
- मेला जनपद में महिलाओं के लिए शुभता का प्रतीक माना जाता है.
- विजयादशमी के पर्व के एक सप्ताह के बाद नगर में चूड़ी मेले का आयोजन किया जाता है.
- मेले में शाहगंज श्रीराम लीला समिति के बच्चों ने भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता और राम भक्त हनुमान की अद्भुत झांकी प्रस्तुत की.
- इसके साथ ही माता सीता ने भगवान राम, लक्ष्मण के साथ मेले में पहुंच कर रंग-बिरंगी चूड़ी की खरीदारी की.
मैं बचपन से इस मेले में आती रही हूं, यह श्रृंगार मेला बहुत भव्य आयोजिन किया जाता है. माता सीता के रोल में आकर श्रृगांर के सामानों को खरीदारी करना बहुत अच्छा लगा. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे इस मेले में मां सीता के रूप में आने का सौभाग्य मिलेगा.
-अंशिका जायसवाल, सीता माता का किरदार निभाने वाली कलाकार
शाहगंज का सीता श्रृंगार मेले का आयोजन बहुत प्राचीन है. इसकी मान्यता है कि माता सीता अयोध्या जाते समय विजयदशमी के दिन यहां श्रृंगार के सामान की खरीदारी की थी, तभी से यहां पर उनकी याद में श्रृंगार मेला लगाया जाता है.-रुपेश जायसवाल, अध्यक्ष, श्री राम लीला समिति