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जौनपुर: ऐतिहासिक सीता श्रृंगार मेले का आयोजन, माता सीता ने की खरीदारी - जौनपुर समाचार

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में प्राचीन और ऐतिहासिक चूड़ी मेले का आयोजन किया गया. यह मेला लगभग 180 वर्षों से लगातार चलता आ रहा है. यह मेला एक सप्ताह तक चलता है.

ऐतिहासिक मेले का आयोजन.
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Published : Oct 20, 2019, 3:16 PM IST

जौनपुर: जनपद में प्राचीन ऐतिहासिक चूड़ी मेला का आयोजन किया गया. ऐसी मान्यता है कि माता सीता अपने परिवार के साथ मेले में श्रृंगार का सामान खरीदने आती हैं. मेले का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व होने के कारण यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. श्रृंगार मेले में रंग-बिरंगी कई प्रकार की चूड़ियां मिलती हैं. यह चूड़ी मेला लगभग 180 वर्षों से लगातार चलता आ रहा है. यह मेला एक सप्ताह तक चलता है.

ऐतिहासिक मेले का आयोजन.

ऐतिहासिक मेले का आयोजन

  • जनपद में एक अनोखे मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें माता सीता श्रृंगार के सामान की खरीदारी करती हैं.
  • मान्यता है कि लंका पर विजय के बाद माता सीता ने भगवान राम और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापसी के समय श्रृंगार हाट पहुंचकर खरीदारी की थी.
  • मेला जनपद में महिलाओं के लिए शुभता का प्रतीक माना जाता है.
  • विजयादशमी के पर्व के एक सप्ताह के बाद नगर में चूड़ी मेले का आयोजन किया जाता है.
  • मेले में शाहगंज श्रीराम लीला समिति के बच्चों ने भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता और राम भक्त हनुमान की अद्भुत झांकी प्रस्तुत की.
  • इसके साथ ही माता सीता ने भगवान राम, लक्ष्मण के साथ मेले में पहुंच कर रंग-बिरंगी चूड़ी की खरीदारी की.

मैं बचपन से इस मेले में आती रही हूं, यह श्रृंगार मेला बहुत भव्य आयोजिन किया जाता है. माता सीता के रोल में आकर श्रृगांर के सामानों को खरीदारी करना बहुत अच्छा लगा. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे इस मेले में मां सीता के रूप में आने का सौभाग्य मिलेगा.

-अंशिका जायसवाल, सीता माता का किरदार निभाने वाली कलाकार

शाहगंज का सीता श्रृंगार मेले का आयोजन बहुत प्राचीन है. इसकी मान्यता है कि माता सीता अयोध्या जाते समय विजयदशमी के दिन यहां श्रृंगार के सामान की खरीदारी की थी, तभी से यहां पर उनकी याद में श्रृंगार मेला लगाया जाता है.

-रुपेश जायसवाल, अध्यक्ष, श्री राम लीला समिति

जौनपुर: जनपद में प्राचीन ऐतिहासिक चूड़ी मेला का आयोजन किया गया. ऐसी मान्यता है कि माता सीता अपने परिवार के साथ मेले में श्रृंगार का सामान खरीदने आती हैं. मेले का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व होने के कारण यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. श्रृंगार मेले में रंग-बिरंगी कई प्रकार की चूड़ियां मिलती हैं. यह चूड़ी मेला लगभग 180 वर्षों से लगातार चलता आ रहा है. यह मेला एक सप्ताह तक चलता है.

ऐतिहासिक मेले का आयोजन.

ऐतिहासिक मेले का आयोजन

  • जनपद में एक अनोखे मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें माता सीता श्रृंगार के सामान की खरीदारी करती हैं.
  • मान्यता है कि लंका पर विजय के बाद माता सीता ने भगवान राम और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापसी के समय श्रृंगार हाट पहुंचकर खरीदारी की थी.
  • मेला जनपद में महिलाओं के लिए शुभता का प्रतीक माना जाता है.
  • विजयादशमी के पर्व के एक सप्ताह के बाद नगर में चूड़ी मेले का आयोजन किया जाता है.
  • मेले में शाहगंज श्रीराम लीला समिति के बच्चों ने भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता और राम भक्त हनुमान की अद्भुत झांकी प्रस्तुत की.
  • इसके साथ ही माता सीता ने भगवान राम, लक्ष्मण के साथ मेले में पहुंच कर रंग-बिरंगी चूड़ी की खरीदारी की.

मैं बचपन से इस मेले में आती रही हूं, यह श्रृंगार मेला बहुत भव्य आयोजिन किया जाता है. माता सीता के रोल में आकर श्रृगांर के सामानों को खरीदारी करना बहुत अच्छा लगा. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे इस मेले में मां सीता के रूप में आने का सौभाग्य मिलेगा.

-अंशिका जायसवाल, सीता माता का किरदार निभाने वाली कलाकार

शाहगंज का सीता श्रृंगार मेले का आयोजन बहुत प्राचीन है. इसकी मान्यता है कि माता सीता अयोध्या जाते समय विजयदशमी के दिन यहां श्रृंगार के सामान की खरीदारी की थी, तभी से यहां पर उनकी याद में श्रृंगार मेला लगाया जाता है.

-रुपेश जायसवाल, अध्यक्ष, श्री राम लीला समिति

Intro:जिले प्राचीन ऐतिहासिक चूड़ी मेला आयोजन किया गया.जिसमें मान्यता है कि माता सीता अपने परिवार के साथ मेले में श्रृंगार के समान खरीदने आती है. मेले की ऐतिहासिकता, पौराणिक मान्यता होने के कारण यहां दूर दूर से लोग मेला में शामिल होने पहुंचे है. मेले में श्रृंगार मेले में रंग- बिरंगी अनेक प्रकार की डिजाईन की चूड़ियां मिलते है.यह चूड़ी मेला लगभग 180 वर्षों से लगातार चलता आ रहा है.यह मेला एक सप्ताह तक चलता है.


Body:वीओ - जिले का एक अनोखा मेला का आयोजन किया जाता है जिसमें माता सीता अपनें सखियों के साथ श्रृंगार का समान की करतीं हैं खरीददारी करती है. जौनपुर के शाहगंज प्रसिद्ध चूड़ी मेले के बारे में मान्यता है लंका पर विजय के बाद माता सीता और भाईया लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापसी के समय माता सीता ने अपनी सहेलियों के साथ श्रृंगार हाट पहुंचकर खरीददारी की थी। ऐसे में यह मेला महिलाओं के लिए शुभ का प्रतीक माना जाता है। विजयादशमी के पर्व के एक सप्ताह के बाद नगर में चूड़ी मेले का आयोजन किया जाता है।इस मेलें मे शाहगंज श्री राम लीला समिति द्वारा छोटे छोटे बच्चो ने भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता व राम भक्त हनुमान की अदभुत झाँकियाँ प्रस्तुत किया.जहां जानकी सीता व भगवान राम, लक्ष्मण के साथ मेले मे पहुंच कर रंग बिरंगी चूड़ी की खरीददारी किया. इस मेले में पुरुष का प्रवेश का वर्जित होता है

Conclusion:माता सीता के रूप में श्रृंगार मेले में पहुंची हंसिका जायसवाल ने कहा कि मैं बचपन से इस मेले में आती रही हूं ये श्रृंगार मेला बहुत भव्य आयोजन किया जाता है. माता सीता के रोल में आकर सिंगार के सामानों को खरीदारी करना बहुत अच्छा लगा मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे इस मेले में मां सीता के रूप में आने का सौभाग्य मिलेगा.

श्री राम लीला समिति के अध्यक्ष रुपए जसवाल ने बताया कि या शाहगंज का सीता सिंगार मेला का आयोजन बहुत प्राचीन है इसकी मान्यता है कि माता सीता अयोध्या जाते समय विजयदशमी के दिन अपनी सखियों के साथ यहां सिंगार की खरीदारी की थी तभी से यहां पर उनकी याद में श्रृंगार मेला लगाया जाता है बीच में इन निगाहों से एमएलए रुक गया था पर हम लोगों ने पुणे इसको चला शुरू किया यह मेला करीब 180 साल पुराना है यहां दूर-दूर से लोग खरीदारी करने आते हैं

BITE अंशिका जायसवाल - (सीता माता किरदार निभाने वाली)

BITE रुपेश जायसवाल - अध्यक्ष श्री राम लीला समिति

Notes - खबर रैप से भेजी गई है.

Thanks & Regards
Surendra Kumar Gupta
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