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जौनपुर: परिषदीय स्कूल में अब लड़कियां लगा रही हैं क्रिकेट में छक्का-चौका

सरकार ने फिट इंडिया अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों में खेल के सामान उपलब्ध कराए गए. इसी के तहत जौनपुर के पूरागंभीर शाह जूनियर स्कूल में लड़कियां क्रिकेट खेलती नजर आ रही हैं. शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें सुविधा और सहायता दें तो वह देश का नाम रोशन करेंगी.

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Published : Dec 10, 2019, 1:46 PM IST

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परिषदीय विद्यालयों की छात्राएं खेल रहीं क्रिकेट.

जौनपुर: एक तरफ जहां लड़कियां सीमा पर तैनात होकर देश की रक्षा कर रही हैं. वहीं अंतरिक्ष में भी अपना जलवा कायम कर रखा है. जौनपुर के परिषदीय स्कूलों में अब लड़कियां लूडो, कैरम के बजाय क्रिकेट खेलती नजर आ रही हैं.


पढ़ाई के साथ छक्के-चौके लगा रही लड़कियां
सरकार ने फिट इंडिया अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों में खेल के सामान उपलब्ध कराएं. जनपद के महाराजगंज ब्लॉक के पूरागंभीर शाह जूनियर स्कूल में लड़कियां पढ़ाई-लिखाई के साथ छक्के, चौके लगा रही हैं. लड़कियों को उनके शिक्षक भी भरपूर सहायता करते हैं. शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें सुविधा और सहायता दें तो वह देश का नाम रोशन करेंगी.

परिषदीय विद्यालयों की छात्राएं खेल रहीं क्रिकेट.


ईटीवी भारत ने छात्राओं से की बातचीत
छात्रा रेनू निषाद ने बताया कि लड़के की तरह लड़कियां भी क्रिकेट खेल सकती हैं. क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है. इसलिए इसको चुना है. आठवीं में पढ़ने वाली कुसुम गौतम ने बताया कि उन्हें क्रिकेट में ऑलराउंडर बनना है. नीलू बेन ने बताया कि क्रिकेट खेलना लड़कों का ही अधिकार नहीं है, बल्कि लड़कियों का भी है. अगर सरकार उनको सुविधा और सहायता दे तो वह महिला टीम में खेल कर देश का नाम रोशन करेंगी.

इसे भी पढ़ें:- खुद का सपना पूरा करने के लिए पिता ने बेटे को बना दिया क्रिकेट का 'दीपक'

प्रधानाचार्य डॉक्टर भानु प्रताप राव ने बताया कि सरकार ने फिट इंडिया के तहत उन्हें 10 हजार रुपये खेल के सामान के लिए उपलब्ध कराए थे. इस राशि में 2500 रुपये और लगाकर खेल का अच्छा सामान खरीदा है. उन्होंने बताया कि स्कूल में लड़कियां क्रिकेट अच्छा खेल रही हैं. कोशिश है कि सभी खेल में अच्छा प्रदर्शन कर नाम कमाएं.

जौनपुर: एक तरफ जहां लड़कियां सीमा पर तैनात होकर देश की रक्षा कर रही हैं. वहीं अंतरिक्ष में भी अपना जलवा कायम कर रखा है. जौनपुर के परिषदीय स्कूलों में अब लड़कियां लूडो, कैरम के बजाय क्रिकेट खेलती नजर आ रही हैं.


पढ़ाई के साथ छक्के-चौके लगा रही लड़कियां
सरकार ने फिट इंडिया अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों में खेल के सामान उपलब्ध कराएं. जनपद के महाराजगंज ब्लॉक के पूरागंभीर शाह जूनियर स्कूल में लड़कियां पढ़ाई-लिखाई के साथ छक्के, चौके लगा रही हैं. लड़कियों को उनके शिक्षक भी भरपूर सहायता करते हैं. शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें सुविधा और सहायता दें तो वह देश का नाम रोशन करेंगी.

परिषदीय विद्यालयों की छात्राएं खेल रहीं क्रिकेट.


ईटीवी भारत ने छात्राओं से की बातचीत
छात्रा रेनू निषाद ने बताया कि लड़के की तरह लड़कियां भी क्रिकेट खेल सकती हैं. क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है. इसलिए इसको चुना है. आठवीं में पढ़ने वाली कुसुम गौतम ने बताया कि उन्हें क्रिकेट में ऑलराउंडर बनना है. नीलू बेन ने बताया कि क्रिकेट खेलना लड़कों का ही अधिकार नहीं है, बल्कि लड़कियों का भी है. अगर सरकार उनको सुविधा और सहायता दे तो वह महिला टीम में खेल कर देश का नाम रोशन करेंगी.

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प्रधानाचार्य डॉक्टर भानु प्रताप राव ने बताया कि सरकार ने फिट इंडिया के तहत उन्हें 10 हजार रुपये खेल के सामान के लिए उपलब्ध कराए थे. इस राशि में 2500 रुपये और लगाकर खेल का अच्छा सामान खरीदा है. उन्होंने बताया कि स्कूल में लड़कियां क्रिकेट अच्छा खेल रही हैं. कोशिश है कि सभी खेल में अच्छा प्रदर्शन कर नाम कमाएं.

Intro:जौनपुर।। लड़कियां सीमा पर तैनात होकर जहां देश की रक्षा कर रही है तो वही अंतरिक्ष में भी अपना जलवा कायम कर रखा है। वही जौनपुर मि परिषदीय स्कूलों में अब लड़कियां लूडो, कैरम नहीं बल्कि क्रिकेट खेल रही है क्योंकि इन लड़कियों के सपने बड़े हैं । वैसे परिषदीय विद्यालयों में सरकार ने फिट इंडिया अभियान के तहत जहां खेल के सामान उपलब्ध कराएं गए तो वही इन स्कूलों में भी अब मौका मिलने पर प्रतिभाएं सामने आने लगी। जनपद के महाराजगंज ब्लॉक कि पूरागंभीरशाह जूनियर स्कूल में परिषदीय स्कूल की लड़कियां क्रिकेट खेल रही है । लड़कियां क्रिकेट में विकेट भी लेती है तो वहीं छक्के , चौके भी लगा रही है। इन लड़कियों के हौसले इतने मजबूत है। उनका कहना है की अगर सरकार उन्हें सुविधा और सहायता दे तो वह देश का नाम रोशन करेंगी । वहीं लड़कियों को उनके शिक्षक भरपूर मौका दे रहे हैं जिससे कि वह आगे बढ़ सके।


Body:वीओ।। लड़कियां अब शिक्षा के क्षेत्र से लेकर खेल में भी देश का नाम ऊंचा कर रही है । जौनपुर में भी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं में अब कुछ कर गुजरने की चाह है। परिषदीय स्कूल में जहां पढ़ाई लिखाई के साथ लड़कियां अब क्रिकेट में छक्के और चौके लगा रही हैं। लड़कियों की इस खेल को देखकर हर कोई हैरान है क्योंकि अब तक जिले में लोगों ने लड़कों को क्रिकेट खेलते तो देखा है लेकिन लड़कियों को नहीं। लेकिन लड़कियों ने इस मिथक को तोड़ते हुए अब क्रिकेट को चुना है । जौनपुर जनपद के महाराजगंज ब्लॉक के पूरागंभीर शाह जूनियर स्कूल में लड़कियां की क्रिकेट की टीम रोज छक्के और चौके लगाती है । इन लड़कियों को उनकी शिक्षक भी भरपूर सहायता करते हैं। शिक्षकों की देखरेख में यह लड़कियां अब आगे बढ़ने को तैयार है। लड़कियों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें सुविधा और सहायता दे तो एक दिन वह भी देश की महिला टीम में अपनी जगह बना कर देश का नाम रोशन करेगी।


Conclusion:स्कूल में क्रिकेट खेल नहीं रेनू निषाद ने बताया कि लड़के ही क्रिकेट खेल सकते हैं लड़कियां क्यों नहीं। उन्होंने क्रिकेट को खेल के रूप में चुना है क्योंकि उन्हें अच्छा लगता है। वह इस खेल में खूब छक्के और चौके लगाती हैं।

बाइट-रेनू निषाद-महिला खिलाड़ी


स्कूल की आठवीं में पढ़ने वाली छात्रा कुसुम गौतम ने बताया कि लड़कों की तरह वह भी क्रिकेट खेलती है। उन्हें क्रिकेट मैं ऑलराउंडर बनना है। अगर सरकार उनको सहायता प्रदान करें तो वह क्रिकेट में बड़ा नाम करेंगी।

बाइट-कुसुम गौतम-महिला खिलाड़ी


क्रिकेट में छक्के और चौके लगाने वाली नीलू बेन बताती है कि क्रिकेट खेलना लड़कों का ही अधिकार नहीं है बल्कि लड़कियों का भी है। वह बॉलिंग और बैटिंग दोनों अच्छा कर लेती है। अगर सरकार उनको सुविधा और सहायता दे तो वह महिला टीम में खेल कर देश का नाम रोशन करेंगे।


बाइट-नीलू बेन- महिला खिलाड़ी


परिषदीय स्कूल लड़कियों के क्रिकेट कोच के रूप में शेष नारायण हमेशा उनके साथ रहते हैं। स्कूल में पढ़ाई के साथ साथ उनकी क्रिकेट खेल को बढ़ावा देने के लिए उनका हर संभव प्रयास है। वह अपने पैसे से लड़कियों को क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

बाइट- शेष नारायण -खेल शिक्षक


पूरा गंभीर सा स्कूल के प्रधानाचार्य डॉक्टर भानु प्रताप राव ने बताया किस सरकार ने फिट इंडिया के तहत उन्हें ₹10 हजार खेल के सामान के लिए उपलब्ध कराए थे । उन्होंने इस राशि में ढाई हजार रुपे अपने जेब से लगाकर खेल के अच्छा सामान खरीदा है । वहीं उनकी स्कूल में लड़कियां क्रिकेट अच्छा खेल रही हैं । उनकी कोशिश होगी कि यह लड़कियां आगे भी बढ़कर खेल में नाम कमाएं।

बाइट- डॉक्टर भानु प्रताप राव -प्रधानाचार्य

पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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