जौनपुर: जिला अस्पताल में शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. बख्शा थाना क्षेत्र की एक युवती को उसके परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. युवती लगातार छींक रही थी और हांफ रही थी, इलाज के लिए तड़प रही थी, लेकिन इस दौरान डॉक्टर केवल तमाशा देख रहे थे.
युवती में कोरोना जैसे लक्षण दिखने पर कोई भी डॉक्टर युवती को हाथ लगाने के लिए भी तैयार नहीं था. इस दौरान परिजनों ने डॉक्टरों से उसे देखने की गुजारिश की, लेकिन इमरजेंसी सेवा में तैनात डॉक्टरों ने देखने से मना कर दिया. करीब एक घंटे तक युवती इमरजेंसी वार्ड के बाहर फर्श पर बैठकर लगातार छींकती, कराहती रही.
मामला जब अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार शर्मा के संज्ञान में आया तो उन्होंने उसे तत्काल कोरोना के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया और उसका सैम्पल लेकर जांच के लिए भेज दिया.
दरअसल, बक्सा क्षेत्र की रहने वाली एक युवती इलाज के लिए पहुंची तो उसे डॉक्टरों ने देखने से मना कर दिया. युवती काफी देर तक अस्पताल के गेट पर जमीन पर कराहती रही और छींक रही थी. युवती में कोरोना लक्षण दिखने पर कोई भी डॉक्टर हाथ लगाने को तैयार नहीं था.
युवती के परिजनों ने बताया कि काफी देर से युवती परेशान है, लेकिन कोई भी डॉक्टर उसे देखने को तैयार नहीं है. यहां तक कि डॉक्टरों ने कहा कि अभी घर लेकर जाओ. एक-दो दिन में और लक्षण दिखने पर उसे दोबारा लेकर आना.
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मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल शर्मा का कहना है कि जिस तरह से युवती लगातार छींक रही थी, उससे डॉक्टर डर गये थे, जिसके चलते उसे भर्ती करने में थोड़ा विलम्ब हुआ. फिलहाल उसका इलाज किया जा रहा है. डॉक्टरों की इसमें कोई लापरवाही प्रथम दृष्टया नजर नहीं आई.