जौनपुर: देश में वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए देश हित में इस बीमारी से लड़ने के लिए सरकार को अपनी निधि से सहायता राशि दान की थी. जौनपुर के नौ विधायक और एक एमएलसी ने भी लॉकडाउन में अपनी निधि से सहायता राशि की घोषणा की थी. वहीं सरकार ने विधायकों की निधि को एक साल के लिए कोविड-19 के लिए हस्तांतरित करा ली है. इसके बाद जौनपुर में चार जनप्रतिनिधियों का एक ऐसा चेहरा भी देखने को आया, जब उन्होंने पहले दी गई निधि से अपनी राशि को पत्र लिखकर वापस मांग ली है. जिसकी चर्चा अब पूरे जनपद में हो रही है.
इन विधायकों में बदलापुर के बीजेपी विधायक रमेश चंद्र मिश्रा, केराकत के बीजेपी विधायक दिनेश चौधरी, जफराबाद के बीजेपी विधायक हरेंद्र सिंह और मुंगरा बादशाहपुर के बसपा विधायिका सुषमा पटेल ने मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखकर पूर्व में दी गई धनराशि को निरस्त करने की मांग की है.
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कोरोना महामारी से निपटने के लिए जौनपुर के नौ जनप्रतिनिधियों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के निधि से धनराशि से धन जारी किया था, लेकिन बाद में उसे चार विधायकों ने वापस ले लिया. जिन विधायकों ने अपनी धनराशि को वापस मांगा है. उनमें बदलापुर विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने 23 लाख, केराकत विधायक दिनेश चौधरी ने 10 लाख, मुंगराबादशाहपुर विधायक सुषमा पटेल ने 5 लाख, जफराबाद विधायक डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने 10 लाख रुपये की मांग की है. अब इन चारों विधायकों ने मुख्य विकास अधिकारी जौनपुर को पत्र भेजकर रुपये खर्च न करने को कहा है.
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कोरोना से लड़ने के लिए विपक्षी विधायकों ने साहस दिखाया है. शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई ने 10 लाख, मड़ियाहूं विधायक डॉ. लीना तिवारी 11 लाख, सदर विधायक व राज्यमंत्री गिरीशचंद्र यादव ने 20 लाख, मल्हनी विधायक पारसनाथ यादव ने 15 लाख, मछलीशहर विधायक जगदीश सोनकर ने 17.94 लाख रुपये और एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू ने 20 लाख रुपये जारी किए हैं. उन्होंने वापसी का कोई पत्र नहीं दिया है. विधायकों के द्वारा निधि की धनराशि को निरस्त करने की मांग की चर्चा अब तेजी से फैल गई है, जिसके चलते यह विधायक अब जनता को सफाई दे रहे हैं.
इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि कोरोना से बचाव व उपचार के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अपने निधि से दिए गए धनराशि को चार विधायकों ने पत्र भेजकर वापस मांगा था, जिसे वापस कर दिया गया है. बाकी सब लोगों की धनराशि को कोरोना केयर फंड में भेज दी गई है.