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जौनपुर: बेटी के शव को घर पहुंचाने की गुहार लगाता रहा पिता, कर्मचारियों ने की रुपये की डिमांड

यूपी के जौनपुर जिला चिकित्सालय में एक पिता अपनी बेटी के शव को घर पहुंचाने के लिए कर्मचारियों से गुहार लगाता रहा लेकिन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने एंबुलेंस में तेल न होने की बात कही. यही नहीं आरोप के मुताबिक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पीड़ित पिता से रुपये मांगते रहे.

बेटी का शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस.
बेटी का शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस.
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Published : Sep 26, 2020, 12:40 AM IST

जौनपुर: जिला चिकित्सालय में एक गरीब पिता अपनी 15 वर्षीय बच्ची को सांप काटने पर लेकर आया था. यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद दुखी पिता बच्ची के शव को अपने घर तक ले जाने के लिए चिकित्सालय के डॉक्टर से विनती करने लगा. आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्ची के शव को घर पहुंचाने के एवज में रुपये की मांग की.

बेटी का शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस.

जनपद के जंघई एरिया के रहने वाले रमाकांत गौतम की बेटी मीना (15 वर्षीय) को सांप ने काट लिया था. इस पर रमाकांत बेटी को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे. यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद पीड़ित पिता अस्पताल के कर्मचारियों से बच्ची के शव को घर पहुंचाने की विनती करने लगा, लेकिन उसकी हालत पर किसी ने तरस नहीं खाया.

रमाकांत का कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बच्चे के शव को घर पहुंचाने के एवज में ईंधन के लिए रुपये मांग रहे थे. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना था कि एंबुलेंस में तेल नहीं है क्योंकि सरकार तेल का पैसा नहीं दे रही है. एक तरफ योगी सरकार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे करती है. वहीं दूसरी ओर ये तस्वीरें सरकार के दावों की पोल खोल रही हैं.

जौनपुर: जिला चिकित्सालय में एक गरीब पिता अपनी 15 वर्षीय बच्ची को सांप काटने पर लेकर आया था. यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद दुखी पिता बच्ची के शव को अपने घर तक ले जाने के लिए चिकित्सालय के डॉक्टर से विनती करने लगा. आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्ची के शव को घर पहुंचाने के एवज में रुपये की मांग की.

बेटी का शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस.

जनपद के जंघई एरिया के रहने वाले रमाकांत गौतम की बेटी मीना (15 वर्षीय) को सांप ने काट लिया था. इस पर रमाकांत बेटी को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे. यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद पीड़ित पिता अस्पताल के कर्मचारियों से बच्ची के शव को घर पहुंचाने की विनती करने लगा, लेकिन उसकी हालत पर किसी ने तरस नहीं खाया.

रमाकांत का कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बच्चे के शव को घर पहुंचाने के एवज में ईंधन के लिए रुपये मांग रहे थे. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना था कि एंबुलेंस में तेल नहीं है क्योंकि सरकार तेल का पैसा नहीं दे रही है. एक तरफ योगी सरकार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे करती है. वहीं दूसरी ओर ये तस्वीरें सरकार के दावों की पोल खोल रही हैं.

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