जौनपुर: देश में जहां कोरोना का संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है. वहीं बेरोजगारी का आंकड़ा भी अब तेजी से बढ़ रहा है. वर्तमान की केंद्र सरकार ने हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी. रोजगार के इसी मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बातचीत की.
'9 सितंबर को फिर प्रदर्शन'
विगत दिनों बेरोजगारों ने थाली और ताली बजाकर बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार का विरोध किया था. इस मामले पर कांग्रेस प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह ने बताया कि 2014 में पीएम मोदी लगातार रोजगार दिलाने की बात कर रहे थे, लेकिन आलम यह है कि कई लोग बेरोजगार हो गए. कांग्रेस प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह ने कहा कि इस सरकार के नीतियों ने नौजवानों को काफी पीड़ा दी है. कांग्रेस नौजवानों की पीड़ा को समझती है, इसलिए सरकार को चेताने के लिए कांग्रेस ने देश के नौजवानों से अनुरोध किया कि थाली-ताली बजाकर सरकार का विरोध करें. युवाओं ने कांग्रेस की अपील को सुना, उसके लिए हम उनका धन्यावद करते हैं. 9 सितंबर की रात 9:00 बजे हम फिर से टॉर्च और मसाल के जरिए सरकार को चेताने का काम करेंगे.
'मनरेगा योजना बनी है संकटमोचन'
मनरेगा योजना पर बीजेपी ने सवाल उठाया था, लेकिन अब बीजेपी मनरेगा के तहत ही श्रमिकों को रोजगार दे रही है. इस सवाल पर कांग्रेस प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह ने कहा कि सरकार बनने के बाद बड़ी-बड़ी बात करना आसान है, लेकिन नीति बनाकर उसका क्रियान्वन करना बड़ी बात होती है. नरेंद्र मोदी की सरकार ने 7 साल में कोई भी ऐसी योजना नहीं चलाई है, जो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दे सकी है .जबकि कांग्रेस की सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा चलाई गई मनरेगा योजना आज इस संकट के दौर में रोजगार का एक बड़ा जरिया बन चुकी है. मैं अपनी सरकार को इसके लिए धन्यवाद दूंगा.
'नागरिक अधिकारों का हो रहा हनन'
निजीकरण के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार नागरिक अधिकारों के हनन में लगी है. सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए निजीकरण कर रही है. कल्याणकारी राष्ट्र में निजीकरण जैसा कुछ भी नहीं होता है. सरकार नौकरी को छीनने का काम कर रही है. इसी कोरोना काल में प्रदेश में पीपीई किट घोटाला होता है. जब पत्रकार सवाल उठाता है, तब उस पर केस दर्ज कर दिया जाता है. प्रधानमंत्री चुनाव के पहले कहते थे कि मैं रेल नहीं बिकने दूंगा, मैं तो रेल में चाय बेंचा था. अब सरकार कुछ पूंजीपति मित्रों के लिए सब कुछ बेचने में लगे हैं.