जौनपुर: डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन कुछ डॉक्टर अपने इस पेशे को अपने कार्यों द्वारा कलंकित करने का काम कर रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी डॉक्टर को 10 साल की सजा सुनाई है. यह पूरा मामला जनपद के मीरगंज थाना क्षेत्र का है, जहां पर 25 अक्टूबर 2016 को एक डॉक्टर ने इलाज कराने गई नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म किया था. इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था. वहीं अब 4 साल बाद आरोपी डॉक्टर को अपर सत्र न्यायाधीश रवि यादव की कोर्ट ने 10 साल का कठोर कारावास और 55 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया है.
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है. वहीं, कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म का अपराध संपूर्ण समाज के विरुद्ध होता है. इसमें न केवल शारीरिक हिंसा होती है, बल्कि मानसिक चोट भी पहुंचती है, जो जीवन भर बनी रहती है.
महत्वपूर्ण बिंदु
- 4 साल बाद पीड़िता को मिला इंसाफ.
- आरोपी डॉक्टर को मिली 10 साल की सश्रम कारावास की सजा.
- 25 अक्टूबर 2016 का है मामला.
- अपर सत्र न्यायाधीश रवि की कोर्ट में हुई सुनवाई.
घटना अक्टूबर 2016 की है, जब 15 साल की पीड़िता बुखार से पीड़ित होने के बाद मीरगंज में तैनात डॉक्टर मनोज कुमार गौतम के पास इलाज कराने गई थी. डॉक्टर ने इलाज के दौरान पीड़िता को एक बगीचे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद फिर बहला-फुसलाकर डॉक्टर पीड़िता को प्रयागराज ले गया और वहां कई दिनों तक अपने साथ रख कर उसे एक सुनसान जगह पर छोड़ कर चला गया. इस मामले में मीरगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. पीड़िता की हालत काफी खराब थी, जिसके बाद उसका इलाज दूसरे अस्पताल में कराया गया.
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परिजन पीड़िता को मजिस्ट्रेट के सामने ले गए, जहां उसका बयान भी दर्ज किया गया. वहीं इस मामले में 4 साल बाद अपर सत्र न्यायाधीश रवि यादव की कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद एक बार फिर आरोपी को सजा और पीड़िता को न्याय मिला है, जिससे कोर्ट पर लोगों का विश्वास और बढ़ गया है.