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जौनपुर: दिवाली पर दियों की मांग तो बढ़ी मगर महंगाई के चलते कुम्हारों का मुनाफा घटा

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में मिट्टी के दियों की मांग में बढ़ोतरी हुई है. जिससे कुम्हारों के चेहरे खिले नजर आ रहे हैं. कुम्हारों का कहना है कि पीएम मोदी के प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने से मिट्टी के दियों की बिक्री बढ़ी है.

दिवाली पर दियों की मांग में हुई बढ़ोतरी.
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Published : Oct 24, 2019, 4:43 PM IST

जौनपुर: दीपावली का त्यौहार नजदीक आते ही कुम्हारों के चाक की रफ्तार बढ़ जाती है. इस बार मिट्टी के दियों की मांग दीपावली पर कुछ ज्यादा ही है जिससे कुम्हारों के चेहरे पर अलग तरह की खुशी दिखाई दे रही है. जौनपुर में इस बार पिछले साल की अपेक्षा मिट्टी के दियों की मांग 20 प्रतिशत ज्यादा हुई है.

दिवाली पर दियों की मांग में हुई बढ़ोतरी.
कुम्हार इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी की प्लास्टिक पर प्रतिबंध की पहल को बड़ा कारण बता रहे हैं, जिसके कारण बाजार में उनके सामानों की बिक्री बढ़ गई है. इस महंगाई में उनके मिट्टी के दियों के दाम नहीं बढ़ पाए. पिछले साल जिस दाम में कुम्हारों ने मिट्टी के दीए बेचे थे, इस साल भी उसी दाम में बेचने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: नमो ऐप के जरिए संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे पीएम मोदी

दियों की मांग में हुई बढ़ोतरी
जौनपुर में इस बार कुम्हारों के लिए की मांग में पिछले साल के अपेक्षा काफी इजाफा हुआ है, जिसके चलते कुम्हारों के घरों में इस बार कुछ ज्यादा ही खुशियां दिखाई दे रही है. पिछले साल से इस बार 20 प्रतिशत ज्यादा दियों की मांग है, जिसका प्रमुख कारण पीएम मोदी की प्लास्टिक पर प्रतिबंध को देखा जा रहा है.

पीएम की पहल का हुआ फायदा
जौनपुर शहर में ऐसे 400 कुम्हार परिवार हैं जो मिट्टी के बर्तन बनाने का काम कई पीढ़ियों से कर रहे हैं. विशंभर नाथ प्रजापति पिछली तीन पीढ़ियों से मिट्टी के दिेये और कुल्हड़ बनाते हैं. इस बार पीएम की पहल का उनको फायदा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. लोगों की सोच में बदलाव हुआ है जिसका फायदा कुम्हारों को मिल रहा है.

इसे भी पढ़ें- NCRB के आंकड़ों पर यूपी सरकार की सफाई, कहा- कानून व्यवस्था के क्षेत्र में हो रहे हैं बेहतर सुधार

मिट्टी के बर्तन बनाकर पूरे परिवार का पेट पालने वाले सुरेश चंद्र प्रजापति बताते हैं कि सरकार की पहल से उन्हें फायदा हुआ है. इस बार दियों की मांग कुछ बढ़ी है लेकिन उतनी नहीं बढ़ पाई है जितनी उनको उम्मीद थी. बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए उनके दियों के दाम पिछले साल के बराबर ही है, जिसके चलते उन्हें कुछ खास मुनाफा नहीं हो रहा है.

जौनपुर: दीपावली का त्यौहार नजदीक आते ही कुम्हारों के चाक की रफ्तार बढ़ जाती है. इस बार मिट्टी के दियों की मांग दीपावली पर कुछ ज्यादा ही है जिससे कुम्हारों के चेहरे पर अलग तरह की खुशी दिखाई दे रही है. जौनपुर में इस बार पिछले साल की अपेक्षा मिट्टी के दियों की मांग 20 प्रतिशत ज्यादा हुई है.

दिवाली पर दियों की मांग में हुई बढ़ोतरी.
कुम्हार इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी की प्लास्टिक पर प्रतिबंध की पहल को बड़ा कारण बता रहे हैं, जिसके कारण बाजार में उनके सामानों की बिक्री बढ़ गई है. इस महंगाई में उनके मिट्टी के दियों के दाम नहीं बढ़ पाए. पिछले साल जिस दाम में कुम्हारों ने मिट्टी के दीए बेचे थे, इस साल भी उसी दाम में बेचने को मजबूर हैं.

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दियों की मांग में हुई बढ़ोतरी
जौनपुर में इस बार कुम्हारों के लिए की मांग में पिछले साल के अपेक्षा काफी इजाफा हुआ है, जिसके चलते कुम्हारों के घरों में इस बार कुछ ज्यादा ही खुशियां दिखाई दे रही है. पिछले साल से इस बार 20 प्रतिशत ज्यादा दियों की मांग है, जिसका प्रमुख कारण पीएम मोदी की प्लास्टिक पर प्रतिबंध को देखा जा रहा है.

पीएम की पहल का हुआ फायदा
जौनपुर शहर में ऐसे 400 कुम्हार परिवार हैं जो मिट्टी के बर्तन बनाने का काम कई पीढ़ियों से कर रहे हैं. विशंभर नाथ प्रजापति पिछली तीन पीढ़ियों से मिट्टी के दिेये और कुल्हड़ बनाते हैं. इस बार पीएम की पहल का उनको फायदा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. लोगों की सोच में बदलाव हुआ है जिसका फायदा कुम्हारों को मिल रहा है.

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मिट्टी के बर्तन बनाकर पूरे परिवार का पेट पालने वाले सुरेश चंद्र प्रजापति बताते हैं कि सरकार की पहल से उन्हें फायदा हुआ है. इस बार दियों की मांग कुछ बढ़ी है लेकिन उतनी नहीं बढ़ पाई है जितनी उनको उम्मीद थी. बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए उनके दियों के दाम पिछले साल के बराबर ही है, जिसके चलते उन्हें कुछ खास मुनाफा नहीं हो रहा है.

Intro:जौनपुर।।दीपावली का त्यौहार नजदीक आते ही कुम्हारों के चाक की रफ्तार बढ़ जाती है। इस बार मिट्टी के दीयों की मांग दीपावली पर कुछ ज्यादा ही है जिससे कुम्हारों के चेहरे पर अलग तरह की खुशी दिखाई दे रही है । जौनपुर में इस बार पिछले साल की अपेक्षा मिट्टी के दीयों की मांग 20 परसेंट ज्यादा हुई है ।वहीं कुम्हार इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्लास्टिक पर प्रतिबंध की पहल को एक बड़ा कारण बता रहे हैं जिसके कारण बाजार में उनके सामानों की बिक्री बढ़ गई है । लेकिन इस महंगाई में उनके मिट्टी के दीयों के दाम नहीं बढ़ पाए। पिछले साल जिस धाम में कुम्हारों ने मिट्टी के दीए बेचे थे इस साल भी उसी दाम में बेचने को मजबूर हैं ।


Body:वीओ।।जौनपुर में इस बार कुम्हारों के लिए की मांग में पिछले साल के अपेक्षा काफी इजाफा हुआ है जिसके चलते कुम्हारों के घरों में इस बार कुछ ज्यादा ही खुशियां दिखाई दे रही है। पिछले साल से इस बार 20 परसेंट ज्यादा दीयों की मांग है जिसका प्रमुख कारण प्रधानमंत्री की प्लास्टिक पर प्रतिबंध को देखा जा रहा है । लोगों की सोच में बदलाव हुआ है जिसका फायदा कुम्हारों को पहुंच रहा है । जौनपुर किस शहर में ऐसे 400 कुम्हार परिवार हैं जो मिट्टी के बर्तन बनाने का काम कई पीढ़ियों से कर रहे हैं । विशंभर नाथ प्रजापति पिछली तीन पीढ़ियों से मिट्टी के दिए और कुल्हड़ बनाते हैं लेकिन इस बार प्रधानमंत्री की पहल का उनको फायदा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है।

बाइट- विशंभर नाथ प्रजापति- कुंभार


Conclusion:मिट्टी के बर्तन बनाकर पूरे परिवार का पेट पालने वाले सुरेश चंद्र प्रजापति बताते हैं कि सरकार की पहल से उन्हें जरूर फायदा हुआ है । इस बार दीयों की मांग कुछ बड़ी है लेकिन उतनी नहीं बढ़ पाई है जितनी उनको उम्मीद थी। बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए उनके दीयों के दाम पिछले साल के बराबर ही है जिसके चलते उन्हें कुछ खास मुनाफा नहीं हो रहा है।

बाइट- सुरेश चंद प्रजापति -कुम्हार



पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
9044681067

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