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मृत पुलिसकर्मी का कर दिया ट्रांसफर, सवाल पूछे जाने पर ASP ने साधी चुप्पी

जौनपुर में पुलिस की कार्यप्रणाली का एक नायाब उदाहरण देखने को मिला है. स्थानांतरण की सूची में पुलिस महकमे ने एक ऐसे पुलिसकर्मी का स्थानांतरण कर दिया जो मृत है. ईटीवी ने जब इस बाबत अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार से सवाल पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली.

dead police personnel transferred in jaunpur
मृत पुलिसकर्मी का कर दिया ट्रांसफर.
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Published : Feb 26, 2021, 10:23 PM IST

जौनपुर : उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी कार्यप्रणाली के कारण सुर्खियों में बनी रहती है. ऐसा ही एक मामला जौनपुर जिले में सामने आया है. कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए 202 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया गया था. 26 थानों पर लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों को दूसरे थाने पर तैनात किया गया था, लेकिन इस सूची में एक ऐसे मुख्य आरक्षी का नाम भी शामिल था, जिसकी सड़क हादसे में मौत हो चुकी थी.

जवाब नहीं दे सके अपर पुलिस अधीक्षक.
एसपी राजकरण नैयर ने बुधवार की देर रात 26 थानों पर लंबे अरसे से तैनात 202 मुख्य आरक्षियों को दूसरे थाने पर तैनात करने का आदेश दिया था. इस लिस्ट में बृजेश कुमार सिंह का भी नाम था. सूची में 109 नंबर पर इसे नामांकित किया गया है. इस नाम के आगे यह दर्शाया गया था कि इनका तबादला गौराबादशाहपुर थाने से बदलापुर थाने पर कर दिया जाए. मगर हैरानी की बात यह है कि तकरीबन डेढ़ महीने पहले बृजेश कुमार सिंह की सड़क दुर्घटना के कारण मौत हो गई थी.
बृजेश कुमार अपनी मोटरसाइकिल में पेट्रोल भरा कर लौट रहे थे कि ट्रक के धक्के से वह गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के दौरान उन्हें बीएचयू ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
पुलिस महकमे की लापरवाही का आलम यह है की इस सूची में उनका भी नाम शामिल किया गया था. इस बाबत जब अपर पुलिस अधीक्षक डॉ संजय कुमार से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. हालांकि मृत व्यक्ति के स्थानांतरण को लेकर पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली फिर से एक बार चर्चा का विषय बन गई है.

जौनपुर : उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी कार्यप्रणाली के कारण सुर्खियों में बनी रहती है. ऐसा ही एक मामला जौनपुर जिले में सामने आया है. कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए 202 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया गया था. 26 थानों पर लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों को दूसरे थाने पर तैनात किया गया था, लेकिन इस सूची में एक ऐसे मुख्य आरक्षी का नाम भी शामिल था, जिसकी सड़क हादसे में मौत हो चुकी थी.

जवाब नहीं दे सके अपर पुलिस अधीक्षक.
एसपी राजकरण नैयर ने बुधवार की देर रात 26 थानों पर लंबे अरसे से तैनात 202 मुख्य आरक्षियों को दूसरे थाने पर तैनात करने का आदेश दिया था. इस लिस्ट में बृजेश कुमार सिंह का भी नाम था. सूची में 109 नंबर पर इसे नामांकित किया गया है. इस नाम के आगे यह दर्शाया गया था कि इनका तबादला गौराबादशाहपुर थाने से बदलापुर थाने पर कर दिया जाए. मगर हैरानी की बात यह है कि तकरीबन डेढ़ महीने पहले बृजेश कुमार सिंह की सड़क दुर्घटना के कारण मौत हो गई थी.
बृजेश कुमार अपनी मोटरसाइकिल में पेट्रोल भरा कर लौट रहे थे कि ट्रक के धक्के से वह गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के दौरान उन्हें बीएचयू ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
पुलिस महकमे की लापरवाही का आलम यह है की इस सूची में उनका भी नाम शामिल किया गया था. इस बाबत जब अपर पुलिस अधीक्षक डॉ संजय कुमार से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. हालांकि मृत व्यक्ति के स्थानांतरण को लेकर पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली फिर से एक बार चर्चा का विषय बन गई है.
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