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जौनपुर: ठंड से हो रही गोवशों की मौत, खुले में पड़े पशुओं के शव

उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण जौनपुर जिले में गोशालाओं में गोवंशों की मौत हो रही है. गोशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण गोवंशों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है.

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ठंड से हो रही है गोवशों की मौत.
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Published : Dec 26, 2019, 6:21 PM IST

जौनपुर: जनपद में अस्थायी गोवंश आश्रयस्थल में ठंड से लगातार हो रही गोवंशों की मौत के बाद भी प्रशासन लापरवाह बना हुआ है. बदलापुर स्थित सरोखनपुर गो आश्रय स्थल की देखभाल करने वाले महंंत सर्वेश यादव सहित ग्रामीणों का कहना है कि कोई जिम्मेदार इस आश्रय स्थल के जानवरों के प्रति गम्भीर नहीं है.

ठंड से हो रही गोवशों की मौत.

गोशालाओं में हो रही गोवशों की मौत
गोशालाओं में पल रहे पशुओं के लिए ठंड अब काल बन चुकी है. गोशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम के लिए शासन के निर्देश हैं, उसके बावजूद भी बदलापुर स्थित सरोखनपुर अस्थायी गो आश्रय स्थल में ठंड से लगातार गोवंश मर रहे हैं.

काफी दिनों से पशु डॉक्टरों का पता नहीं है. जानवरों के लिए पर्याप्त चारा भी नहीं मिल रहा है. आश्रय स्थल में सभी जानवरों के लिए छाया भी नहीं है, जिसके कारण प्रति दिन 6 जानवर मर रहे हैं. यहां तक कि लिखित में संख्या 130 दर्ज है, लेकिन गिनती में 200 से अधिक गोवंश हैं. इन पशुओं के मरने के बाद उनके शवों को ले जाया भी नहीं जाता. वहीं ग्रामीण संजय पाल ने बताया कि मरने के पश्चात जानवरों को बगल में ही दफन कर दिया जा रहा है, जिससे गम्भीर बीमारियों की आशंका है.

इसे भी पढ़ें:-सहारनपुर: सिटी मजिस्ट्रेट की पत्नी को दिखा बेजुबानों का दर्द, कर दिखाया यह काम...

यहां पर 200 से ज्यादा पशु हैं, जबकि रजिस्टर में 130 पशु ही दिखाए गए हैं. वहीं लगातार मर रहे पशुओं को यहां से उठाया भी नहीं जाता है.
-सर्वेश यादव, गोशाला संरक्षक

जौनपुर: जनपद में अस्थायी गोवंश आश्रयस्थल में ठंड से लगातार हो रही गोवंशों की मौत के बाद भी प्रशासन लापरवाह बना हुआ है. बदलापुर स्थित सरोखनपुर गो आश्रय स्थल की देखभाल करने वाले महंंत सर्वेश यादव सहित ग्रामीणों का कहना है कि कोई जिम्मेदार इस आश्रय स्थल के जानवरों के प्रति गम्भीर नहीं है.

ठंड से हो रही गोवशों की मौत.

गोशालाओं में हो रही गोवशों की मौत
गोशालाओं में पल रहे पशुओं के लिए ठंड अब काल बन चुकी है. गोशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम के लिए शासन के निर्देश हैं, उसके बावजूद भी बदलापुर स्थित सरोखनपुर अस्थायी गो आश्रय स्थल में ठंड से लगातार गोवंश मर रहे हैं.

काफी दिनों से पशु डॉक्टरों का पता नहीं है. जानवरों के लिए पर्याप्त चारा भी नहीं मिल रहा है. आश्रय स्थल में सभी जानवरों के लिए छाया भी नहीं है, जिसके कारण प्रति दिन 6 जानवर मर रहे हैं. यहां तक कि लिखित में संख्या 130 दर्ज है, लेकिन गिनती में 200 से अधिक गोवंश हैं. इन पशुओं के मरने के बाद उनके शवों को ले जाया भी नहीं जाता. वहीं ग्रामीण संजय पाल ने बताया कि मरने के पश्चात जानवरों को बगल में ही दफन कर दिया जा रहा है, जिससे गम्भीर बीमारियों की आशंका है.

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यहां पर 200 से ज्यादा पशु हैं, जबकि रजिस्टर में 130 पशु ही दिखाए गए हैं. वहीं लगातार मर रहे पशुओं को यहां से उठाया भी नहीं जाता है.
-सर्वेश यादव, गोशाला संरक्षक

Intro:जौनपुर।। अस्थायी गोवंश आश्रयस्थल में ठंड से लगातार हो रही गायों की मौत के पश्चात प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। बदलापुर स्थित सरोखनपुर गो आश्रय स्थल की देखभाल करने वाले महंंत सर्वेश यादव सहित ग्रामीणों का कहना है कि कोई जिम्मेदार इस आश्रय स्थल के जानवरों के प्रतिं गमम्भीर नहीं है।काफी दिनो से पशु डॉक्टर का पता नहीं है।जानवरों के लिए पर्याप्त चारा भी नहीं मिल रहा है।आश्रयस्थल में सभी जानवरों के लिए छाया भी नहीं है जिसके कारण प्रति दिन आधा दर्जन की संख्या में जानवर मरते जा रहे हैं। यहां तक कि लिखित में संख्या130दर्ज है। गिनती में 200से अधिक है।

Body:वीओ।। गौशाला में पल रहे पशुओं के लिए ठंड अब काल बन चुकी है। गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम के लिए शासन के निर्देश है। उसके बावजूद भी बदलापुर स्थित सरोखनपुर अस्थाई गांव आश्रम में ठंड से लगातार मर रहे हैं । इन पशुओं के मरने के बाद उनके शवों को ले जाया भी नहीं जाता जिसको वहां पर कुत्ते और चील कौवे खा रहे हैं ।वहीं ग्रामीण संजय पाल ने बताया कि मरने के पश्चात जानवरों को बगल में ही दफन कर दिया जा रहा है जिससे गम्भीर बीमारियों की आशंका है।

बाइट- संजय पाल -स्थानीय ग्रामीण


Conclusion:जबकि प्रदेश मुखिया बार बार चेतावनी दे रहे हैं कि बेजुबानों के रख रखाव में किसी भी प्रकार की कोताही न की जाय।

वही आश्रम में संचालित गौशाला के संरक्षक महंत सर्वेश यादव ने बताया कि यहां पर 200 से ज्यादा पशु हैं जबकि रजिस्टर में 130 पशु ही दिखाए गए हैं ।वही लगातार मर रहे पशुओं को यहां से उठाया भी नहीं जाता है और इनको कुत्ते खाते हैं। नहीं यहां पर पशुओं के इलाज के लिए कोई डॉक्टर आता है।

बाइट- सर्वेश यादव -गौशाला संरक्षक महंत

पीटीसी

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Dharmendra singh
jaunpur
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