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पत्नी बोली... 'पति की शहादत पर गर्व है, बेटा भी होगा सेना में भर्ती' - जौनपुर का जवान पुलवामा में शहीद

यूपी के जौनपुर जिले के निवासी जिलाजीत यादव मंगलवार देर रात पुलवामा में हुई आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए. वहीं पति की शहादत पर पत्नी को गर्व है और वह चाहती हैं कि बेटा भी सेना में भर्ती होकर देश सेवा करे .

शहीद के परिजन.
शहीद के परिजन.
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Published : Aug 13, 2020, 3:57 PM IST

जौनपुर: पुलवामा में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में मंगलवार देर रात जिले का लाल शहीद हो गया था. जनपद के सिरकोनी ब्लाक की इंजरी गांव निवासी जिलाजीत यादव के शहीद होने की खबर से पूरे गांव में मातम पसर गया है. जिलाजीत 2014 में ही सेना में भर्ती हुए थे, जिनकी तैनाती पुलवामा में थी. उनके शहीद होने की खबर सुनकर पत्नी और मां बेसुध हो गईं क्योंकि मंगलवार की रात में ही उन्होंने अपने बेटे और पत्नी से वीडियो कॉलिंग के जरिए बात भी की थी. सरकार ने सैनिक की शहादत के बाद परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 50 लाख की आर्थिक मदद की बात कही है.

पुलवामा हमले में शहीद हुए जिलाजीत यादव.

'देश सेवा के लिए बेटा भी हो सेना में भर्ती'
देश की सेवा के लिए जौनपुर के लाल ने अपनी जान की बाजी लगा दी और शहीद हो गया. जनपद की इंजरी गांव के रहने वाले जिलाजीत यादव बुधवार की सुबह पुलवामा में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए. एक रात पहले पत्नी से हुई बात में जवान ने इसी महीने की 20 तारीख को घर आने की बात कही थी. पति की इस बात से पत्नी को काफी खुशी मिली थी, लेकिन सुबह होते ही उनकी शहादत की खबर सुनकर सारी खुशी मातम में बदल गई. उनकी शहादत की खबर सुनकर घर में कोहराम मचा हुआ है. शहीद जिलाजीत के चाचा राम इकबाल यादव ने बताया कि पढ़ाई के दौरान ही वह सेना में जाने की तैयारी में जुट गए थे और जैसे ही उन्होंने इंटरमीडिएट पास किया, सेना में भर्ती हो गए. 2014 में सेना में भर्ती होने के बाद उन्होंने सेना की तरफ से कई खेल में मेडल भी हासिल किए थे.

2017 में जिलाजीत यादव की शादी हुई थी और अभी फरवरी माह में ही उन्हें एक बेटा भी हुआ था. पत्नी पूनम ने बताया कि मंगलवार की रात को ही उन्होंने बेटे और उनसे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात भी की थी. उन्होंने 20 अगस्त तक घर आने की बात भी कही थी. पत्नी पूनम को पति की शहादत पर गर्व है और वह अपने बेटे को भी देशसेवा के लिए सेना में भर्ती कराना चाहती हैं.

जौनपुर: पुलवामा में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में मंगलवार देर रात जिले का लाल शहीद हो गया था. जनपद के सिरकोनी ब्लाक की इंजरी गांव निवासी जिलाजीत यादव के शहीद होने की खबर से पूरे गांव में मातम पसर गया है. जिलाजीत 2014 में ही सेना में भर्ती हुए थे, जिनकी तैनाती पुलवामा में थी. उनके शहीद होने की खबर सुनकर पत्नी और मां बेसुध हो गईं क्योंकि मंगलवार की रात में ही उन्होंने अपने बेटे और पत्नी से वीडियो कॉलिंग के जरिए बात भी की थी. सरकार ने सैनिक की शहादत के बाद परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 50 लाख की आर्थिक मदद की बात कही है.

पुलवामा हमले में शहीद हुए जिलाजीत यादव.

'देश सेवा के लिए बेटा भी हो सेना में भर्ती'
देश की सेवा के लिए जौनपुर के लाल ने अपनी जान की बाजी लगा दी और शहीद हो गया. जनपद की इंजरी गांव के रहने वाले जिलाजीत यादव बुधवार की सुबह पुलवामा में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए. एक रात पहले पत्नी से हुई बात में जवान ने इसी महीने की 20 तारीख को घर आने की बात कही थी. पति की इस बात से पत्नी को काफी खुशी मिली थी, लेकिन सुबह होते ही उनकी शहादत की खबर सुनकर सारी खुशी मातम में बदल गई. उनकी शहादत की खबर सुनकर घर में कोहराम मचा हुआ है. शहीद जिलाजीत के चाचा राम इकबाल यादव ने बताया कि पढ़ाई के दौरान ही वह सेना में जाने की तैयारी में जुट गए थे और जैसे ही उन्होंने इंटरमीडिएट पास किया, सेना में भर्ती हो गए. 2014 में सेना में भर्ती होने के बाद उन्होंने सेना की तरफ से कई खेल में मेडल भी हासिल किए थे.

2017 में जिलाजीत यादव की शादी हुई थी और अभी फरवरी माह में ही उन्हें एक बेटा भी हुआ था. पत्नी पूनम ने बताया कि मंगलवार की रात को ही उन्होंने बेटे और उनसे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात भी की थी. उन्होंने 20 अगस्त तक घर आने की बात भी कही थी. पत्नी पूनम को पति की शहादत पर गर्व है और वह अपने बेटे को भी देशसेवा के लिए सेना में भर्ती कराना चाहती हैं.

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