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अटाला मस्जिद में मंदिर के साक्ष्य मिटाने का आरोप, जिसको लेकर एक वीडियो भी हो रहा सोशल मीडिया पर वायरल

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा है कि जौनपुर की अटाला मस्जिद के संबंध में किसी ने एक वीडियो उनको भेजा है. इसमें उनका दावा है कि अटाला मस्जिद में उत्तरी गेट की बालकनी को हरे पर्दे से ढंककर दीवारों के पत्थरों को ग्राइंडर से चिकना किया जा रहा है और मंदिर का साक्ष्य नष्ट किया जा रहा है.

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अटाला मस्जिद
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Published : May 31, 2022, 10:13 PM IST

जौनपुर: जिले के सिटी कोतवाली स्थित नगर के सिपाह मोहल्ले में गोमती किनारे स्थित अटाला मस्जिद पूरे भारतभर में अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. अटाला मस्जिद पर अब विवाद बढ़ रहा है, जिसको लेकर एक वीडीओ सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद से ही प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल अटाला देवी के मंदिर को तोड़कर अटाला मस्जिद बनाने की जानकारी इतिहास में दर्ज है. वहीं, पूरी मस्जिद में कई जगह मंदिर के पत्थर लगे हुए हैं और वह परिसर मंदिर होने की गवाही देता रहा है. आस पास के हिन्दू लोग भी अटाला देवी की मान्यता होने की वजह से वहां श्रद्धा से सिर झुकाते आए हैं.

अब काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद से ही जौनपुर की अटाला मस्जिद चर्चा में है. वायरल वीडियो में जानकारी सामने आई है कि मस्जिद में लगे मंदिर के साक्ष्य वाले पत्थरों को घिसकर समतल किया जा रहा है.

जानकारी देते एडीएम भूराजस्व रजनीश कुमार राय

गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय (Supreme Court Advocate Ashwani Upadhyay) ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा है कि जौनपुर की अटाला मस्जिद के संबंध में किसी ने एक वीडियो उनको भेजा है. इसमें उनका दावा है कि अटाला मस्जिद में उत्तरी गेट की बॉलकनी को हरे पर्दे से ढंककर दीवारों के पत्थरों को ग्राइंडर से चिकना किया जा रहा है और मंदिर का साक्ष्य नष्ट किया जा रहा है.

उन्होंने इसकी जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी जौनपुर को ट्वीट किया है. इस संबंध में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि ट्वीट मिला है. इसकी जांच कराई जाएगी. अभी कुछ दिन पूर्व भी इस तरह की कुछ बातें उठी थीं. एसडीएम को भेजकर जांच कराई गई, जबकि वहां कुछ नहीं मिला था. हालांकि ट्वीट आया है तो इसकी जांच पुरातत्व विभाग से कराई जाएगी.

वाराणसी के बाबा विश्वनाथ धाम और ज्ञानव्यापी मस्जिद का विवाद इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. कुछ ऐसी ही किवदंतियां जौनपुर में अटाला मस्जिद को लेकर भी है. इसको लेकर कुछ इतिहासकारों ने बताया है कि यहां अटल देवी की मंदिर को तोड़कर अस्टाला मस्जिद बनाया गया है. जिले की इतिहास पर लिखी त्रिपुरारि भास्कर की पुस्तक जौनपुर का इतिहास में अटाला मस्जिद के बारे में भी लिखा गया है, जिन्होंने अटाला के नाम के संबंध पर बताया कि लोगों का विचार है कि यहां पहले अटलदेवी का मंदिर था, क्योंकि अब भी मोहल्ला सिपाह के पास गोमती नदी किनारे अटल देवी का विशाल घाट है.

इसे भी पढे़ंः विधानसभा में CM Yogi का बड़ा ऐलान : विधायक निधि को दिए जाएंगे 5 करोड़, विधानसभा कर्मियों को मिलेगा मानदेय

इसका निर्माण कन्नौज के राजा विजयचंद्र के जरिए हुआ था और इसकी देख-रेख जफराबाद के गहरवार लोग किया करते थे. यह कहा जाता है कि इस मंदिर को गिरा देने का हुक्म फिरोज शाह ने दिया था परंतु हिंदुओं ने बहादुरी से इसका विरोध किया, जिसके कारण समझौता होने पर उसे उसी प्रकार रहने दिया गया था. अंत में 1364 ई. में ख्वाजा कमाल खां ने इसे मस्जिद का रूप देना प्रारंभ किया और 1408 में इसे इब्राहिम शाह ने पूरा किया.

वीडियो के वायरल होने के बाद जब ट्वीट सीएम योगी और डीएम को किया गया उसके बाद आज डीएम ने एक टीम गठित कर मामले की जांच के लिए भेजा. जिसमें एडीएम भूराजस्व रजनीश कुमार राय ने बताया कि अटाला मस्जिद भारतीय पूरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित सरंचना है. जिसका मेन्टेन्स का दायित्व भारतीय पुरातत्व विभाग को है. अटाला मस्जिद को लेकर एक वीडीओ वायरल हुआ था कि जिसको लेकर सनसनी फैलाने का प्रयास किया जा रहा था, जिसमें ये बताया गया कि अंदर पत्थर के घिसाई का काम किया जा रहा है जिसका ऑडियो उस वीडीओ में सुना जा रहा था. लेकिन मस्जिद के बगल में एक मकान बन रहा था जिसका वीडीओ वायरल किया गया था. वहीं, इस मस्जिद को लेकर कल पुरातत्व विभाग की टीम आ रही जो सभी मामलों की जांच पूरी तरह से करेगी.

वहीं, मस्जिद के बाहर बने दुकानों पर किये गए अतिक्रमण को भी हटाने का भी आदेश दिया गया. मस्जिद के अंदर मीडिया के रोक के सवाल पर बोला कि जैसे किले पर टिकट लगाया गया वैसे ही अटाला मस्जिद का भी टिकट लगाया जाये. वीडीओ के ट्वीट पर कहा वकील साहब ने अपना नाम प्रसारित करने के लिए ये ट्वीट किया था.

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जौनपुर: जिले के सिटी कोतवाली स्थित नगर के सिपाह मोहल्ले में गोमती किनारे स्थित अटाला मस्जिद पूरे भारतभर में अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. अटाला मस्जिद पर अब विवाद बढ़ रहा है, जिसको लेकर एक वीडीओ सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद से ही प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल अटाला देवी के मंदिर को तोड़कर अटाला मस्जिद बनाने की जानकारी इतिहास में दर्ज है. वहीं, पूरी मस्जिद में कई जगह मंदिर के पत्थर लगे हुए हैं और वह परिसर मंदिर होने की गवाही देता रहा है. आस पास के हिन्दू लोग भी अटाला देवी की मान्यता होने की वजह से वहां श्रद्धा से सिर झुकाते आए हैं.

अब काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद से ही जौनपुर की अटाला मस्जिद चर्चा में है. वायरल वीडियो में जानकारी सामने आई है कि मस्जिद में लगे मंदिर के साक्ष्य वाले पत्थरों को घिसकर समतल किया जा रहा है.

जानकारी देते एडीएम भूराजस्व रजनीश कुमार राय

गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय (Supreme Court Advocate Ashwani Upadhyay) ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा है कि जौनपुर की अटाला मस्जिद के संबंध में किसी ने एक वीडियो उनको भेजा है. इसमें उनका दावा है कि अटाला मस्जिद में उत्तरी गेट की बॉलकनी को हरे पर्दे से ढंककर दीवारों के पत्थरों को ग्राइंडर से चिकना किया जा रहा है और मंदिर का साक्ष्य नष्ट किया जा रहा है.

उन्होंने इसकी जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी जौनपुर को ट्वीट किया है. इस संबंध में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि ट्वीट मिला है. इसकी जांच कराई जाएगी. अभी कुछ दिन पूर्व भी इस तरह की कुछ बातें उठी थीं. एसडीएम को भेजकर जांच कराई गई, जबकि वहां कुछ नहीं मिला था. हालांकि ट्वीट आया है तो इसकी जांच पुरातत्व विभाग से कराई जाएगी.

वाराणसी के बाबा विश्वनाथ धाम और ज्ञानव्यापी मस्जिद का विवाद इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. कुछ ऐसी ही किवदंतियां जौनपुर में अटाला मस्जिद को लेकर भी है. इसको लेकर कुछ इतिहासकारों ने बताया है कि यहां अटल देवी की मंदिर को तोड़कर अस्टाला मस्जिद बनाया गया है. जिले की इतिहास पर लिखी त्रिपुरारि भास्कर की पुस्तक जौनपुर का इतिहास में अटाला मस्जिद के बारे में भी लिखा गया है, जिन्होंने अटाला के नाम के संबंध पर बताया कि लोगों का विचार है कि यहां पहले अटलदेवी का मंदिर था, क्योंकि अब भी मोहल्ला सिपाह के पास गोमती नदी किनारे अटल देवी का विशाल घाट है.

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इसका निर्माण कन्नौज के राजा विजयचंद्र के जरिए हुआ था और इसकी देख-रेख जफराबाद के गहरवार लोग किया करते थे. यह कहा जाता है कि इस मंदिर को गिरा देने का हुक्म फिरोज शाह ने दिया था परंतु हिंदुओं ने बहादुरी से इसका विरोध किया, जिसके कारण समझौता होने पर उसे उसी प्रकार रहने दिया गया था. अंत में 1364 ई. में ख्वाजा कमाल खां ने इसे मस्जिद का रूप देना प्रारंभ किया और 1408 में इसे इब्राहिम शाह ने पूरा किया.

वीडियो के वायरल होने के बाद जब ट्वीट सीएम योगी और डीएम को किया गया उसके बाद आज डीएम ने एक टीम गठित कर मामले की जांच के लिए भेजा. जिसमें एडीएम भूराजस्व रजनीश कुमार राय ने बताया कि अटाला मस्जिद भारतीय पूरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित सरंचना है. जिसका मेन्टेन्स का दायित्व भारतीय पुरातत्व विभाग को है. अटाला मस्जिद को लेकर एक वीडीओ वायरल हुआ था कि जिसको लेकर सनसनी फैलाने का प्रयास किया जा रहा था, जिसमें ये बताया गया कि अंदर पत्थर के घिसाई का काम किया जा रहा है जिसका ऑडियो उस वीडीओ में सुना जा रहा था. लेकिन मस्जिद के बगल में एक मकान बन रहा था जिसका वीडीओ वायरल किया गया था. वहीं, इस मस्जिद को लेकर कल पुरातत्व विभाग की टीम आ रही जो सभी मामलों की जांच पूरी तरह से करेगी.

वहीं, मस्जिद के बाहर बने दुकानों पर किये गए अतिक्रमण को भी हटाने का भी आदेश दिया गया. मस्जिद के अंदर मीडिया के रोक के सवाल पर बोला कि जैसे किले पर टिकट लगाया गया वैसे ही अटाला मस्जिद का भी टिकट लगाया जाये. वीडीओ के ट्वीट पर कहा वकील साहब ने अपना नाम प्रसारित करने के लिए ये ट्वीट किया था.

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