जौनपुर: कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन 4 शुरू हो गया है. वहीं काम बंद होने से प्रवासी मजदूरों की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं, जिसके चलते मजदूर अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं. सरकार ने इस प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन और रोडवेज की बसें भी चलाई हैं, लेकिन ये लागू व्यवस्था मजदूरों के लिए नाकाफी साबित हो रही है.
प्रवासी मजदूर ट्रकों, साइकिल और पैदल सफर कर रहे हैं. मथुरा में काम करने वाले एक ऐसा ही मजदूर परिवार जब बेरोजगार हो गया तो उसने घर जाने की सोची, लेकिन जब कोई साधन नहीं मिला तो उसने अपने रिक्शा को जुगाड़ गाड़ी के रूप में तब्दील किया. फिर इस रिक्शे पर परिवार के 9 सदस्यों के साथ गृहस्ती का सामान लादकर निकल पड़े. 5 दिनों में यह परिवार जौनपुर पहुंचा है. परिवार के लोग अब काफी खुश है, क्योंकि उनका घर भी अब नजदीक है.
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दो जुगाड़ गाड़ियों पर 15 से ज्यादा लोग सवार होकर आजमगढ़ के लिए निकले हैं. जौनपुर तक इन्हें 5 दिन लग गए, लेकिन इस मुश्किल दौर में उनके लिए यह गाड़ी बहुत काम की है. वहीं सड़क पर गुजरने के बाद ग्रामीण भी इस गाड़ी को बड़े ध्यान से देखते हैं. जुगाड़ गाड़ी से सफर कर रही अनीता बताती है कि मथुरा से वह आजमगढ़ जा रहे हैं. 5 दिन हो गए इस गाड़ी पर सफर करते हुए.
जुगाड़ गाड़ी से सफर कर रहे आलोक ने बताया कि वह सड़क बनाने का काम करते हैं, लेकिन इन दिनों काम धंधा बंद होने के चलते वह खाने-पीने के लिए भी परेशान होने लगे. उन्होंने काम करने के लिए बनाई हुई ट्रॉली को जुगाड़ गाड़ी के रूप में तैयार किया और उस पर पूरे परिवार के लोगों को लादकर घर के लिए निकल गए.
गाड़ी पर सफर करने वाली पार्वती देवी कहती हैं कि इस मुश्किल दौर में कोरोना के कारण सब काम-धंधा बंद हो गया. अपने घर जाने के लिए जब कोई साधन नहीं मिला तो जुगाड़ गाड़ी सवार होकर निकल गए हैं. आजमगढ़ जाना है, उन्हें चले हुए 5 दिन हो गए.