जालौन: कोरोना काल में जरूरतमंदों को राशन सामग्री मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सभी जिलों को निर्देश दिया गया था. इसके बाद जिला पूर्ति विभाग की देख-रेख में राशन कोटेदारों के जरिए जिले में जरूरतमंदों को खाद्यान्न का वितरण कराया गया. वहीं जिले के कई कोटेदारों ने पात्रों को राशन सामग्री का वितरण नहीं किया. कोटेदारों ने राशन की कालाबाजारी कर मेटा मुनाफा कमाया. इसका खुलासा तब हुआ, जब चुर्खी पुलिस ने चावल से लदी पिकअप गाड़ी को पकड़ा. पुलिस ने इसकी जानकारी सप्लाई इंस्पेक्टर को दी है.
पूरा मामला उरई मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर चुर्खी थाना क्षेत्र का है, जहां पिकअप के जरिए गरीबों का राशन कालाबाजारी के लिए औरैया जा रहा था. चुर्खी थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पिकअप को रोककर जांच की तो उसमें 35 बोरी चावल मिला. इसे खाद्यान्न माफिया बेचने के लिए औरैया ले जा रहे थे.
मौके पर पहुंचे सप्लाई इंस्पेक्टर अजीत यादव ने बताया कि 35 बोरी सरकारी चावल को पकड़ गया है, जो कालाबाजारी कर मंडी में बेचने के लिए जा रहा था. विभाग और पुलिस टीम इसकी जांच कर रही है कि यह सरकारी चावल कहां से उठाया गया और इस कालाबाजारी में कौन लोग शामिल हैं.
एसडीएम सत्येंद्र सिंह ने बताया कि गरीबों को दिए जाने वाले राशन की कालाबाजारी किसी भी कीमत पर नहीं होने दी जाएगी. इसके लिए टीमों को लगा दिया गया है. पकड़े गए चावल का हर कोटदार के राशन से मिलान किया जा रहा है. वहीं समय से राशन मिलने को लेकर ग्रामीणों से भी बातचीत की जा रही है. उन्होंने बताया कि जिस कोटेदार के खिलाफ राशन सामग्री वितरण में अनियमितता पाई जाएगी, उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी.