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जालौन: प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत नहीं मिला काम, डीएम नाराज - जालौन में नहीं मिला काम

जालौन जिले में शुक्रवार को डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने कई विभागों के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. डीएम ने प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने की बात कही थी. इस पर अभी तक कई विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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समीक्षा बैठक
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Published : Jul 17, 2020, 9:45 PM IST

जालौन: उरई में शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने कई विभागों के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. दरअसल पिछले दिनों डीएम ने प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने की बात कही थी. इस पर कई विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की थी, इस कारण अभी तक बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल पाया है. डीएम ने पूरे मामले में मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जांच के निर्देश दिए हैं.

कोरोना महामारी के चलते जनपद में 40 हजार से अधिक गैर प्रांत से मजदूर वापस लौटे हैं. शासन के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी, नलकूप, सिंचाई, नहर विभाग, लघु सिंचाई, ग्राम विकास जैसे एक दर्जन से अधिक विभागों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए गए थे. जिसमें जिला प्रशासन ने 10,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों के जॉब कार्ड बनाकर उन्हें मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी की थी.

वहीं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण मनरेगा के तहत मजदूरों से काम नहीं कराया गया. पूरे मामले की छानबीन के लिए डीएम ने इस बीच हुए काम की सूची उपलब्ध कराने की बात कही और प्रस्तावित कार्यों के शुरू न होने पर सभी विभागों के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई.

मुख्य विकास अधिकारी करेंगे जांच
जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच सौंपी है. जिसमें विभागों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची की मौके पर जाकर जांच की जाएगी. मनरेगा के तहत कितने मजदूरों को विभागों ने काम दिया है और कितने लोगों का भुगतान किया गया है. इसकी जांच होगी. जांच की समय सीमा 4 दिन तय की गई है.

जालौन: उरई में शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने कई विभागों के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. दरअसल पिछले दिनों डीएम ने प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने की बात कही थी. इस पर कई विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की थी, इस कारण अभी तक बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल पाया है. डीएम ने पूरे मामले में मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जांच के निर्देश दिए हैं.

कोरोना महामारी के चलते जनपद में 40 हजार से अधिक गैर प्रांत से मजदूर वापस लौटे हैं. शासन के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी, नलकूप, सिंचाई, नहर विभाग, लघु सिंचाई, ग्राम विकास जैसे एक दर्जन से अधिक विभागों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए गए थे. जिसमें जिला प्रशासन ने 10,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों के जॉब कार्ड बनाकर उन्हें मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी की थी.

वहीं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण मनरेगा के तहत मजदूरों से काम नहीं कराया गया. पूरे मामले की छानबीन के लिए डीएम ने इस बीच हुए काम की सूची उपलब्ध कराने की बात कही और प्रस्तावित कार्यों के शुरू न होने पर सभी विभागों के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई.

मुख्य विकास अधिकारी करेंगे जांच
जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच सौंपी है. जिसमें विभागों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची की मौके पर जाकर जांच की जाएगी. मनरेगा के तहत कितने मजदूरों को विभागों ने काम दिया है और कितने लोगों का भुगतान किया गया है. इसकी जांच होगी. जांच की समय सीमा 4 दिन तय की गई है.

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