जालौन: जिले में 21 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के बैनर तले प्रांतीय आह्वान पर लोक निर्माण विभाग के साथ 24 विभागों ने मिलकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन प्रांतीय खंड परिसर में किया. इंजीनियर्स महासंघ ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर अपनी मांगों को पूरा करने की आवाज उठाई.
विशाल धरना प्रदर्शन का किया जाएगा आयोजन
धरना दे रहे डिप्लोमा इंजीनियर्स का कहना है कि प्रदेश के समस्त निगम और निकायों के सार्वजनिक उपक्रमों, प्राधिकरणों, शैक्षिक संस्थानों आदि के डिप्लोमा इंजीनियर स्कोर अनुराज विभागों की भांति समान दर वर्तमान तिथि से वेतनमान भत्ते और कैशलेस चिकित्सा सुविधाएं जैसी सेवाओं का लाभ दिया जाए. यह धरना प्रदर्शन मांगों को लेकर किया गया था. अगर यह मांगें नहीं मानी जाती तो प्रांतीय आह्वान पर विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
हरदोई में डिप्लोमा इंजीनियरों ने बुलंद की अपनी आवाज
उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर के धरना स्थल पर एकत्र होकर अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा उनकी तमाम मांगों पर विगत लंबे समय से कोई विचार नहीं किया जा रहा है. इसी कारण आज सभी डिप्लोमा इंजीनियर्स प्रदर्शन करने को मजबूर हुए हैं.
इंजीनियरों में आक्रोश
उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के बैनर तले बुधवार को जिले के इंजीनियर्स ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही नारेबाजी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया. इनकी प्रमुख मांग वेतमान बढ़ाये जाने की है. संघ के अध्यक्ष ने कहा कि आईजीपी को बढ़ा कर 4800 किया जाए. साथ ही वर्तमान में 4200 ग्रेड पे के अनुसार ही भत्ती भी प्रदान किया जाए. इसी के साथ पेंशन बहाली की समस्याओं का भी निराकरण किया जाए. अध्यक्ष ने कहा कि डिप्लोमा इंजीनियरों का किया जा रहा शोषण बंद किया जाए.
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वहीं बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी लगाए जाने से तमाम कठिनाइयों का सामना किये जाने का दर्द भी प्रदर्शनकर्ताओं ने बयां किया. सुबह 5 से रात आठ बजे जब इंजीनियर घर लौटेगा तो बजट कैसे मेंटेन करेगा. मार्च का महीना सिर पर है और तमाम विभागीय कार्य लंबित पड़े हैं. ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी लगाए जाने को प्रदर्शनकर्ताओं ने गलत बताया. दूसरी ओर एक वर्ष पूर्व जल निगम के एक अवर अभियंता की निर्मम हत्या को देखते हुए डिप्लोमा इंजीनियर्स को सुरक्षा व्यवस्था प्रदान किये जाने की मांग भी अध्यक्ष ने की, ताकि वे निश्चिंत और सुरक्षित महसूस कर अपने कार्य का निर्वाह कर सकें. इसी के साथ सेंटेज को 12 फीसदी से बढ़ा कर 18 फीसदी किये जाने जैसी करीब 21 सूत्रीय मांगों को लेकर सभी ने प्रदर्शन किया.
ये प्रदर्शन तो सिर्फ एक भूमिका है. भविष्य में शासन और सरकार ने अगर हमारी जायज मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो प्रदेश के करीब 27 हजार डिप्लोमा इंजीनियर्स उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
-नवीन कुमार सेहगल, अध्यक्ष डिप्लोमा महासंघ