जालौन: जिले में उरई मुख्यालय के तहसील सभागार में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के कारण किसानों को आपदा राहत के तहत प्रमाण पत्र बांटे गये. मुआवजे का प्रमाण पत्र पाकर किसानों में खुशी की लहर है. ओलावृष्टि के कारण 35 गांव के किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी. इसके लिए प्रशासन ने सर्वे कराकर 7 करोड़ 90 लाख रुपये की मांग शासन को भेजी थी. जिस पर शासन ने संज्ञान लेते हुए धनराशि जारी कर किसानों को राहत दी है.
जालौन में दिसंबर महीने में बारिश और ओलावृष्टि के कारण 33 गांव के किसानों की फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो गई थी, जिससे किसानों के ऊपर भारी संकट छा गया था. इस दैवीय आपदा से राहत दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने शासन से राहत की मांग की गई थी, जिसको प्रशासन ने सर्वे कराकर 7 करोड़ 90 लाख रुपये की धनराशि शासन को भेजी थी. जिस पर दैवीय आपदा प्रबंधन समिति के सभापति ने जांच कराकर शासन के द्वारा पैसा रिलीज कर दिया गया, जिसके तहत उरई के तहसील सभागार में कैंप लगाकर किसानों को प्रमाण पत्र बांटे गए.
किसान संदीप नायक ने बताया कि उनकी 2 हेक्टेयर भूमि की फसल बर्बाद हो गई थी, जिसमें शासन की तरफ से 27 हजार रुपये का मुआवजा उनको दिया गया है. वहीं सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा का कहना है कि ओलावृष्टि से किसानों की फसलों के नुकसान पर आपदा राहत के तहत 26 गांव के किसानों को एक करोड़ से अधिक की मुआवजा राशि के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं. बाकी बकाया किसानों को भी जल्द ही उनके खातों में धनराशि भेज दी जाएगी.
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