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जालौन: प्रशासन ट्रेस और ट्रीट की रणनीति से तोड़ेगा कोरोना संक्रमण का चेन

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में तीसरे कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए 35 संदिग्धों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं प्रशासन अब एक रणनीति तैयार कर अन्य लोगों के जांच कराने में जुट गया है.

कोरोना वायरस के फैलने से रोकने के लिए प्रशासन रणनीति तैयार कर रहा
कोरोना वायरस के फैलने से रोकने के लिए प्रशासन रणनीति तैयार कर रहा
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Published : May 2, 2020, 12:34 PM IST

जालौन: जनपद में अब तक कुल कोरोना वायरस के तीन संक्रमित मरीज पाए गए है. संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तीन पहुंचने के बाद जिला प्रशासन ट्रेस और ट्रीट के आधार पर काम कर रहा है. वहीं तीसरे संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए 35 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. तीसरे संक्रमित मरीज से जुड़े लोगों का दायरा काफी ज्यादा है. इस कारण अभी और लोगों का सैंपल लेकर झांसी मेडिकल लैब के लिए भेजा जा रहा है.

35 लोगों की रिपोर्ट आई निगेटिव
जनपद में गुरूवार की सुबह तीसरे संक्रमित मरीज से जुड़े 35 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस लिया है. कोरोना संक्रमण के फैलाव और उसके चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन एक रणनीति बनाकर काम कर रहा है. इसके लिए पुलिस, प्रशासन, डॉक्टर और लोकल इंटेलिजेंस की टीम एक साथ अलग-अलग रणनीति पर काम कर रही है.

जानिए प्रशासन की रणनीति
पहला कोरोना संक्रमित पाए गए मरीज के दो किलोमीटर दायरे को रेड जोन में अलर्ट कर दिया गया है. उस क्षेत्र में पुलिस की नाकाबंदी लगाकर लोगों को घरों में कैद कर दिया गया है. दूसरा प्रशासन रेड जोन एरिया में रह रहे लोगों को आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो इसके लिए लगातार कोरोना कंट्रोल रूम से उन्हें मदद पहुंचा रहा है.

तीसरा डॉक्टर, पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की तलाश कर उनकी जांच के लिए सैंपल लेकर झांसी मेडिकल लैब पहुंचाने का काम कर रहा है.

चौथा जिला प्रशासन पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और सर्विलांस टीम की मदद से उन लोगों की तलाश करने में जुटी हुई है, जो सीधे तौर पर संक्रमित मरीज के संपर्क में आने पर भी सामने नहीं आ रहे हैं. इसके लिए कोरोना संक्रमित मरीज के मोबाइल नंबर से यह ट्रेस किया जा रहा है कि वह पिछले 15 दिनों में मरीज की लोकेशन क्या-क्या रही है. इसके आधार पर उनसे जुड़े लोगों और फोन कॉल के माध्यम से लोगों को शिनाख्त कर उनको ढूंढकर होम क्वरेंटाइन के साथ सैंपल लेकर कोरोना की टेस्टिंग के लिए भेजा जा रहा है. इससे कोरोना के बढ़ते कदम को रोका जा सके. अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन के इस कदम से कोराना के संक्रमण को कितना रोक पाता है.

जालौन: जनपद में अब तक कुल कोरोना वायरस के तीन संक्रमित मरीज पाए गए है. संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तीन पहुंचने के बाद जिला प्रशासन ट्रेस और ट्रीट के आधार पर काम कर रहा है. वहीं तीसरे संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए 35 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. तीसरे संक्रमित मरीज से जुड़े लोगों का दायरा काफी ज्यादा है. इस कारण अभी और लोगों का सैंपल लेकर झांसी मेडिकल लैब के लिए भेजा जा रहा है.

35 लोगों की रिपोर्ट आई निगेटिव
जनपद में गुरूवार की सुबह तीसरे संक्रमित मरीज से जुड़े 35 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस लिया है. कोरोना संक्रमण के फैलाव और उसके चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन एक रणनीति बनाकर काम कर रहा है. इसके लिए पुलिस, प्रशासन, डॉक्टर और लोकल इंटेलिजेंस की टीम एक साथ अलग-अलग रणनीति पर काम कर रही है.

जानिए प्रशासन की रणनीति
पहला कोरोना संक्रमित पाए गए मरीज के दो किलोमीटर दायरे को रेड जोन में अलर्ट कर दिया गया है. उस क्षेत्र में पुलिस की नाकाबंदी लगाकर लोगों को घरों में कैद कर दिया गया है. दूसरा प्रशासन रेड जोन एरिया में रह रहे लोगों को आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो इसके लिए लगातार कोरोना कंट्रोल रूम से उन्हें मदद पहुंचा रहा है.

तीसरा डॉक्टर, पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की तलाश कर उनकी जांच के लिए सैंपल लेकर झांसी मेडिकल लैब पहुंचाने का काम कर रहा है.

चौथा जिला प्रशासन पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और सर्विलांस टीम की मदद से उन लोगों की तलाश करने में जुटी हुई है, जो सीधे तौर पर संक्रमित मरीज के संपर्क में आने पर भी सामने नहीं आ रहे हैं. इसके लिए कोरोना संक्रमित मरीज के मोबाइल नंबर से यह ट्रेस किया जा रहा है कि वह पिछले 15 दिनों में मरीज की लोकेशन क्या-क्या रही है. इसके आधार पर उनसे जुड़े लोगों और फोन कॉल के माध्यम से लोगों को शिनाख्त कर उनको ढूंढकर होम क्वरेंटाइन के साथ सैंपल लेकर कोरोना की टेस्टिंग के लिए भेजा जा रहा है. इससे कोरोना के बढ़ते कदम को रोका जा सके. अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन के इस कदम से कोराना के संक्रमण को कितना रोक पाता है.

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